सुधांशु त्रिवेदी – “…लेकिन राहुल गांधी भारतीय संस्कृति के प्रति अपशब्दों का प्रयोग क्यों करते हैं? “

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और उनके “अंकल सैम” ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में जो बातें कही हैं, हम उससे सहमत हैंक्योंकि वे अब “वो” नहीं रहेजो संज्ञा उन्हें दी जाती है। अब वो बचकानी हरकतें नहीं कर रहे हैंबल्कि अब वे खतरनाक और शैतानी हरकतें कर रहे हैं। अब वो उन सभी ताकतों के साथ हैंजो भारत को कमजोर और झुका हुआ देखना चाहती है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत गर्व और स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहा है और विश्व पटल पर देश की सशक्त पहचान बन रही है। वहींदूसरे वो लोग हैं जो भारत को कमजोर करने के उद्देश्य से देश विरोधी अभियान चला रहे हैं।

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राहुल गाँधी भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसे पहले लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष बने हैंजिन्होंने घोषित “भारत विरोधी” अमेरिकी सांसद इल्हान उमर के साथ मुलाकात करके अपने मधुर मनोभावों की अभिव्यक्ति की है। अमेरिकी सांसद इल्हान उमर भारत विरोधी वक्तव्यों एवं स्टैंड के लिए विख्यात/कुख्यात रही हैं।

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राहुल गांधी इल्हान उमर से मुलाकात करते हैं, लेकिन भारत के समर्थक अमेरिकी सांसदों से उन्होंने कभी मुलाकात की है क्याराहुल गाँधी और इल्हान उमर के मुलाकात की तस्वीर भारतीयों के दिल चीरने वाली तस्वीर है।

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भारत विरोधी श्रृंखला के तहत राहुल गांधी ने आज एक और उपलब्धि जोड़ी है। इसके लिए देश विरोधी आतंकी पन्नू ने राहुल गांधी की तारीफ की है। राहुल गाँधी की तारीफ करने वालों में एक और नया नाम जुड़ा है मुश्फिकुल फजल अंसारीजो पेशे से पत्रकार हैं।

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30 साल के युवा संन्यासी स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका में भारत की ऐसी प्रतिष्ठा बढ़ाई थी कि शिकागो हेराल्ड ट्रिब्यून ने उस समय लिखा था कि “ऐसा लगता है कि युवा संन्यासी के पास ज्ञान का वह समुंद्र है, जो हमारे सभी विद्वानों को मिलाकर उसका एक बूंद भी नहीं है।“ वहीं, आज 54 साल का एक चिर युवा अमेरिका जाकर भारत को लांछित और अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है।

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क्या राहुल गांधी कभी शिकागो जाकर उस हॉल में कभी गए, जहां आयोजित ‘धर्म सभा’ में स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति से दुनिया को प्रकाशमान किया था।

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हर चीज का आदर्श विदेशों में ढूंढने वाले लोग और हमेशा विदेश से प्रेरणा लेने वाले लोग, आज विदेश जाकर भारत विरोधी दुष्प्रचार कर रहे हैं। यह बहत ही दुखदनिंदनीय और भत्सर्ना करने योग्य है।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में अमेरिकी दौरा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा देश तोड़ने वाले लोगों से मुलाकात करने और भारत विरोधी वक्तव्य देने के लिए उनकी जमकर आलोचना की। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और उनके “अंकल सैम” ने राहुल गांधी के बारे में जो बातें कही है, हम उससे सहमत हैंक्योंकि वे अब “वो” नहीं रहे। अब वो बचकानी हरकतें नहींबल्कि अब वे खतरनाक और शैतानी हरकतें कर रहे हैं। अब वो उन सभी ताकतों के साथ हैंजो भारत को कमजोर और झुका हुआ देखना चाहती है।

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत गर्व और स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहा है और विश्व पटल पर देश की सशक्त पहचान बन रही है। वहींदूसरे वो लोग हैं जो भारत को कमजोर करने के उद्देश्य से देश विरोधी अभियान चला रहे हैं। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस नेता और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने चिर परिचित अंदाज में भारत के खिलाफ विष वमन में संलग्न हैं, परन्तु इस बार जो हुआ है वह बहुत ही गंभीर और चिंतनीय है। वे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहले ऐसे लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष बने हैजिन्होंने घोषित “भारत विरोधी” अमेरिकी सांसद इल्हान   उमर के साथ मुलाकात करके अपने मधुर अभिभावों की अभिव्यक्ति की है। 

भारतीय जनता पार्टी निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब राहुल गांधी से चाहती है। आपको भाजपा या प्रधानमंत्री मोदी जी से जो भी नफ़रत या हीन भावना हो, पर  

  • क्या राहुल गाँधी विदेश जाकर कभी भी भारतीय संस्कृति के बारे में चार अच्छे शब्द बोले हैं?
  • राहुल गांधी इल्हान उमर से मुलाकात करते हैं, लेकिन भारत के समर्थक अमेरिकी सांसदों से उन्होंने कभी मुलाकात की है क्या?
  • एक अमेरिकी सांसद बेंजामिन गिलमैन को पदमभूषण मिला था, वे 2016 में नहीं रहे, जो भारत के बहुत बड़े समर्थक थे। हमने वर्ष 2000 में उनसे मुलाकात की थी। क्या राहुल गांधी कभी बेंजामिन गिल से मुलाकात की है?
  • भारत के पक्ष लेने वाले अमेरिकी सांसद गैरी एक्केर्मन, एडवर्ड रोयस, फ्रैंक पेलोन, जोसेफ क्रॉले, तुलसी गेबार्ड से राहुल गांधी ने कितनी मुलाकातें की हैं ?
  • सच्चाई यह है कि राहुल गांधी भारत का समर्थन करने वाले अमेरिकी सांसदो से मिलते नहीं हैं। राहुल गांधी को मुलाकात करने के लिए इल्हान उमर जैसे लोग ही मिलते हैं।

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि अमेरिकी सांसद इल्हान उमर भारत विरोधी वक्तव्यों एवं स्टैंड के लिए विख्यात/कुख्यात हैं। जिनके विषय में सर्वविदित सत्य है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा चुने हुए अमेरिकी सांसदों में से इल्हान उमर भी एक थीं, जिन्हें पाकिस्तान सरकार द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में ले जाया गया था। इल्हान उमर अनेक मौकों पर “मुस्लिम ब्रदरहुड” और “आईएसआईएस” के प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहानभुति दर्शाती रही हैं। भारत के इतिहास में राहुल गांधी पहले ऐसे नेता प्रतिपक्ष बन चुकें हैं, जिनका नाम का जिक्र कुछ समय पूर्व पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत विरोधी वक्तव्य में किया था।

भारत विरोधी श्रृंखला के तहत राहुल गांधी ने आज एक और उपलब्धि जोड़ी है। इसके लिए देश विरोधी आतंकी पन्नू ने राहुल गांधी की तारीफ भी की है। पाकिस्तान से लेकर पन्नू और इल्हान   उमर द्वारा राहुल गांधी की तारीफ हो रही है। राहुल गाँधी की तारीफ करने वालों में एक और नया नाम जुड़ा है मुश्फिकुल फजल अंसारीजो पेशे से पत्रकार हैं, जिन्होंने व्हाइट हाउस के प्रेस कांफ्रेंस में, यूनाइटेड नेशन के स्पोक्सपर्सन से आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल पूछा था।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आज 11 सितंबर है11 सितंबर दो चीजों के कारण भारत और विश्व के इतिहास में अविस्मरणीय है। 9/11 से एक बहुत ही दुखद याद जुड़ी हुई हैजब आतंकियों ने न्यूयार्क में ट्रेड टावर को उड़ा दिया था। संयोग से राहुल गांधी आज अमेरिका की धरती पर हैं। 9/ 11 के मुख्य आरोपी खालिद शेख मोहम्मद और मोहम्मद अट्टा थे। अमेरिका के किसी भी राजनीतिक पार्टियों ने उनके पक्ष में कोई बयान नहीं दिया है। किसी भी टीवी न्यूज चैनल ने उन आरोपियों के पक्ष में कोई सहानभूति नहीं दिखाई है। किसी भी राजनीतिक दल ने अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े सिक्यूरिटी लैप्स और इंटेलीजेंस फेल्योर को लेकर अमेरिकी सरकार पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया। बल्कि, अमेरिका के सभी राजनीतिक दलों ने एक साथ मिलकर इस आतंकी घटना के विरोध में प्रस्ताव लाया था। उस वक्त अमेरिका के रिपब्लिकन नेता श्री जार्ज बुश ने कहा था कि मैं इस घटना के जिम्मेदार ओसामा बिन लादेन को मारेंगे जिसे डेमोक्रेट नेता श्री बराक ओबामा ने उस काम को अंजाम दिया था।

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि भारत में 9/11 की तरह ही भारत के संसद पर हमला हुआ था, जिसके लिए सर्वोच्च न्यायाल ने अपने आदेश में “रेअर आफ रेअरेस्ट क्राइम” जैसे शब्दों का प्रयोग किया था। सात सालों तक दोषी को सुनाई गयी फांसी की सजा रुकी रही थी। आज भी कांग्रेंस के मुख्य सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस कहते हैं कि संसद हमला के मास्टर माइंड अफजल गुरू को दी गई फांसी की सजा गलत थी। राहुल गांधी ने 2015 में जेएनयू में मनाए जा रहे अफजल गुरू की पहली बरसी पर वहां नैतिक समर्थन करने गए थे। उस वक्त जेएनयू में नारे लग रहे थे कि ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं।‘ ‘भारत तेरे टुकड़े होगे, इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह।‘जरा सोचिए कि 11 सितंबर क्या याद दिलाता है? देश को लेकर भारतीय नेता की देश विरोधी सोच की ही याद दिलाता है। लेकिन, अमेरिका के किसी नेता ने विदेश की धरती पर जाकर अपने देश का इस तरह से कभी विरोध नहीं किया।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि 11 सितंबर उस दिन की याद दिलाती हैजब 11 सितंबर1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागों के ‘विश्व धर्म सम्मेलन’ में अपना उद्बोधन दिया था । स्वामी विवेकानंद ने वहां ऐतिहासिक और अविस्मरणीय वक्तव्य दिया था। 31 साल के उस युवा सन्यासी ने भारत की ऐसी प्रतिष्ठा बढ़ाई थी कि शिकागो हेराल्ड ट्रिब्यून ने लिखा था कि ‘ऐसा लगता है कि इस युवा सन्यासी के पास ज्ञान का वह समुद्र है, जो हमारे सभी विद्वानों को मिलाकर उसका एक बूंद भी नहीं है। वहीं, आज 54 साल का एक युवा अमेरिका जाकर भारत को लांछित और अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है। डॉ त्रिवेदी ने राहुल गांधी से सवाल पूछा कि क्या राहुल गांधी कभी शिकागो जाकर उस हॉल में गए हैं, जहां स्वामी विवेकानंद ने धर्म सभा में भारतीय संस्कृति से दुनिया को प्रकाशमान किया था। आज 11 सितंबर है, यह प्रेस कांफ्रेंस सुनकर राहुल गांधी स्वामी विवेकानंद पर अपने वक्तव्य जारी कर दें, तो यह उनकी बहुत बड़ी उदारता मानी जाएगी। राहुल गांधी को भाजपा से नफरत हो सकती है, उन्हें आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से हिकारतनफरत हो सकती हैलेकिन राहुल गांधी भारतीय संस्कृति के प्रति अपशब्दों का प्रयोग क्यों करते हैं?

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि इंडियर ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा राहुल गांधी को बहुत समझदार बता रहे हैं। उनको अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा की लिखित पुस्तक “द प्रॉमिस्ड लैंड” की याद दिलाना चाहते हैं। श्री बराक ओबामा 2010 में भारत आए थे और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद उनके व्यक्तित्व पर अपनी पुस्तक के पेज नंबर 601 पर टिप्पणी की थी। श्री ओबामा ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि “a nervous, uninformed quality about him as if he were a student who had done the coursework. He is eager to impress the teacher but, deep down, lacks either the aptitude or the passion for the subject”. यूरोपियन इतिहास में सभी लोगों ने पढ़ा होगा कि एक राजा जेम्स प्रथम के सारे दरबारी उसे बहुत समझदार मानते थे और आम जनता का मानना था कि यह हमेशा कुछ उलूल-जलूल करेगा। इसे शब्दश: न लिया जाए। एक कहावत है कि किंग जेम्स प्रथम “ईसाईजगत में सबसे बुद्धिमान मूर्ख थे।” राहुल गांधी “कांग्रेस जगत के सबसे बुद्धिमान मूर्ख” हैं

मार्च 2023 में, इंग्लैंड में राहुल गाँधी से मुस्लिम लीग और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर सवाल पूछे गए थे, तब राहुल गांधी ने कहा था कि मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेक्यूलर पार्टी है, हमे इसमें कोई समस्या नहीं है। डॉ त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि हर चीज के आदर्श को विदेशों में ढुंढने वाले लोग और हमेशा विदेश से प्रेरणा लेने वाले लोग, आज विदेश जाकर भारत विरोधी दुष्प्रचार कर रहे हैंयह बहत ही दुखदनिंदनीय और भत्सर्ना योग्य है।

डॉ त्रिवेदी ने राहुल गांधी को बताया कि वो दिन गएजब विदेशी ताकतें भारत को प्रभावित किया करती थी। राहुल गांधी को लगता है कि विदेशों में वो ताकत है, जो भारत को उनके पक्ष में प्रभावित कर सके, तो उनके लिए यह पंक्ति चरितार्थ होती है – “अपने वतन पर सदियों तक रही हैं हूकुमत गैरों कीपर कुछ चेहरों पर अबतक धूल हैं उनके उनकी पैरों की।“

 

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