बोलते चित्र.. न मैं जाटवर न मैं यादव न मैं निर्मलकर हूं.. बस मैं संतुष्ट हूं निःशब्द हूं.. मैं तो बस…
बोलते चित्र.. न मैं जाटवर न मैं यादव न मैं निर्मलकर हूं.. बस मैं संतुष्ट हूं निःशब्द हूं.. मैं तो बस…
राममय हुए आदिवासी, पिछ्ड़े, दलित, अगड़े, मालिक, कर्मचारी…
आनंदित हूं.. भावुक हूं.. शरणागत हूं..मर्यादित हूं.. संतुष्ट हूं.. निशब्द हूं !! मैं बस राममय हूं ….! कुछ इस तरह की भावनाएं अपने आराध्य भगवान श्री राम के प्रति सोमवार को अयोध्या जी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए जाने के बाद सारे देश के साथ ही लोगों को ऊर्जा नगरी कोरबा सहित समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिली।
क्या आदिवासी, क्या पिछड़ा, क्या अगड़ा, क्या दलित..क्या मालिक.. क्या कर्मचारी.. क्या तू और क्या मैं… इन्हीं भावनाओं से ओतप्रोत-वशीभूत होकर सारा शहर पूरी तरह भक्ति में लीन होकर राममय-भगवामय हो गया था।
अयोध्या जी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए जाने के पूर्व से जिले समस्त गांवों, गली मोहल्लों में भजन कीर्तन का दौर शुरू हो गया था। आदिवासी समाज, पिछड़े वर्ग, दलित वर्ग सहित सभी वर्गों के द्वारा बढ़चढ़कर हिस्सा लिया गया।
विभिन्न संगठनों के द्वारा लगभग एक सप्ताह से इसकी विशेष तैयारी की जा रही थी। इस दौरान सभी स्थानों पर शोभायात्राओं का आयोजन किया गया।
हिन्दू समाज की विभिन्न झांकियों को शोभायात्रा में शामिल किया। अपार श्रद्धालुओं, भक्तों की भीड़ इस शोभा यात्रा के दौरान साथ साथ चलती रही।पूरे शहर सहित गांवों , गली मोहल्लों को भगवा और लाल तोरण,झंडों, बैनर, पोस्टरों से दुल्हन की तरह सजा दिया गया। सभी समाजो के द्वारा शोभायात्रा मार्ग में स्वागत द्वार लगाया गया था।
समाजसेवी संगठनों,दुर्गा समितियों के द्वारा कदम कदम पर अनेको तरह से जैसे मिष्ठानों आदि के द्वारा एवं पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का, लोगों का स्वागत किया गया।
विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली भक्तों की टोलियों के द्वारा सीतामढ़ी से लेकर कोसाबाड़ी से शोभायात्राओं के निकलने का क्रम देर रात तक जारी रहा।शोभायात्राओं में लोगों ने अनुशासन बनाए रखा।
जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन इस दौरान लगातार सतर्क रहा। सिविल ड्रेस में भी पुलिस के जवानों ने शोभायात्रा के दौरान सतर्कता बरती।
अयोध्या जी में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कोरबा शहर वासियों सहित उप नगरीय क्षेत्रों के लोगों में भी अद्भुत उत्साह देखने को मिला। उप नगरों से भी लोगों का शहर में आने का क्रम लगातार जारी रहा।वहीं दूसरी ओर अनेक व्यवसाइयों अपने प्रतिष्ठानों ने दोपहर 3 बजे के बाद बंद कर परिवार सहित शोभायात्राओं में शामिल हुए।