संसद भवन का खराब वास्तु : नए संसद भवन की खास बातें

साल 2002 में तत्कालीन लोकसभा स्पीकर मनोहर जोशी ने पहली बार ये कहा था कि भारत का संसद भवन वास्तुदोष से ग्रसित है। 13 सांसदों की मौत के बाद जोशी की ये आशंका और भी प्रबल हो गई थी। 13 सांसदों में पूर्व स्पीकर जीएम बालयोगी भी शामिल थे। एक हेलीकॉप्टर हादसे में उनकी मौत हो गई थी। वहीं, इसके एक साल पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हमला भी हो चुका था।

इसके बाद मनोहर जोशी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सहमति के बाद संसद भवन में वास्तु एक्सपर्ट की सेवाएं लीं। वास्तु एक्सपर्ट अश्विनी कुमार बंसल ने वास्तुदोष का पता लगाया और इसे दूर करने के उपाय भी बताएं। उस दौरान बंसल दो बार संसद भवन गए थे, तब उन्हें गंभीर खामियां मिलीं और जोशी को इसकी पूरी जानकारी दी। लेकिन, वाम-उदारवादी तबकों के डर से इस जानकारी को छिपा कर रखा गया था, क्योंकि ये राजनीतिक वर्ग वास्तुदोष पर यकीन नहीं करते थे।

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वास्तु एक्सपर्ट अश्विनी कुमार बंसल ने लोकसभा में सीटिंग अरेंजमेंट पर ऐतराज जताया था। उनका कहना था कि लोकसभा में बैठने की व्यवस्था D शेप की तरह है. वास्तुशास्त्र के हिसाब से ये सही नहीं है। लोकसभा में प्रधानमंत्री उत्तरी-पश्चिमी दिशा में बैठते हैं. ये हवा का ज़ोन है और हवा में मूवमेंट की क्वालिटी होती है, जो कि दबाव बनाता है। बंसल का सुझाव था कि वास्तु के हिसाब से पीएम को बीच में बैठना चाहिए। वहीं, स्पीकर की कुर्सी प्रेस गैलरी के दाएं तरफ होनी चाहिए. यही वजह है कि संसद सत्र के दौरान आमतौर पर स्पीकर सदस्यों को संभालने में जूझते नज़र आते हैं।

बंसल ने ये भी दावा किया था कि संसद भवन के अंदर समस्याएं इसके वृत्ताकार (Circular Shape) के कारण भी है। सर्कुलर शेप किसी स्टेडियम के लिए ठीक हो सकता है, मगर विधायिका के लिए नहीं।

लोकसभा की नई इमारत की खास बातें

 

● लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि भविष्य में लोकसभा में सीटें बढ़ती हैं तो दिक्कत न हो।

● नए सदन में दो-दो सांसदों के लिए एक सीट होगी, जिसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर होगी। यानी एक सांसद को 60 सेमी की जगह मिलेगी।

● संयुक्त सत्र के दौरान इन्हीं दो सीटों पर तीन सांसद बैठ सकेंगे। यानी कुल 1350 सांसद बैठ सकेंगे। राज्यसभा की नई इमारत में 400 सीटें होंगी।

● देश की विविधता दर्शाने के लिए संसद भवन की एक भी खिड़की किसी दूसरी खिड़की से मेल खाने वाली नहीं होगा। हर खिड़की अलग आकार और अंदाज की होगी।

 

साउथ ब्लॉक के पीछे होगा प्रधानमंत्री आवास

साउथ ब्लॉक की मौजूदा इमारत के पीछे नया पीएमओ बनेगा। उसी के पीछे प्रधानमंत्री आवास बनेगा। अभी प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर है। इस आवास को साउथ ब्लॉक के पास बनाने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्रधानमंत्री के अपने आवास से दफ्तर और संसद आने-जाने के लिए ट्रैफिक में नहीं रोकना पड़ेगा।