अमित सिंघल : 2014 के बाद महिलाओं की भारत को तीसरी ताकत बनाने में भूमिका.. PM मोदी का भाषण बोरिंग लगता है..!
अगर महिला साक्षर होती है, कमाने लगती है, तो वह पूरे परिवार को, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त करती है। हर महिला अच्छी तरह जानती है कि जब वो कमाने लगती है तो कैसे उसका अधिकार बढ़ जाता है, घर-परिवार में उसका सम्मान बढ़ जाता है। यानी एक महिला का भी लखपति दीदी बनना, पूरे परिवार का भाग्य बदल रहा है। भारत में ऐसी महिलाये गांव के पूरे अर्थतंत्र को बदल रही हैं।
भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने जा रहा है। इसमें महिलाओ की बहुत बड़ी भूमिका है। लेकिन कुछ साल पहले तक ये स्थिति नहीं थी। महिलाओ के नाम पर प्रॉपर्टी नहीं होती थी। अगर उन्हें बैंक से लोन नहीं मिलता था। ऐसे में वो कोई भी छोटा-मोटा काम करना चाहें, तो चाहकर भी नहीं कर पाती थीं। अतः मोदी सरकार ने एक के बाद एक महिला हित में निर्णय लिए।
बीते 10 वर्षों में एक करोड़ लखपति दीदी (जो सेल्फ हेल्प ग्रुप में काम करती हैं) बनीं और बीते दो महीने में 11 लाख और लखपति दीदी उसमें जुड़ गईं, नई बन गईं। मोदी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।
मोदी सरकार में अभी तक जो 4 करोड़ घर बने हैं, उनमें से अधिकतर महिलाओं के नाम पर पंजीकृत है। अभी 3 करोड़ और घर बनाने वाले हैं। इनमें से भी अधिकतर महिलाओं के नाम होंगे। सबसे ज्यादा जनधन खाते महिलाओ के लिए खोले गए है। मुद्रा योजना की करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाये हैं। अब मुद्रा ऋण की सीमा 20 लाख कर दी गयी है। रेहड़ी-फुटपाथ पर काम करने वालों के लिए भी स्वनिधि योजना चलाई जिसमे बिना गारंटी के ऋण दिया जा रहा है। इसका भी बहुत बड़ा लाभ महिलाओ को हो रहा है। विश्वकर्मा परिवार, जो हस्तकला का काम करते हैं, इसमें भी बड़ी संख्या में हमारी महिलाये जुड़ी हैं।
साल 2014 तक 25 हज़ार करोड़ रुपए से भी कम बैंक लोन सखी मंडलों (महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप) को मिला था। जबकि पिछले 10 सालों में करीब 9 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। इसका परिणाम ये आया है कि आज ग्रामीण महिलाये अपनी आय भी बढ़ा रही हैं और देश को मजबूत भी बना रही हैं।
सरकार अब महिलाओ को ड्रोन पायलट बना रहे हैं; उन्हें लाखों रुपए का ड्रोन दे रहे हैं ताकि वे ड्रोन से आधुनिक खेती करने में किसानों की मदद कर पाएं। सरकार 2 लाख पशु सखियों को भी ट्रेन कर रहे हैं ताकि वे पशुपालकों की मदद कर सकें।
महिलाये अधिक संख्या में नौकरी करें। इसके लिए दफ्तरों में, फैक्ट्रियों में उनके लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। रहने के लिए वर्किंग वीमेन होस्टल की सुविधा हो, बच्चों के लिए क्रेच की सुविधा हो, इसके लिए केंद्र सरकार काम कर रही है। मोदी सरकार महिलाओ के लिए हर सेक्टर खोल रही है, जहां कभी उन पर पाबंदियां थीं। आज तीनों सेनाओं में महिला अफसर तैनात हो रही हैं, फाइटर पायलट तैनात हो रही हैं। सैनिक स्कूलों में, सैन्य अकादमियों में कन्याओ को दाखिला मिल रहा है। जो हमारी पुलिस फोर्स है, जो हमारे अर्धसैनिक बल हैं, उनमें महिलाओं की संख्या में बहुत बड़ी वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 अगस्त को जलगांव में चुनौती दी कि पहले की सरकारों के सात दशक एक तरफ रख लीजिए और दूसरे ओर मोदी सरकार के दस साल रख लिए जाएं; जितना काम मोदी सरकार ने देश की महिलाओ के लिए किया है, वो आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया है।
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मेरी एक लेख के कमेंट में किसी ने लिखा था कि प्रधानमंत्री मोदी का सम्बोधन अब बोरिंग लगता है।
निश्चित रूप से, विकास, वह भी महिला विकास एवं सशक्तिकरण के बारे में बतलाना बोरिंग ही लगेगा।
खटाखट स्कीम, जाति के आधार पर समाज बाटने की बाते करना, सुनना और फिर भड़कने में ही फ़िल्मी मनोरंजन की अनुभूति मिलती है।