धन्य है बालको.. करोड़ों-अरबों की बात लेकिन हजार-हजार के लिए ये चक्कर काट रहे महीनों से दिनरात… स्वर्ण पदक नही रोटी का सहारा चाहिए..
कोरबा। जिन्होंने बालको के साथ ही देश सेवा में अपनी स्वर्णिम वर्ष खपा दिए, उन्हें किसी स्वर्ण पदक की आवश्यकता
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