राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वामी दयानंद सरस्वती को 200वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को आर्य समाज के संस्थापक और समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर उनके जन्मस्थान गुजरात के टंकारा में भाग लिया। सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय समाज में महर्षि दयानंद सरस्वती के योगदान पर प्रकाश डाला।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को आर्य समाज के संस्थापक और समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर उनके जन्मस्थान गुजरात के टंकारा में भाग लिया। सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय समाज में महर्षि दयानंद सरस्वती के योगदान पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने भारत की समृद्ध विरासत के महत्व पर जोर दिया इसके साथ ही उन्होंने अपना जीवन सामाजिक सुधार के लिए समर्पित कर दिया।

महर्षि दयानंद सरस्वती कई महान हस्तियों के थे प्रेरणा स्त्रोत 

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जो अपने मौलिक कार्य ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लिए प्रसिद्ध हैं,वे सत्य की खोज के प्रतीक थे,उन्होंने लोकमान्य तिलक,लाला हंसराज,स्वामी श्रद्धानंद और लाला लाजपत राय जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों को गहराई से प्रभावित किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 19वीं शताब्दी के दौरान अंधविश्वासों के खिलाफ महर्षि दयानंद सरस्वती के अथक अभियान और सामाजिक न्याय के लिए किये गए कार्यों की सराहना की। बता दें कि दयानंद सरस्वती ने बाल विवाह और बहुविवाह जैसी प्रतिगामी प्रथाओं का पुरजोर विरोध किया था। वहीं विधवा पुनर्विवाह और महिला शिक्षा जैसे मुद्दों का समर्थन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उनकी शिक्षाएँ समाज के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करती हैं जो राष्ट्र की प्रगति और ज्ञानोदय के लिए प्रेरित करती हैं।

राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण में आर्य समाज के योगदान को सराहा 

इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मू ने लड़कियों के स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय योगदान के लिए आर्य समाज की सराहना की। उन्होंने पारिवारिक सद्भाव, सामाजिक कल्याण, प्राकृतिक कृषि और नशामुक्ति को बढ़ावा देने वाले आर्य समाज के पहल की खूब प्रशंसा की।

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