सांप की केंचुली या बांम्बी की मिट्टी से करें पार्थिव शिवलिंग पूजन..

कालसर्प दोष के निवारण के लिए पार्थिव शिवलिंग का पूजन अद्भुत फल देता है। अगर आपको सांप की कहीं केंचुली मिल जाए तो उसका आसन बनाकर पार्थिव शिवलिंग की पूजा करें। सांप की केंचुली का मिलना बेहद दुर्लभ है। अगर आपको सांप की केंचुली नहीं मिल रही है तो सांप की बांबी की मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर रोज पूजन करें या मात्र सोमवार को ही कर सकते हैं। इस संबंध में जानकारी आपको नेट में या कही भी नही मिलेगी।

पार्थिव शिवलिंग आप भिन्न-भिन्न तरीके से बना सकते हैं। कभी गोबर,मिट्टी,जल,भस्म,शहद,चंदन,चावल,गेहूं,गुड़,तेल, सरसों का तेल,जौ और भी भिन्न प्रकार के अनाज को मिलाकर या अलग-अलग अनाज के पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन किया जा सकता है। कुशा का आसन बनाकर भी विभिन्न प्रकार के फल को शिवलिंग स्वरूप मानकर पूजन किया जा सकता है। कहने का मतलब यह कि पार्थिव शिवलिंग के निर्माण के लिए जो सामग्री आपके पास उपलब्ध हो उसी से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर पूजन कीजिए। पार्थिव शिवलिंग का पूजन कालसर्प दोष के निवारण में सबसे कारगर उपाय है। उल्लेखनीय है कि श्रीराम ने रावण से युद्ध से पहले पार्थिव शिवलिंग की पूजा की थी और युद्ध में विजय प्राप्त किया था।इस पूजा को पुरुष और महिला दोनों कर सकते हैं।

कल सर्प दोष के निवारण के लिए मैंने मेरे पूज्य समवर्ती आश्रम समूह के बाबा आदरणीय श्रद्धेय श्री राम जी बाबा के कहने पर पार्थिव शिवलिंग का पूजन आरंभ किया था। कुछ समय से कारण यह क्रम बंद हो गया था जो कि पुनः आरंभ हुआ है।पूजन के साथ 6 माह में या वर्ष में एकबार रुद्राभिषेक करा दिया जाए तो समस्याओं के निराकरण में बड़ा बल,शक्ति मिलती है।आजकल लोग खानापूर्ति के लिए 1-2 घंटे में रुद्राभिषेक कर देते हैं लेकिन पूरे विधिविधान से किया जाए तो 6 से 7 घण्टे एक बैठक में लग जाता है और आपका पूजन तभी सार्थक होगा जब वैदिक पूजन से पूर्ण रूप से किया जाए।