परिवारजनों से शुरू करके परिवारवादियों को लपेट गए पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लाल किले से अपने 10वें संबोधन की शुरुआत 140 करोड़ भारतीयों के परिवार से की. पीएम मोदी अपने पूरे संबोधन के दौरान ‘मेरे परिवारजनों’ बोलते रहे. अमूमन पीएम मोदी अपने ,संबोधन में देशवासियों शब्द का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इस बार पीएम मोदी ने लगातार परिवारजन शब्द इस्तेमाल किया. पीएम मोदी ने परिवार शब्द से अपने संबोधन की शुरुआत की और परिवारवादियों को लपेट गए.

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पीएम मोदी के संबोधन में सरकार की उपलब्धियों का बखान था तो भविष्य के लिए रोडमैप भी. उन्होंने इतिहास का जिक्र कर आने वाले कल के लिए देशवासियों को आगाह किया तो भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को लेकर किसी का नाम लिए बगैर विरोधी दलों पर जमकर निशाना भी साधा.

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने देश को दीमक की तरह नोंच लिया है लेकिन ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा. पीएम ने परिवारवाद को लेकर कहा कि इसने देश को जिस तरह से जकड़ रखा है, लोगों का हक छीना है. इनका मूल मंत्र है- ऑफ द फैमिली, बाई द फैमिली और फॉर द फैमिली.

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उन्होंने कहा कि तीसरी बुराई तुष्टिकरण है जिसने देश के मूलभूत चिंतन को नुकसान पहुंचाया है. हमें इन बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है.

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