कौशल सिखौला : वह नारा यदि 50 साल बाद सफलता की ओर बढ़ रहा है तो सबसे ज्यादा खुशी कांग्रेस को..

नीति आयोग के आंकड़े आ गए हैं । इनके अनुसार देश में केवल 5% गरीब रह गए हैं । संख्या के आधार पर ये केवल 7 करोड़ लोग बैठते हैं । 25 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से ऊपर आ गए हैं । देश में गरीबी का आंकड़ा 11 वर्ष बाद आया है । इससे पहले 2012 में गरीबी के आंकड़े आए थे । यहां खास बात यह है कि सरकार 81 करोड़ लोगों को कोरोना काल से 5 किलो राशन प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह दे रही है।

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नीति आयोग के अनुसार इस मुफ़्त राशन को गरीबी से नहीं जोड़ा जा सकता । सरकार का कहना है कि यह अनाज अतिरिक्त मदद है , जबकि 81 करोड़ लोग मुफ्त अनाज न लेकर भी भूखे नहीं रहेंगे । आयोग के नतीजों का आधार 140 करोड़ लोगों द्वारा किया जाने वाला खर्च है । माना जाता है कि 7.20 करोड़ लोगों को छोड़कर देश के तमाम लोग मुफ्त अनाज न मिलने पर भी आराम से जीवन यापन कर सकते हैं।

आंकड़े दिलचस्प हैं । इसका एक बड़ा आधार आयुष्मान कार्ड भी है , जिसके धारकों का इलाज पर होने वाला खर्च काफी कम हो गया है । 5 लाख रुपए प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष की रकम यदि इलाज पर सरकार खर्च कर रही है तो वास्तव में लोग गरीबी की रेखा से ऊंचे तो उठेंगे ही । पंडित नेहरू के जमाने में योजना आयोग बना था , उसी का नाम बदलकर अब नीति आयोग हो गया है । याद रखिए , नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक योजना आयोग के आंकड़े पूरा देश मानता आया है।

नीति आयोग भी वही है , योजना आयोग का बदला हुआ नाम । अतः यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि देश में गरीबों की संख्या केवल 5% यानी 7.20 करोड़ रह गई है । भारत जैसे विशाल देश के लिए ये आंकड़े हवा के ठंडे झोंके के समान आए प्रतीत हो रहे हैं । गरीबी हटाओ का नारा 1975 में इंदिरा गांधी ने दिया । वह नारा यदि 50 साल बाद सफलता की ओर बढ़ रहा है तो सबसे ज्यादा खुशी कांग्रेस को ही होनी चाहिए । इंदिराजी ने जब यह नारा दिया था तब देश में 75% लोग गरीब थे , जो बहुत बड़ी संख्या थी।

यह आंकड़ा घट कर यदि 5% मात्र रह गया तो पूरे विपक्ष के लिए भी यह प्रसन्नता का विषय होना चाहिए । इंदिरा जी के जमाने में भारत ने स्वयं को विकासशील देश कहना शुरू किया था । जबकि 75% लोग गरीब थे । आज यदि 5% लोग गरीब रह गए तो भारत का सपना भी आगे निकल गया है । पीएम मोदी यदि अमेरिका , यूरोप और चीन की तरह भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा देखना चाहते हैं तो यह देश के लिए गौरव का विषय है । सरकारें आएंगी , सरकारें जाएंगी , देश रहेगा । सुखी , संपन्न , विकसित भारतवर्ष । 2047 तक यह होकर रहेगा । भारत अब रुकने वाला नहीं।

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