सर्वेश तिवारी श्रीमुख : निचले स्तर पर विरोध कर रहे विरोधियों को चुप्पी से अप्रासंगिक बना देना

तमाम वैचारिक सहमतियों, असहमतियों के बाद भी आज की राजनीति में हमारा अंतिम भरोसा आप ही हैं सरकार! इसमें छटाक भर संदेह नहीं। लोकतांत्रिक सत्ता की डेग डेग बाधाओं, मजबूरियों के बीच से अपने विचारों के लिए राह बना कर सिक्का न सही, अठन्नी भर काम कर जाना भी कम महत्वपूर्ण नहीं।

सर्वेश तिवारी श्रीमुख

आपका धुर विरोधी भी मानता है कि सन चौदह के बाद भारत में बदलाव तो आया है। वह भले उस बदलाव की आलोचना करे, उसे दिन भर कोसता रहे, पर इस बदलाव को नकार नहीं पाता। यही आपकी जीत है, यही आपकी सफलता है।
कुछ लोग कहते हैं कि आप हमेशा खुद को प्रमोट करते रहते हैं। पूरी तैयारी के साथ बनाई गई आपकी वीडियो वायरल तो होती ही है। पर यह भी दृष्टि का अंतर है। ठीक से देखें तो वह आपका नहीं, बल्कि विचारों का प्रमोशन दिखता है। कभी मोर के साथ पक्षी प्रेम, कभी गाय के साथ गो सेवा, कभी काशी, अयोध्या, रामेश्वरम में भक्तिभाव… मुझे तो लगता है कि इस धर्मप्रधान देश के हर प्रभावशाली व्यक्ति को इन भावों का प्रमोशन करना चाहिए।
मुझे लगता है, आपका एक गुण सबको सीखना चाहिये। वह है निचले स्तर पर आ कर विरोध कर रहे विरोधियों को अपनी चुप्पी से अप्रासंगिक बना देना। यह अद्भुत गुण है। यह सबको सीखना चाहिये।
बाबा मानस में शासक के लिए जो सर्वश्रेष्ठ धर्म बताते हैं, वह “धेनु,सुर और संत” का हित करना ही है। एक दायरे में ही सही, पर इनपर आपका व्यक्तिगत समर्पण दिखता है। यह समर्पण बना रहे, इसी आशा के साथ, जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

Veerchhattisgarh

सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।

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