केंद्र सरकार का नया नियम : गवाही देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते..

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार अस्पताल या पुलिस अधिकारी द्वारा दुर्घटना के बाद मौके पर मदद करने वाले लोगों को नाम, पता, पहचान, फोन नंबर या दूसरी पर्सनल डिटेल्स देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा। साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि अगर मदद करने वाला व्‍यक्ति खुद चाहे तो अपनी पर्सनल डिटेल्‍स अधिकारियों को उपलब्‍ध करा सकता है।

केंद्र सरकार की ओर से जारी नए नियमों में कहा गया है कि अगर कोई व्‍यक्ति दुर्घटना के मामले में अपनी मर्जी से चश्‍मदीद गवाह बनने के लिए तैयार हो तो उससे नए कानून के प्रावधानों के तहत ही पूछताछ की जाए। इसके लिए मोटर व्‍हीकल (एमेंडमेंट) एक्‍ट, 2019 में धारा-134A को जोड़ा गया है। इसके तहत मदद करने वाले व्‍यक्ति को सुरक्षा दी गई है। इसमें साफ है कि मदद करने वाला व्‍यक्ति दुर्घटना के शिकार व्‍यक्ति को पहुंचने वाली किसी चोट या उसकी मौत के लिए जिम्‍मेदार नहीं माना जाएगा। उसके खिलाफ किसी तरह का सिविल या क्रिमिनल केस दर्ज नहीं किया जा सकता है।

नए नियमों के लागू होने से सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को तत्‍काल मदद मिलना संभव होगा और मृत्‍युदर पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है।