कैलाश पर्वत पर लहराएगा तिरंगा.. होगा भारत का कब्जा… जाने कब तक ?

फोकस चीन पर..पाक कोंटे में

अब तक लगभग 2 लाख से अधिक सैनिकों को चीन की सीमा पर भेजा गया है। चीन से मुकाबले के लिए भारत के इस कदम को ऐतिहासिक बताया जा रहा है। भारत ने पिछले कुछ महीनों में चीनी सीमा से सटे तीन अलग-अलग इलाकों में सैन्य टुकड़ियों और युद्धक विमानों को तैनात किया है। फौज की तैनाटी गत वर्ष से 40% अधिक है।पिछले वर्ष 15 जून के गलवान हमले के बाद से से पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ मामले को कोंटे में रखकर चीनी सीमा पर फोकस करने की रणनीति अपना ली है।

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2014 के बाद पर्याप्त फौज चीनी सीमा पर

2014 के पूर्व पहले सीमा पर चीनी अतिक्रमण रोकने के लिए लगभग अपर्याप्त सैनिक तैनाती थी जिसके कारण मनमोहन सिंह के कार्यकाल में चीनी सैनिक भीतर तक घुस आए थे और मीडिया के अनुसार लगभग 5 km तक लंबी सड़क भी बना ली और तब मनमोहन सिंह ने कहा था कि इस मामले को ज्यादा तूल देने की जरुरत नहीं है।

आक्रामक नीति है PM मोदी की

भारत अब 1962 के खून के आंसू बहाने वाला भारत नहीं रहा बल्कि खून के आंसू रुलाने वाला भारत बन चुका है। सीधे 2 टूक बात करने के साथ हर हमलों का का कड़ा जवाब देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अब सेना ने दल-बल में भारी बढ़ोत्तरी करके जवाबी हमला करने और चीनी सीमा में प्रवेश करने की क्षमता भी प्राप्त कर ली है। देखा जाए तो PM मोदी भी अब चीन के खिलाफ ‘ऑफेंसिव डिफेंस’ की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

चीन के पास हथियार है लेकिन लड़ने का अनुभव भारतीय सैनिकों में

कोई दो मत नहीं है कि चीन के पास ज्यादा हथियार है लेकिन हथियार के साथ अनुभव भी होना चाहिए। चीनी सैनिकों के पास वियतनाम और 1962 के धोखे से किए गए युद्ध के अलावा और कोई अनुभव नहीं है, जो कि उसका सबसे बड़ा नकारात्मक पक्ष है, जबकि भारतीय सैनिक लगातार पाकिस्तान या अन्य मोर्चों पर अपना कौशल दिखातें ही रहें हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी की चेतावनी

केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार कई मोर्चों पर भिड़ने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने भी पिछले दिनों एक ट्वीट करते हुए कहा था कि विराट हिंदुस्तान उभर रहा है, कोई इसे रसगुल्ले न समझे, तो क्या स्वामी भी समझते हैं कि कुछ बड़ा होने वाला है ?

 

स्वामी ने कहा था कि ” विराट हिंदुस्तान उभर रहा है जो कि रसगुल्लों (जब-तक वे हमारे कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस नहीं कर देते) का नहीं होगा। चीन को ये बात बताने का एक तरीका ये है कि अटलबिहारी बाजपेयी की साल 2003 की सेलआउट ट्रीट्री ( तिब्बत के 4 तरह के विभाजन पर सहमति और 3 भागों को आसन्न प्रांतों के साथ विलय करना) खत्म हो चुकी है।”

PM मोदी के धैर्य से अचानक बड़े-कड़े फैसले की नीति

हमले की स्थिति बनने पर कोरोना के कारण भन्नाया हुआ वैश्विक परिदृश्य भारत के साथ मजबूती से खड़ा होगा। PM मोदी बोलते नहीं बल्कि अचानक कुछ नोटबंदी, GST, धारा 370 की तरह ऐसा कर जाते हैं कि सबकी बोलती बंद हो जाती है या कहें कि महाभारत में अर्जुन ने जिस प्रकार से तीर से कुत्ते का मुंह तीर से भरकर उसका भौंकना बंद करा दिया था, लगभग यही स्थिति अनावश्यक बकवास करने वाले विपक्षी दलों की हो जाती है। ताजा तीर तो पूरे देश में Free vaccination का छोड़कर मुंह बंद किया था।

कैलाश पर्वत पर भारतीय सेना लहरायेगी तिरंगा

बड़े धैर्य से राफेलों के आने की प्रतीक्षा के साथ उसकी तैनाती, सीमा लगातार बढ़ती चौकसी, सैन्य सामग्रियों का एकत्रीकरण क्या नया इतिहास रचने की तैयारी PM मोदी  कर रहें हैं ? महादेव भगवान श्रीराम के आराध्य हैं, तो क्या श्रीराम के बाद कैलाश पर्वत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखे निशाना साधने की तैयारियों में लगे हुए हैं ? क्या शीघ्र ही कैलाश पर्वत चीन के कब्जे से भारतीय सेना छीनकर अपने कब्जे में ले लेगी ? कैलाश पर्वत पर क्या तिरंगा लहराएगा ?

 

Astro निशांत ताम्रकर (+917974939026)

राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई सफल भविष्यवाणियां कर चुके ज्योतिष निशांत ताम्रकार  कैलाश पर्वत पर भारत के कब्जे को लेकर  15 सितंबर 2020 को अपने timeline पर post कर चुके हैं। इस संबंध में अपनी गणना में कहते हैं कि :-

(इस लिंक पर पूर्व के कुछ विश्लेषण.. https://veerchhattisgarh.in/?p=4852)

नमस्कार मित्रो

कैलाश मानसरोवर पर्वत

जब श्री राम पधार चुके है तो भगवान शिव को अब विलम्ब कैसा?

वक्त जल्द ही यह सुनिश्चित करेगा कि कैलाश मानसरोवर पर्वत जो सिर्फ और सिर्फ भारत की धरोहर है कब तक चीन उस पर अनाधिकृत कब्जा रख पाएंगा?

आज 15।09।2020 08।38 पनागर पर मैंने एक प्रश्न कुंडली निर्मित की जिसमे मेरा उद्देश्य भारत की उस महान धरोहर पर उस नापाक कब्जे के हटने का योग कब है? पर है।

कुंडली तुला लग्न मंगल के नक्षत्र पर आई है।

ग्रह योग यह स्पस्ट संकेत दे रहे। वो दिन दूर नही जब कैलाश मानसरोवर पर तिरंगा होगा।

यह कब होगा इस पर हम जल्द ही इसी पोस्ट में एडिट कर के जोड़ेंगे।

शिवकृपा रही तो जल्द मैं पोस्ट से और सेना अपने हथियार से हमला कर कब्जा करेगी।

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आइए मित्रो जानते है कैलाश मानसरोवर पर तिरंगा कब होगा?

6 का स्वामी  8 हमे इनका अध्यन करना होगा।अब गुरु मार्गी है और शुक्र के नक्षत्र में है।

यहां यह बात क्लियर हो गयी हमे 6 3 8 10 भाव मील गए।

अब एक ताज्जुब

मंगल का सामान्य सम्बन्ध है इसका मतलब सामान्य पराक्रम ही हमे कब्जा दिला देगा।

बुध की दशा है जो 12 8 से कनेक्ट है और गुरु का अंतर जो पहले ही 3 8 10 दिखा चुका है।

शनि सूर्य के नक्षत्र में है और तुला की की ऊँचाई को जमीन से देख रहे।

अब मुझे अप्रैल से अगस्त 2021 इस बात की संभावना दिखती है कि हम अपनी धरोहर पाने के लिए प्रयास शुरू कर लेंगे।( यहां स्पस्ट करने एडिट किया कि यह वक्त प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका दिखा रहा  )

एडिटेड लाइन ( यह वक्त मुझे विशेष तौर पर धरोहर पाने के लिये संकेत करता है )अतः 5 जून 2022 के पहले कैलाश पर्वत पर तिरंगा होगा।

यह मेरा प्रयास है अंतिम निर्णायक तो केवल भोलेनाथ है।

हर हर महादेव

जय हिंद

 

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