ऑक्सीजन संकट से उबारने वेदांता की सुप्रीम कोर्ट में याचिका…सुनवाई कल

वेदांता समूह ने आज कहा कि देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सरकार का समर्थन करने के लिए समूह की कंपनियों हिंदुस्‍तान जिंक लिमिटेड व ईएसएल ने वेदांता केयर्स पहल के तहत कोविड-19 मरीजों को ऑक्‍सीजन आपूर्ति के लिए अपना उत्‍पादन बढ़ा दिया है।

कंपनी ने अपने बयान में कहा कि स्‍टरलाइट कॉपर, जिसके पास तूतीकोरन में देश की सबसे बड़ी ऑक्‍सीजन उत्‍पादन इकाई है, ने तमिलनाडु सरकार और केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्ष वर्धन से संपर्क कर मदद की पेशकश की है। कंपनी ने देश में ऑक्‍सीजन की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए अपने 1,000 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले ऑक्‍सीजन प्‍लांट को चालू करने की मंजूरी मांगी है।

कंपनी ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई होगी।आज भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के समक्ष वेदांता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने मामले का उल्लेख किया।

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हिंदुस्‍तान जिंक ने उदयपुर हेल्‍थ एडमिनिस्‍ट्रेशन को 1500 लीटर इंडस्ट्रियल ऑक्‍सीजन उपलब्‍ध करवाई है। कंपनी ने राजपुरा दरीबा कॉम्‍प्‍लेक्‍स स्थित अपने इंडस्ट्रियल ऑक्‍सीजन प्‍लांट से 1000 लीटर तरल ऑक्‍सीजन को ट्रांसपोर्ट किया है। यहां से कंपनी अपने मासिक ऑक्‍सीजन उत्‍पादन को 100 प्रतिशत अस्‍प्‍तालों को उपलब्‍ध कराती है। कंपनी ने कहा कि वह वर्तमान में प्रतिदिन पांच टन मेडिकल ऑक्‍सीजन की आपूर्ति कर रही है। कंपनी अपनी क्षमता में अतिरिक्‍त 2-3 टन प्रतिदिन की बढ़ोतरी करने की प्रक्रिया में है।