राजधानी रायपुर में मूक जीवों के प्रति बढ़ती क्रूरता.. असंवेदनशीलता के शिकार कुत्ते की मौत 

जीव सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है। निरीह जीव कुछ कर नहीं सकते लेकिन उनको सताने वालों का का काम ऊपर वाला भगवान कर देता है। पंचक में जीवों को मारने वाले को जीवन में अनेक बाधाओं से जूझना पड़ता है। अभी बुधवार तक पंचक है और इस दौरान ऐसा ही जीव प्रताड़ना का एक प्रकरण सामने आया है जिसमें शाम को प्रताड़ित कुत्ते की मौत हो गई है। कुत्ता जिसे हमारे शास्त्रों में कालभैरव का, न्याय के देवता शनि का प्रतीक माना गया है।

रायपुर। कुछ दिनों से ऐसा देखा जा रहा है कि कॉलोनी और रहवासी क्षेत्रों में बेजुबान जीवों के प्रति क्रूरता बढ़ती जा रही है।
इसी प्रकार की क्रूरता का एक उदाहरण अवंती विहार sector- 2  क्षेत्र में देखने को मिला है, जिसमें संभ्रांत परिवार के कुछ लोगों द्वारा उसी क्षेत्र के कुत्तों के ऊपर एसिड डाला गया और लगतार उनको मारने की प्लानिंग उनके व्हाट्सप ग्रुप में भी सभी के द्वारा मिल कर की जा रही थी।यही नहीं उन्होंने आस पास के सभी लोगों से उन कुत्तो को खाना पानी बंद करने को कहा था।
कुछ लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो खुलेआम अपने व्हाट्सएप ग्रुप  पर उन बेजुबान जानवरों को लगातार मारने की प्लानिंग भी कर रहे हैं ।।
इस मामले में स्थानीय पार्षद ने भी उन लोगो को समझाने का प्रयास किया लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
वो लोग लगातार इन निरीह जीवों को लोग मार रहे हैं और इनके द्वारा acid डाल कर घायल किए गए कुत्ते का इलाज एनिमल वाटिका में चल रहा था जिसकी मौत आज शाम हो गई।
इस मामले में स्थानीय पुलिस से भी एनिमल वाटिका के माध्यम से कारवाई के लिए निवेदन किया गया है लेकिन अभी तक पुलिस का रवैया ढीला ही दिख रहा है ।।
इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं पशु प्रेमी नितिन सिंघवी जी के संज्ञान में भी इस घटना को डाला गया है जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया है कि वो इस मामले को उच्च स्तरीय अधिकारियो की जानकारी में लाकर पत्र अग्रेषित करेंगे।
इस घटना के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि स्थानीय पशु प्रेमियों ने एसिड वाली घटना के उपरांत देश की सर्वोच्च एवं सुप्रसिद्ध संस्था People for Animal जिसकी संस्थापक BJP सांसद सुश्री मेनका गांधी के पास भी इस संदर्भ में शिकायत की गई है ।।
यह बात सत्य है कि आवारा कुत्तो की संख्या में राजधानी में बढ़ोतरी हुई है जिसमें कुछ घटनाओं में ये भी सामने आया है कि कुत्तो द्वारा बच्चों एवम् अन्य व्यक्तियों को काटने की कुछ घटनाएँ सामने आयी है लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह नगर निगम की उदासीनता और स्थानियों लोगो में संवेदनशीलता की वजह प्रमुख है।
सबसे बड़ी बात जो ये भी देखा गया है कि युवा पीढ़ी के बच्चों के द्वारा आवारा कुत्तों को परेशान करना , उन पर हमला करना और उनको मारना और कुछ घटनाओं में उनके परिजनों द्वारा उन बेजूवान और निरीह कुतों एवम् अन्य पशु जैसे गाय , बैल , बिल्लियों पर Acid डालना , गरम पानी डालना एवं ज़हर देना पाया  गया है, इस दिशा में भी जनजागरण की आवश्यकता है।

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