वित्त मंत्री चौधरी बोले – “केंद्रीय बजट में आमजनमानस के हितों को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गई हैं नीतियां “

कोरबा। तिलक भवन कोरबा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के वित्त मंत्री ने केन्द्र सरकार के बजट की प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता पर केंद्रित है। बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। क्रम से उन्होंने बजट के मुख्य बिंदुओ पर अपनी बात रखी।

प्रमुख बिन्दु – बजट 2024-25
भारत के लोगों ने माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया है और उनके नेतृत्व वाली इस सरकार को ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए पुनः चुना है।
हमारी नीतियों के प्रति उनके समर्थन, आस्था और विश्वास के लिए हम आभारी हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़संकल्प हैं कि सभी धर्म, जाति, लिंग और आयु के भारतीय अपने जीवन के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति करें।
जैसा कि अंतरिम बजट में कहा गया था, हमें 4 मुख्य समूहों नामतः ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। अन्नदाता के लिए हमने एक महीना पहले सभी मुख्य फसलों के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा करके लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने का वायदा पूरा किया। प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।


इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, एमएसएमई (MSME) और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य अवसरों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधान मंत्री की 5 योजनाओं और पहलों के पैकेज की घोषणा की गई, जिससे 5 वर्ष की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ होगा। इसके लिए केंद्रीय परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपए का है।
इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.48 लाख करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।
इस बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने के लिए निम्नलिखित 9 प्राथमिकताओं के संबंध में सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है।
कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
विनिर्माण और सेवाएं
शहरी विकास
ऊर्जा सुरक्षा
अवसंरचना (Infra)
नवाचार, अनुसंधान और विकास, (Innovation, Research & Development) और
अगली पीढ़ी के सुधार (Next Generation Reforms)
प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता (Farmers Welfare)
हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अऩुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी।
किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
अगले दो वर्षों में पूरे देश में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि (Natural Farming) के लिए सहायता दी जाएगी जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा।
10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र (bio-input resource centres) स्थापित किए जाएंगे।
सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने हेतु एक कार्यनीति बनाई जा रही है।
प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
हमारी सरकार 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी। इस वर्ष, डीपीआई का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरे को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा।
झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। झींगा खेती, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
हमारी सरकार सहकारी क्षेत्र के प्रणालीगत, व्यवस्थित और चहुँमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति लाएगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी आएगी।
इस साल कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।

प्राथमिकता 2: रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन
केंद्र सरकार प्रधान मंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं को लागू करेगी। ये ईपीएफओ (EPFO) में नामांकन तथा पहली बार रोजगार पाने वालों को अभिचिह्नित करने तथा कर्मचारियों और नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करने पर आधारित होंगे।
योजना क: पहली बार रोजगार पाने वाले
इस योजना में सभी औपचारिक क्षेत्रों में कामगारों के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तीन किस्तों में किया जाएगा, जो अधिकतम ` 15,000 होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्रता सीमा ` 1 लाख का मासिक वेतन होगा। इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है।
योजना खः विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है। सीधे कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना से पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है।
योजना गः नियोक्ताओं को सहायता
नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। 1 लाख रुपए प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार, प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं के ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें 2 वर्षों तक ` 3,000 प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है।
कामगारों में महिलाओं की भागीदारी
हम उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला हॉस्टलों और शिशु गृहों की स्थापना करके कामगारों में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सुविधाजनक बनाएंगे। इसके अतिरिक्त, इस साझेदारी में महिला विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और महिला स्व-सहायता समूह उद्यमियों के लिए बाजार तक पहुँच को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे।

कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्रधान मंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की गई।
5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। परिणाम उन्मुख दृष्टिकोण के साथ हब और स्पोक व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।
उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और फ्रेमवर्क तैयार की जाएंगी और नई उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
कौशल प्रशिक्षण ऋण
सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ ` 7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा। इस उपाय से प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को सहायता मिलने की आशा है।
शिक्षा ऋण
घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए ` 10 लाख तक के ऋण हेतु एक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस उद्देश्य के लिए प्रति वर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण राशि के 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट के लिए ई-वाउचर दिए जाएंगे।
प्राथमिकता 3: समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
इस वर्ष ग्रामीण अवसंरचना सहित ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है।
पूर्वोदय
केंद्र सरकार बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिए पूर्वोदय नामक योजना तैयार करेगी। इस योजना में मानव संसाधन विकास, अवसंरचना और आर्थिक अवसरों का सृजन शामिल किया जाएगा, ताकि यह क्षेत्र विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए।
अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के संबंध में, गया में औद्योगिक केंद्र के विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस मॉडल से हमारी विकास यात्रा में “विकास भी विरासत भी” प्रतिबिम्बित होगा।
26,000 करोड़ रुपये की लागत से (1) पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, (2) बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, (3) बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास और (4) बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए सहायता दी जाएगी । `
21,400 करोड़ की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए विद्युत संयंत्र की स्थापना करना भी शामिल है। बिहार में नए हवाई अड्डों, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद अवसंरचना का निर्माण भी किया जाएगा।
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम
हमारी सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किए हैं। राज्य की राजधानी की आवश्यकता को देखते हुए, चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी।
हमारी सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना, जो आंध्र प्रदेश और यहां के किसानों की जीवन-रेखा है, का वित्तपोषण करके इसे जल्दी पूरा करने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
औद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए, विशाखापत्तनम–चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बेंगलुरू औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में पानी, बिजली, रेलवे और सड़कों जैसी आवश्यक अवसंरचनाओं के लिए निधियां उपलब्ध कराई जाएंगी। आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश हेतु इस वर्ष एक अतिरिक्त आबंटन प्रदान किया जाएगा।
पीएम आवास योजना
प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत, देश में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकानों की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्यक आबंटन किए जा रहे हैं।
महिला-संचालित विकास
महिला-संचालित विकास को बढ़ावा देने के लिए, इस बजट में महिलाओं और बालिकाओं को लाभ देने वाली योजनाओं हेतु 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आबंटन की व्यवस्था की गई है।
प्रधान मंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए, हम जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में सभी जनजातीय परिवारों का पूर्ण कवरेज करते हुए प्रधान मंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरूआत करेंगे। इसमें 63,000 गांव शामिल होंगे जिससे 5 करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में बैंक शाखाएं
बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र (North East) में भारतीय डाक भुगतान बैंक की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की जाएंगी।
प्राथमिकता 4: विनिर्माण और सेवाएं
एमएसएमई (MSME) को बढ़ावा देने के लिए सहायता
इस बजट में एमएसएमई और विनिर्माण, विशेषकर श्रम-प्रधान विनिर्माण की ओर विशेष ध्यान दिया गया है। एक पैकेज बनाया गया है जिसमें एमएसएमई के लिए वित्तपोषण, विनियामक परिवर्तनों और प्रौद्योगिकी सहायता को शामिल किया गया है।
विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना
सम्पार्श्विक अथवा तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए एक ऋण गारंटी योजना प्रारंभ की जाएगी। यह योजना ऐसे एमएसएमई के ऋण जोखिमों की पूलिंग के आधार पर संचालित होगी।
प्रत्येक आवेदक को 100 करोड़ रुपये तक का गारंटी कवर देने के लिए एक पृथक स्व-वित्त गारंटी निधि बनाई जाएगी, जबकि ऋण की राशि इससे अधिक हो सकती है। ऋण लेने वाले को एक तत्काल गारंटी शुल्क और घटती ऋण शेष-राशि पर वार्षिक गारंटी शुल्क देना होगा।
एमएसएमई ऋण के लिए नया आकलन मॉडल
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण के लिए एमएसएमई के आकलन हेतु बाहरी आकलन के भरोसे रहने की बजाए अपनी इन-हाउस क्षमता का निर्माण kkई जाएगी। वे एमएसएमई के डिजिटल फुटप्रिंटों के अंकों के आधार पर एक नया ऋण आकलन मॉडल विकसित करने अथवा विकसित करवाने में अग्रणी भूमिका भी निभाएंगे।
इससे केवल परिसंपत्ति अथवा कारोबार मानदण्डों पर आधारित ऋण पात्रता के पारंपरिक आकलन के मुकाबले एक महत्वपूर्ण सुधार आने की आशा है। इसमें बिना किसी औपचारिक लेखांकन प्रणाली वाले एमएसएमई भी कवर होंगे।
संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता
एमएसएमई को उनके संकट की अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था लाई जाएगी। सरकार संवर्धित निधि से गारंटी द्वारा ऋण उपलब्धता में सहायता की जाएगी।

मुद्रा ऋण
मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया जाएगा जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत ऋण लिया है और पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।
ट्रेड्स (TReDS) में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए और अधिक संभावना
एमएसएमई को उनकी व्यापार प्राप्तियों को नगद के रूप में बदलकर उनकी कार्य पूंजी को अनलॉक करने की सुविधा देने के लिए, खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को ` 500 करोड़ से घटाकर ` 250 करोड़ किया गया। यह उपाय 22 और सीपीएसई (CPSE) तथा 7000 और कंपनियों को इस प्लेटफॉर्म पर ले आएगा। मध्यम उद्यमों को भी आपूर्तिकर्ता के दायरे में शामिल किया जाएगा।
एमएसएमई क्लस्टरों में सिडबी की शाखाएं
सिडबी 3 वर्षों के भीतर सभी प्रमुख एमएसएमई क्लस्टरों को सेवाएं देने हेतु अपनी पैठ बढ़ाने के लिए नई शाखाएं खोलेगी और उन्हें सीधे ऋण देगी। इस वर्ष ऐसी 24 शाखाएं खोले जाने के साथ ही सेवा कवरेज का विस्तार 242 प्रमुख क्लस्टरों में से 168 क्लस्टरों तक हो जाएगा।
फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए एमएसएमई इकाइयां
एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। एनएबीएल मान्यता वाली 100 खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र
एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे। एक निर्बाध विनियामक और लॉजिस्टिक फ्रेमवर्क के अंतर्गत, ये केंद्र एक छत के नीचे व्यापार और निर्यात संबंधी सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे।
विनिर्माण और सेवाओं के संवर्धन के उपाय
शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप
प्रधान मंत्री पैकेज के अंतर्गत 5वीं योजना के रूप में, हमारी सरकार 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना की शुरूआत करेगी। उन्हें रियल-लाइफ व्यवसाय वातावरण, विभिन्न व्यवसायों और रोजगार के अवसरों के लिए 12 महीनों का अनुभव मिलेगा। इस योजना में ` 5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और ` 6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी। कंपनियों से प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत अपनी सीएसआर निधियों से वहन करने की अपेक्षा की जाएगी।
औद्योगिक पार्क
हमारी सरकार नगर आयोजना से संबंधित योजनाओं का बेहतर उपयोग करके राज्यों और निजी क्षेत्र की साझेदारी से 100 शहरों में या उसके आस-पास संपूर्ण अवसंरचना के साथ निवेश हेतु तैयार “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों को विकसित करने में सहायता करेगी।
राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बारह औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दी जाएगी।
किराए का आवास
औद्योगिक कामगारों के लिए वीजीएफ सहायता और एंकर उद्योगों की प्रतिबद्धता के साथ पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पोत-परिवहन उद्योग
भारतीय पोत-परिवहन उद्योग की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा अधिक रोजगार सृजित करने के लिए स्वामित्व, पट्टे और फ्लैगिंग सुधारों को लागू किया जाएगा।
महत्वपूर्ण खनिज मिशन
हम महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) के घरेलू उत्पादन, रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज आस्तियों का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन स्थापित करेंगे। इसके अधिदेश में प्रौद्योगिकी विकास, कुशल कार्यबल, विस्तारित उत्पादक दायित्व फ्रेमवर्क, तथा उपयुक्त वित्तीय तंत्र शामिल होंगे।
खनिजों का अपतटीय खनन
हमारी सरकार पहले से किये गए खोज के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों के पहले भाग की नीलामी शुरू करेगी।
ऋण वसूली
ऋण वसूली अधिकरणों के सुधार और सुदृढ़ीकरण के लिए कदम उठाए जाएंगे। वसूली में तेजी के लिए अतिरिक्त अधिकरणों की स्थापना की जाएगी।
प्राथमिकता 5: शहरी विकास
विकास केंद्रों के रूप में शहर
राज्यों के साथ मिलकर, केंद्र सरकार “विकास केंद्रों के रूप में शहरों” को विकसित करने की सुविधा उपलब्ध कराएगी। आर्थिक और आवागमन की योजना तथा नगर आयोजना स्कीमों का उपयोग करके शहरों के आस-पास के क्षेत्रों को सुव्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा।

शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास : परिवर्तनकारी प्रभाव के साथ मौजूदा शहरों के रचनात्मक ब्राउनफील्ड पुनर्विकास के लिए, केंद्र सरकार समर्थकारी नीतियों, बाजार आधारित तंत्र तथा विनियमन हेतु एक फ्रेमवर्क तैयार करेगी।
आवागमन उन्मुखी विकास (Transit Oriented Development)
30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।
शहरी आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा। इसमें अगले 5 वर्षों में ` 2.2 लाख करोड़ की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। किफायती दरों पर ऋण सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी के एक प्रावधान की परिकल्पना भी की गई है।
इसके अलावा, अधिक उपलब्धता के साथ दक्ष और पारदर्शी किराए के आवास बाजारों के लिए समर्थकारी नीतियां तथा विनियम भी बनाए जाएंगे।
जल आपूर्ति और स्वच्छता
राज्य सरकारों तथा बहुपक्षीय विकास बैंकों की साझेदारी में हम भरोसेमंद परियोजनाओं के माध्यम से 100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा वित्तीय रूप से व्यवहार्य परियोजनाओं को बढ़ावा देंगे। इन परियोजनाओं में उपचारित जल का प्रयोग सिंचाई तथा आस-पास के क्षेत्रों में तालाबों को भरने के लिए भी परिकल्पना की जाएगी।
स्ट्रीट मार्केट
स्ट्रीट वेंडर्स के जीवन परिवर्तन के लिए अगले पाँच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए एक योजना llआई जाएगी।
स्टाम्प शुल्क
हम, सभी के लिए दरों को कम करने तथा महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्कों को और कम करने पर भी विचार करने हेतु उन राज्यों को प्रोत्साहित करेंगे जिन्होंने अधिक स्टाम्प शुल्क लगाना जारी रखा है। इस सुधार को शहरी विकास योजनाओं का अनिवार्य घटक बनाया जाएगा।

प्राथमिकता 6: ऊर्जा सुरक्षा
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
एक करोड़ घरों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने हेतु रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण किए गए हैं और 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। हम इसे आगे और प्रोत्साहित करेंगे।
छोटे तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास
परमाणु ऊर्जा के संबंध में, केंद्र सरकार (1) “भारत स्मॉल रिएक्टर” की स्थापना, (2) भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान और विकास तथा (3) परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी।
उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट
अत्यंत बेहतर कार्य क्षमता वाले उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी- AUSC) थर्मल पावर प्लांट के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास का कार्य पूरा हो गया है। एनटीपीसी और बीएचईएल का एक संयुक्त उद्यम एयूएससी प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करेगा। सरकार अपेक्षित राजकोषीय सहायता उपलब्ध कराएगी।
पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को सहायता
तांबा और सेरामिक क्लस्टर की 60 क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की निवेश-ग्रेड ऊर्जा लेखा-परीक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन्हें स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तित करने और ऊर्जा दक्षता उपायों को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
प्राथमिकताः 7 अवसंरचना
केंद्र सरकार द्वारा अवसंरचना निवेश (Capex / Infra)
इस वर्ष,पूंजीगत व्यय के लिए ` 11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह हमारी जीडीपी का 3.4 प्रतिशत होगा।

राज्य सरकारों द्वारा अवसंरचना निवेश
हम राज्यों को उनकी विकास प्राथमिकताओं के अध्यधीन, अवसंरचना के लिए उसी पैमाने की सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रोत्साहित करेंगे। इस वर्ष भी ` 1.5 लाख करोड़ के दीर्घावधि ब्याज रहित ऋण का प्रावधान किया गया है।

प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)
जनसंख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पीएमजीएसवाई के लिए पात्र बने 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।
सिंचाई और बाढ़ उपशमन
बिहार ने अक्सर बाढ़ को झेला है, उनमें से बहुतों की उत्पत्ति देश से बाहर होती है। हमारी सरकार, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से, Rs 11,500 करोड़ की अनुमानित लागत से कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और बैराजों, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं सहित 20 अन्य चालू और नई स्कीमों जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, कोसी से संबंधित बाढ़ उपशमन और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और अन्वेषण भी किया जाएगा।
हम असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम को बाढ़ प्रबंधन और उससे संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान करेंगे।

बिहार में गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर को विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल और पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
नालंदा और राजगीर को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता प्रदान करेगी।
ओडिशा को एक उत्कृष्ट पर्यटन गंतव्य को बनाने के लिए सहायता प्रदान करेगी।
प्राथमिकता 8: नवाचार, अनुसंधान और विकास
हम मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड की शुरूआत करेंगे।
इसके अलावा, हम अंतरिम बजट में घोषणा के अनुरूप ` 1 लाख करोड़ के वित्तीय पूल से वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए व्यवस्था स्थापित करेंगे।
अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था : अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने पर निरन्तर जोर देते हुए ` 1,000 करोड़ की उद्यम पूंजी निधि की व्यवस्था की जाएगी।

प्राथमिकता 9: अगली पीढ़ी के सुधार (New Generation Reforms)
आर्थिक नीति फ्रेमवर्क
हम आर्थिक विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण निरूपित करने हेतु एक आर्थिक नीति फ्रेमवर्क बनाएंगे
प्रतिस्पर्धी संघीय व्यवस्था को बढ़ावा देने तथा सुधारों के त्वरित कार्यान्वयन हेतु राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए, 50 वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चिह्नित करने का प्रस्ताव है। हम राज्यों के साथ काम करते हुए, निम्नलिखित सुधार शुरू करेंगे।
राज्य सरकारों द्वारा भूमि संबंधी सुधार
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों में (1) भूमि प्रशासन, आयोजना और प्रबंधन, तथा (2) शहरी आयोजना, उपयोग और निर्माण उप-विधि शामिल होंगे। उपयुक्त राजकोषीय सहायता के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर इन सुधारों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
ग्रामीण भूमि संबंधी कार्य
ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों में निम्नलिखित शामिल होंगे (1) सभी भू-खण्डों के लिए अनन्य भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार निर्धारित करना, (2) संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, (3) वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण, (4) भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और (5) कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना। इन कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाएं भी सुगम होंगी।
शहरी भूमि संबंधी कार्य
शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ अंकीकृत किया जाएगा। संपत्ति अभिलेख प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली बनाई जाएगी। इससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार की सुविधा उपलब्ध होगी।

श्रम संबंधी सुधार
श्रमिकों के लिए सेवाएं
ई-श्रम पोर्टल का अन्य पोर्टलों के साथ समग्र एकीकरण करने से ऐसा वन-स्टॉप समाधान सुगम होगा। खुली संरचना वाले डाटाबेस और रोजगार आकांक्षियों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं से जोड़ने वाले तंत्र को इन सेवाओं में शामिल किया जाएगा।
द्योग और व्यापार के लिए अनुपालन की आसानी बढ़ाने हेतु श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल को नवीकृत किया जाएगा।
पूंजी और उद्यमशीलता संबंधी सुधार
वित्तीय क्षेत्र विजन और कार्यनीति
अर्थव्यवस्था की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए, एक वित्तीय क्षेत्र विजन और कार्यनीति दस्तावेज लाई जाएगी।
देशी प्रत्यक्ष निवेश और ओवरसीज निवेश
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और ओवरसीज निवेश के लिए नियमों और विनियमों को सरल किया जाएगा ताकि (1) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को सुविधा हो, (2) प्राथमिकताओं पर आधारित निवेश हो सके और (3) ओवरसीज निवेशों के लिए मुद्रा के रूप में भारतीय रूपए के उपयोग के लिए अवसरों को बढ़ावा मिले।
एनपीएस वात्सल्य
माता-पिता और अभिभावकों द्वारा अवयस्क बच्चों के लिए अंशदान हेतु एनपीएस-वात्सल्य योजना शुरू की जाएगी।

टैक्स संभन्दित बिन्दु

आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की जाएगी।
धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव है। अनेक भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटा कर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जा रहा है । ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से कम करके 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। साथ ही, टीसीएस की राशि को वेतन पर कटौती किए जाने वाले टीडीएस की गणना में लाभ दिए जाने का प्रस्ताव है।
अब के बाद कोई निर्धारण, निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन वर्षों के बाद केवल तभी फिर से खोला जा सकेगा जब निर्धारण वर्ष के समाप्त होने से लेकर अधिकतम 5 वर्षों की अवधि तक कर से छूट प्राप्त आय ` 50 लाख या उससे अधिक हो। सर्च मामलों में भी, दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव है। इससे कर-अनिश्चितताओं और विवादों में कमी आएगी।
परिसंपत्तियों पर कैपीटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर ` 1.25 लाख प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव है
अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए, “विवाद से विश्वास योजना”, 2024 का भी प्रस्ताव है।
टैक्स अधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः ` 60 लाख, ` 2 करोड़ और ` 5 करोड़ तक बढ़ाने का प्रस्ताव है
भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और इनोवेशन को समर्थन देने के लिए, निवेशकों के सभी वर्गों के लिए तथाकथित “एंजेल टैक्स” (Angel Tax ) को समाप्त करने का प्रस्ताव है।
देश में घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए एक सरल कर व्यवस्था का प्रस्ताव है।
विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है ।
सामाजिक सुरक्षा लाभ में सुधार हेतु, एनपीएस में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार, निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और उपक्रमों में नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों की आय से वेतन के 14 प्रतिशत तक व्यय की कटौती का प्रावधान करने का प्रस्ताव है।
व्यक्तिगत आयकर दरों के संबंध में, नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वालों के लिए दो घोषणाएं है। पहला, वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को ` 50,000 से बढ़ाकर ` 75,000 करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार, पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को ` 15,000 से बढ़ाकर ` 25,000 करने का प्रस्ताव है। इससे नई कर व्यवस्था में लगभग चार करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा।

नई कर व्यवस्था में कर दर संरचना को निम्नानुसार संशोधित करने का प्रस्ताव हैः
0-3 लाख रुपए
शून्य

3-7 लाख रुपए
5 प्रतिशत

7-10 लाख रुपए
10 प्रतिशत

10-12 लाख रुपए
15 प्रतिशत

12-15 लाख रुपए
20 प्रतिशत

15 लाख रुपए से अधिक
30 प्रतिशत

इन संशोधनों के परिणामस्वरूप, नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में ` 17,500 तक कर लाभ होगा।

 

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