छत्तीसगढ़ की राजनीति के परशुराम ननकीराम को गुस्सा क्यों आता है..

छत्तीसगढ़ की राजनीति का परशुराम अगर पूर्व में अविभाजित मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में मंत्री रह चुके ननकीराम कंवर को कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अपने भ्रष्टाचार विरोधी तेवर के लिए जाने जाने वाले कद्दावर आदिवासी नेता श्री कंवर कई मुद्दों को लेकर जनहित में अपनी ही पार्टी को भी अपने ही पार्टी के शासनकाल के दौरान घेरने से कभी नही चुके और अगर उनके विपक्ष में रहते हुए सत्तापक्ष ने जनहित में सकारात्मक परिणाम देने वाले काम किए है तो उसकी तारीफ करने में भी कोई कंजूसी नही करते।इसकी एक बानगी विगत विधानसभा चुनाव के बाद तब देखने को मिली जब एक तरफ जहां भाजपा के नेता कर्जमाफी को केवल छलावा बताते हुए कांग्रेस को लगातार घेरने का प्रयास कर रहे थे,तब ननकीराम कंवर ने कर्जमाफी को बयान दिया था कि उनका भी 80 हजार रुपये का कर्जमाफ सरकार ने किया है। उन्होंने अपने बयान में संकेतो में साफ कर दिया था कि कांग्रेस का कर्जमाफी सही है। खराब सड़क के लिए सड़क पर उतरने की बात हो ,अग्निवेश के लाल सलाम के मुद्दे पर गृहमंत्री रहने के दौरान उनके लाल-पीले तेवर, DMF मद हुए निर्माणकार्यों की जांच की बात हो, सदन में शराबबंदी को लेकर सरकार को घेरने की बात हो, जनहित के हर मुद्दे पर उनका रुख आक्रामक रहता है।आमजन के लिए उनका स्वभाव सहज-सरल है लेकिन सर्वजन हिताय की बात हो तो उनके व्यक्तित्व का दूसरा पहलू भी सामने आता है और ऐसे में वे अपनी पार्टी को भी सवालों के कटघरे में खड़े करने से नही चूकते।

कोल प्रक्षेत्र में डीजल,कबाड़ के अवैध कारोबार पर चिंता

हाल ही में कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खदानों से कोयला, डीजल व स्क्रेप चोरी को लेकर उन्होंने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिख कर कहा है कि साऊथ इस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड, एस ई सी एल की कोरबा में संचालित कोयला खदानों में सुनियोजित ढंग से हर रोज चोरी की जा रही। हर माह करोड़ो रुपए के डीजल व कोयला चोरी कर कोल इंडिया को क्षति पहुंचाई जा रही है। पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है। पिछले कई दिनों से जिले में चल रहे अवैध गतिविधियों का मामला गरमाया है। इन मामलों पर अब राजनीतिक रंग चढ़ने लगा है। श्री कंवर ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के अलावा केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिख कर एसईसीएल को पहुंच रही करो़ड़ों की क्षति से अवगत कराते हुए कहा है कि जिले में एस ई सी एल की चार प्रक्षेत्र और दस से अधिक खुली व भूमिगत खदानें हैं। केंद्रीय सुरक्षा बल की सेवाएं ली जा रही है, इसके बाद भी चोरी की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा। प्रबंधन भी जानबूझ कर अनदेखी कर रहा। सी आई एस एफ की भूमिका भी संदिग्ध है।आगे पत्र में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के डीजल टैंकर से की जाने वाली चोरी की घटनाओं को भी बेहद गंभीरता से लिए जाने की बात उन्होंने कही है। चालकों से साठगांठ कर अपराधी खुलेआम डीजल व पेट्रोल की चोरियां कर रहे है। इससे नागरिकों की सुरक्षा व जिले की कानून व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है। उल्लेखनीय है कि डीजल चोरी किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया में विगत दिनों वायरल हुआ था।

लखनलाल देवांगन भी लिख चुके हैं पत्र

उल्लेखनीय है कि अपने संसदीय सचिव के कार्यकाल के दौरान एसईसीएल की खदान से कोयला, डीजल और कबाड़ चोरी की बढ़ती घटना को लेकर संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन भी गंभीर थे और इस संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह को पत्र लिखकर उन्होंने इस कारोबार में सफेदपोश लोगों के शामिल होने की बात कही थी और एसईसीएल की खदानों से डीजल, कोयला और कबाड़ चोरी नहीं रूकने पर हैरानी जताई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को पत्र लिखकर रोक लगाने की मांग करते हुए लिखा था कि गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और कोरबा एरिया के सुराकछार खदान से कोयला, डीजल और कबाड़ चोरी की घटनाएं बढ़ रही है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को काफी नुकसान हो रहा है।