सरकारी जीईएम पर खरीद दो लाख करोड़ रुपये पार

जीईएम पोर्टल से उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, बिहार, असम, उत्तराखंड जैसे राज्यों ने चालू वित्तीय वर्ष में बड़ी मात्रा में खरीद के ऑर्डर दिए हैं।

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मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सरकारी पोर्टल जीईएम का भी कारोबार बढ़ता जा रहा है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद का आंकड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की खरीद बढ़ने से जीईएम पर खरीद दो लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है।

आठ महीने में खरीद का आंकड़ा दो लाख करोड़ के पार

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एक्स’ पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है कि जीईएम के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के सिर्फ आठ महीने में ई-मार्केटप्लेस मंच से खरीद का आंकड़ा दो लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में खरीद मूल्य 1.06 लाख करोड़ रुपये रहा था। मंत्रालय के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष यह आंकड़ा दो लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था जबकि चालू वित्त वर्ष में यह आंकड़ा तीन लाख करोड़ रुपये के पार निकल सकता है। खास बात ये है कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, बिहार, असम, उत्तराखंड जैसे राज्यों ने चालू वित्तीय वर्ष में बड़ी मात्रा में खरीद के ऑर्डर दिए हैं।

लेनदेन की कुल संख्या भी 1.8 करोड़ के पार
यह पोर्टल लगभग 312 सर्विस केटेगरी और

11,800 से अधिक उत्पाद कैटेगरी की एक विविध सूची प्रदर्शित करता है, जो इसे सभी स्तरों पर सरकारी खरीदारों की जरूरी आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से पूरा करने के लिए तत्पर है। संचयी रूप से, जीईएम ने अपने हितधारकों के जबर्दस्त समर्थन के साथ, अपनी स्थापना के बाद से 5.93 लाख करोड़ रुपये के जीएमवी को पार कर लिया है। जीईएम पर लेनदेन की कुल संख्या भी 1.8 करोड़ को पार कर गई है।

छोटे और मध्यम उद्यमों का हो रहा लाभ

यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों, महिला उद्यमियों, स्टार्टअप और कारीगरों जैसे हाशिए के विक्रेताओं के अनूठे संदर्भों और उनकी सीमाओं को पूरा करता है। इसकी नीतियां सभी फर्मों को उनके आकार और लोकप्रियता के बावजूद सही व्यावसायिक अवसर प्रदान करने के इरादे से तैयार की गई हैं। इसके बाद, इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से लेनदेन किए गए कुल ऑर्डर मूल्य का लगभग 49 प्रतिशत एमएसई को दिया गया है। केवल 7 महीनों में, 45000 से अधिक एमएसई ने, जीईएम पर, पंजीकृत विक्रेताओं व सेवा प्रदाताओं के रूप में पंजीकरण किया है।

क्या है जीईएम पोर्टल
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए जीईएम पोर्टल को नौ अगस्त 2016 को लॉन्च किया गया था। जीईएम के पास 63 हजार से अधिक सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से अधिक विक्रेता और सेवाप्रदाता हैं। फिलहाल सरकारी विभागों, मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, राज्य सरकारों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को इस पोर्टल के माध्यम से लेन-देन की अनुमति है। इस पोर्टल पर कार्यालय की स्टेशनरी से लेकर वाहन तक खरीदे जा सकते हैं। जीईएम ने प्रौद्योगिकी के उपयोग और खरीददारी को संपर्क रहित, कागज रहित और कैशलेस बनाकर सार्वजनिक खरीदारी का स्‍वरूप बदल दिया है।

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