अमृत सरोवर उन प्राणियों के साथ भी सद्भाव सुनिश्चित कर रहे हैं, जिनके साथ हम अपनी धरा के संसाधनों को साझा करते हैं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमृत सरोवरों के महत्व को उजागर किया है। उन्होंने कहा है कि जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के अलावा, अमृत सरोवर उन प्राणियों के साथ भी सद्भाव सुनिश्चित कर रहे हैं, जिनके साथ हम अपनी धरा के संसाधनों को साझा करते हैं।

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असम के कामरूप जिले में सिंगरा के निर्मल सरोवरों में से एक में हाथियों के ग्रीष्मकालीन स्नान के बारे में असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा के एक ट्वीट को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि;

“यह मनमोहक दृश्य है। जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के अलावा, अमृत सरोवर उन प्राणियों के साथ भी सद्भाव सुनिश्चित कर रहे हैं, जिनके साथ हम अपनी धरा के संसाधनों को साझा करते हैं।”

 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से देश आज कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन रहा है। इसी कड़ी में भारत ने जल संरक्षण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। देशभर में अब तक 40,000 से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं। यह उपलब्धि अप्रैल 2022 में मिशन अमृत सरोवर शुरू होने के बाद 11 महीने की छोटी अवधि में हासिल हुई है। मिशन के तहत इस वर्ष 15 अगस्त तक 50,000 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य है। देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का संकल्प तेजी से आकार ले रहा है। ‘मिशन अमृत सरोवर’ के शुभारंभ के 6 महीने के भीतर 25 हजार से अधिक अमृत सरोवर का निर्माण पूरा भी कर लिया गया था। यह पीएम मोदी का विजन है जिससे देशभर में भू-जल स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी और भविष्य में कभी देश में सूखा आता है या जलसंकट का सामना करना पड़ता है तो अमृत सरोवर बड़ी मददगार साबित होंगी।

 

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