हमने नहीं जीता, बल्कि खुद भारतीयों ने भारत को जीत कर हमारे प्लेट पर रख दिया –उदारवादी ब्रिटिश इतिहासकार – सर जे.आर. सिली -सुरेंद्र किशोर-

ब्रिटिश इतिहासकार सर जे.आर.सिली (1834-1895)ने लिखा है कि ब्रिटिशर्स ने भारत को कैसे जीता।
(राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेख,स्तंभ के माध्यम से तत्कालीन ज्वलंत विषयों प्रकाशित सुरेंद्र किशोर की बेबाक लेखन शैली पाठकों के मनमस्तिष्क पर विशिष्ट छाप छोड़ जाती है।)
मशहूर किताब ‘द एक्सपेंसन आॅफ इंगलैंड’ के लेखक सिली  की स्थापना थी कि
‘‘हमने (यानी अंग्रेजों ने) नहीं जीता,बल्कि खुद भारतीयों ने ही भारत को जीत कर हमारे प्लेट पर रख दिया।’’
  चैधरी चरण सिंह ने सर जे.आर.सिली की पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद करवाकर बंटवाया था।
  चरण सिंह ने एक तरह से हमें चेताया था कि यदि इस देश में गद्दार मजबूत होंगे तो देश नहीं बचेगा।
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मध्य युग में भी वीरता की कमी के कारण हम नहीं हारे।
बल्कि आधुनिक हथियारों की कमी और आपसी फूट के कारण हारे।
हमारे राजा अपने विदेशी दुश्मन की माफी को बार-बार स्वीकार कर उसे बख्श देते थे।
  पर, दुश्मन एक बार भी नहीं बख्शता था।
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आजादी के तत्काल बाद के हमारे हुक्मरानों ने यह सुनिश्चित किया कि ऐसा इतिहास लिखवाया जाए जिसमें हमारे देश के शूरमाओं के शौर्य और वीरता की चर्चा तक नहीं हो।
वे इस काम में सफल रहे।
उनका तर्क था कि इससे हिन्दुत्व पनपेगा।
यानी, भले दूसरा धर्म पनप जाए किंतु हिन्दुत्व न पनपे।
यही थी अपने वोट बैंक की रक्षा की उनकी रणनीति।
अब उनकी वह रणनीति फेल हो रही है।
पर उसने देश का नुकसान तो कर ही दिया।
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आज की स्थिति क्या है ?
आज की स्थिति का पता ठीकठाक यानी ईमानदार अध्ययन
हो तो चल जाएगा।
वैसे वास्तविक स्थिति यह है कि आज इस देश में गद्दारों की संख्या मध्य युग और ब्रिटिश काल से भी काफी अधिक हो चुकी है।
  जिन्हें मेरी बात पर विश्वास न हो,वे कम से कम निजी टी.वी.चैनलों के डिबेट्स को ही ध्यान से देख-सुन लें।
इस तरह आज उपस्थित भीषण व चैतरफा खतरों के समक्ष इस देश का भगवान ही मालिक है।

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