…अश्विनी वैष्णव को मोदी जी ऐसे स्टेट से चुनाव जितवा कर ले आए जहाँ से भाजपा के पास ख़ुद का प्रत्याशी जिताने लायक़ वोट ही नहीं थे

सिर्फ़ दो साल पहले 22 जून 2019 को भाजपा जॉइन करने वाले नए बने भारत के रेल मंत्री बहुत प्रॉमिसिंग लग रहे हैं। आईएएस के इग्ज़ैम में भी टॉप करने वाले अश्विनी वैष्णव का एजुकेशन तो सबको पता चल ही गया होगा कि वो IIT से MTech कर चुके हैं और अमेरिका के टॉप इन्स्टिटूट्स में से एक वॉर्टन से MBA किए हुए हैं। ये भी पता ही होगा कि वो अटल जी के पर्सनल सेक्रेटेरी की हैसियत से काम कर चुके हैं।

लेकिन जो बात शायद कम लोगों को पता होगी कि 22 जून 2019 को उन्हें भाजपा जॉइन करवाने के बाद उसी साल यानि 5 जुलाई 2019 को उड़ीसा से राज्यसभा का चुनाव जिताने की स्थिति में भाजपा थी नहीं, क्यूँकि उड़ीसा की 147 सदस्यों की विधानसभा में 111 सदस्य तो बीजू जनता दल के पास थे और बीजू जनता दल अपने राज्यसभा प्रत्याशियों के नाम भी घोषित कर चुका था।

उसके बाद ख़ुद नवीन पटनायक ने ये बात बताई थी कि उनके पास गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ़ोन आया और उन्होंने नवीन पटनायक से अश्विनी वैष्णव को राज्यसभा भेजने में मदद करने की गुज़ारिश की इसीलिए बीजू जनता दल अश्विनी वैष्णव को सपोर्ट करेगा। और इस तरह अश्विनी वैष्णव को मोदी जी ऐसे स्टेट से चुनाव जितवा कर ले आए जहाँ से भाजपा के पास ख़ुद का प्रत्याशी जिताने लायक़ वोट ही नहीं थे।

अब आप ख़ुद सोचिए, एक व्यक्ति से सिर्फ़ दस दिन पहले पार्टी जॉइन करवाई गयी और उसे राज्यसभा में लाने के लिए सरकार और पार्टी के दोनों सबसे बड़े लोग दूसरी पार्टी के नेता से रिक्वेस्ट कर रहे थे। इसका मतलब साफ़ है, अश्विनी वैष्णव को बड़ी ज़िम्मेदारी दिया जाना तय था और दो साल का इंतेज़ार इसीलिए कराया गया ताकि वो अपने आप को इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए तैयार कर लें।

कोंग्रेस में अब ऐसा नहीं होता, किसी समय इंदिरा गांधी ने राजेश पायलट को और राजीव गांधी ने सैम पेट्रोडा जैसे काबिल लोगों को इसी तरह अपनी पार्टी में शामिल किया था। लेकिन अब ऐसा नहीं होता, बल्कि अब काबिल लोगों को और दबाया जाता है।

एक बात याद रखिए, क़ाबिलियत पहचानने और काबिल पर भरोसा जताने के लिए आपके अंदर दो चीज़ें चाहिए होती हैं, एक क़ाबिलियत पहचानने की क़ाबिलियत और किसी क़ाबिल पर भरोसा जता पाने के लिए ख़ुद पर भरोसा, और यहाँ इसमें भाजपा के वर्तमान नेतृत्व ने अपने आपको इन दोनों बातों में साबित किया है।

अश्विनी वैष्णव जी अगर इस बड़ी ज़िम्मेदारी को सफलता पूर्वक निभा लेते हैं तो वो भविष्य में भाजपा का एक बड़ा दांव बनकर उभरेंगे…मेरी शुभकामनाएँ उन्हें…

साभार-अजीत डोभाल

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *