राम भारतीय संस्कृति के आधार : नरेंद्र मोदी
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए आज भूमि पूजन भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्पन्न हुआ। इस दौरान राम मंदिर के लिए नौ आधारशिला रखी गईं। भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने हनुमानगढ़ी में पूजा और दर्शन किए।इसके बाद वह श्री राम जन्मभूमि पहुंचे।वहां पीएम मोदी ने भगवान श्री राम लला विराजमान की पूजा और दर्शन किया और परिजात का पेड़ लगाया। इसके बाद मंदिर का भूमि पूजन सम्पन्न हुआ।
रामनगरी अयोध्या में यह रामकथा का नया अध्याय है, 492 वर्ष तक चली संघर्ष-कथा का अपना ‘उत्तरकांड’ है। अपनी माटी, अपने ही आंगन में ठीहा पाने को रामलला पांच सदी तक प्रतीक्षा करते रहे तो रामभक्तों की ‘अग्निपरीक्षा’ भी अब पूरी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही आधार शिला भी रखी।
रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह राम के रंग में नजर आए। राममंदिर के भूमिपूजन की तिथि को उन्होंने स्वतंत्रता दिवस जैसा बताया। कहा कि अस्तित्व मिटाने का बहुत प्रयास हुआ लेकिन जैसे देश की स्वतंत्रता के लिए पीढ़ियों से अपना सबकुछ समर्पित किया, वैसे ही कई सदियों और पीढ़ियों ने राममंदिर के लिए प्रयास किया और रामजन्मभूमि मुक्त हुई। यह दिन सत्य, अहिंसा और न्यायप्रिय भारत की अनुपम भेंट है। यह मंदिर तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक बनेगा। शाश्वत मंदिर आस्था और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। कोई काम करना हो तो हम भगवान राम की ओर देखते हैं। भगवान राम की देखते हैं। राम हमारे मन में बसे हैं। राम संस्कृति के आधार हैं। उन्होंने आंदोलन में बलिदान हुए लोगों को भी नमन किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागत ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के बाद बुधवार को कहा कि यह आनंद का क्षण है क्योंकि जो संकल्प लिया गया था, वह आज पूरा हुआ है। उन्होंने कहा, ”एक संकल्प लिया था और मुझे स्मरण है तब कि हमारे सरसंघचालक बाला साहब देवरस जी ने हमको कदम आगे बढ़ाने से पहले यह बात याद दिलाई थी कि बीस-तीस साल लगकर काम करना पड़ेगा और 30वें साल के प्रारंभ में हमको संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है।
इस अवसर पर श्रीराम के नाम से एक डाकटिकट भी जारी किया गया।