कौशल सिखौला : …सरकार जल्द चुनाव कराएगी ?

देश में मंहगाई कुछ कम हुई , टमाटर बहुत सस्ते हुए , उज्ज्वला गैस सिलेंडर घटी दरों मिलने लगे और आम आदमी के लिए सिलेंडर एकाएक 200 ₹ सस्ता हो गया । जाहिर है इंडिया गठबंधन के लिए यह कहना वाजिब हो गया कि उसे एक जुट होकर आता देख सरकार डर गई और अभी और बहुत कुछ सस्ता करेगी ।

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इसी के साथ दिसंबर जनवरी में लोकसभा चुनाव कराने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं । इस बात को खुद नीतीश और ममता ने हवा दी । केंद्र सरकार के किसी मंत्री या भाजपा की ओर से अभी ऐसा कुछ नहीं कहा गया है कि चुनाव अगले चार पांच महीनों में कराए जा रहे हैं । विपक्ष का आरोप है कि इंडिया की लोकप्रियता और अधिक न बढ़ जाए , इससे डरी सरकार जल्द चुनाव कराएगी ?

दरअसल डॉट इंडिया गठबंधन क्या बन रहा है , विपक्षी दलों को लग रहा कि उन्होंने मोदी को पछाड़ दिया है ? कुनबा अभी पूरा बसा नहीं , नेता अभी सामने आया नहीं , सीट तालमेल हुआ नहीं , पार्टी संयोजक मंडल बना नहीं । और लीजिए मोदी को पछाड़ भी दिया , एनडीए को उखाड़ भी दिया और डॉट इंडिया की सरकार भी बन गई ? डर इस कदर कि शिगूफा छोड़ दिया कि हार के डर से मोदी चुनाव भी समय से पूर्व करा लेंगे । यद्यपि समय से पूर्व चुनाव कोई नई बात नहीं है । खुद कांग्रेस ने अनेक बार राज्यों और केंद्र में समय पूर्व चुनाव कराए हैं ।

सही बात पकड़ें तो आज की राजनीति अवसरों का खेल है । विपक्षी गठबंधन को लगता है कि मोदी इस वक्त को हर सूरत में कैश करना चाहेंगे । भारत चांद पर गया है , अब सूर्य पर जा रहा है , शीघ्र ही जी 20 राष्ट्राध्यक्षों का भव्य सम्मेलन दिल्ली में होने वाला है । दुनिया में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता सातवें आसमान पर है । तो लोकसभा चुनाव कराने का इससे बढ़िया मौका मोदी के लिए और क्या होगा ?

इसमें कोई शक नहीं कि इंडिया गठबंधन को लेकर विपक्ष में भारी जोश है । विपक्ष मान चुका था कि उसके पास मोदी की कोई काट नहीं है । लेकिन नीतीश की मेहनत रंग लाई । यह और बात है कि गठबंधन को इंडिया नाम देने वाली कांग्रेस अब इंडिया को हाइजैक करने को तैयार है । मुंबई बैठक में इंडिया के मुख्य संयोजक यदि खड़गे बन गए तो फिर देखना गठबंधन किस तरह कांग्रेस की गिरफ्त में आ जाता है।

सब जानते हैं कि सोनिया और लालू यादव के बीच काफी मधुर संबंध हैं । नीतीश शायद लालू और सोनिया के खेल को भांप गए हैं । इंडिया की बिसात पर किस तरह तमाम मोहरे राहुल को आगे लाने के लिए सजाए जा रहे हैं , इसकी भनक नीतीश को भी लग गई और केजरीवाल को भी । नतीजतन केजरीवाल ने संसद सत्र के बाद चुप्पी साध ली , नीतीश ने संयोजक बनने से इंकार कर दिया । बहरहाल कल और परसों मुंबई में होने वाली इंडिया बैठक के बाद अनेक उलझनों से पर्दा हटने की आस लगाई जा रही हैं ।

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