प्राचीर से…
बतौर अति. मुख्य अभियंता छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी मर्यादित, कोरबा टप विद्युत गृह में अपनी सेवाएं दे चुके श्री बी.बी.पी. मोदी अपने कार्यकाल में अपनी अनुशासन के कारण कठोर माने जाते थे लेकिन समाज,व्यवस्था के प्रति उनका कोमल हृदय उनकी कविताओं से फूटकर सामने आने लगा,तब लोगों को इनके संवेदनशील व्यक्तित्व का दूसरा पहलू भी नजर आया। समाज में स्त्री दशा को लेकर “दामिनी” नाम से मन को छूती 3 पार्ट में प्रकाशन कर चुके हैं।मात्र 16 वर्ष की आयु में माँ का साथ छोड़कर ईश की शरण में जाना उनके दिल को आआज भी कचोटता है।श्री मोदी ने एक औपचारिक चर्चा के दौरान कहा कि झूठ बोलने वाले एवं कामचोरों से उन्हें नफरत है।
समसामयिक विषय एवं समाज में घटने वाली घटना को मन को छू लेने वाली कविताओं के माध्यम से वे व्यक्त करते हैं।
प्राचीर से
लाल किले के प्राचीर से
लाल ने फिर भरी हुंकार
आत्मनिर्भर हो देश हमारा
मेड इन इंडिया से आगे
मेड फॉर वर्ल्ड बनाना है।
सबका साथ सबका विकास
सबका विश्वास से आगे चलना है।
लाल किले के प्राचीर से
लाल ने फिर भरी हुंकार।
गलवान की हो घाटी या
हिंद महासागर का हो किनारा
हिमाचल की चोटी से लेकर
कन्याकुमारी की गहराई तक
थल जल
वायु
है हमारा
लाल किले के प्राचीर से
लाल ने फिर भरी हुंकार।
पीओके की बात नई नहीं
अक्साई चीन भी हमारा है।
अटल इरादे से अटल जी का
अखंड भारत का था सपना
इसे हमें पूरा करना है।
लाल किले के प्राचीर से
लाल ने फिर भरी हुंकार।
राम जी के मंदिर की नींव रखी
काशी मथुरा की बारी आई है।
जाति धर्म भाषा का भेद मिटाकर
एकजुट होकर रहने की बारी आई है।
लाल किले के प्राचीर से
लाल ने फिर भरी हुंकार।
पूरा विश्व बने एक परिवार
सत्य अहिंसा प्रेम सद्भाव
त्याग बलिदान सबके कल्याण
अस्त्र-शस्त्र आयुध का बाजार
अंत हमें अब करना है।
लाल किले के प्राचीर से
लाल ने फिर भरी हुंकार।
आत्मनिर्भरता में होती ताकत
हर हाँथ को मिलता है काम
हर हाँथ को मिलता है काम
स्वावलंबी बन कर जीना है।
जियो और जीने दो की राह पर
आगे बढ़ते रहना है।
लाल किले के प्राचीर से
लाल ने फिर भरी हुंकार।
दुश्मन की हो ताकत कितनी
चाल चलें अब कैसी कैसी
हिंदुस्तान अब नहीं पुराना है।
आंख मिलाकर सर उठाकर
हर सबक उसे अब सिखाना है।