कोरबा जिला चिकित्सालय …निःशब्द, बोलती तसवीरें

जिले के लाखों लोगों के सांसो की सूत्रधार जिला चिकित्सालय कोरबा में गत दिवस एक परिचित का हाल जानने पहुंचा। इस मध्य जो तसवीरें ICU के जाते तक सामने आई, व्यक्त करती हैं कि चिकित्सालय के अन्य भागों में क्या दशा होगी..?

चिकित्सालय का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा। एक समय था जब मात्र ऑक्सीजन के अभाव में परिजन नीजि चिकित्सालय की शरण लेकर जेवर,खेत बेचकर लूट जाते थे।
अब जब प्रधानमंत्री की योजना के तहत इसकी व्यवस्था हुई है तो इसमें सेफ्टी के लिए एक दरवाजा भी नही और भीतर गंदगी पांव पसारे बैठी है।

 

सामान्य या आपातकालीन स्थिति में मरीजों को ड्यूटी पर उपस्थित चिकित्सकों की जानकारी सुगमता से हो, इसके लिए एक बोर्ड पर पूरी सूची है जिसमें चिकित्सकों के मोबाइल नंबर भी हैं लेकिन इस कोने में छिपे इस बोर्ड को खोजने के लिए कहां कॉल किया जाए !!

ऐसे बोर्ड चिकित्सालय में सर्वत्र उपलब्ध होने चाहिए।

 

 

         चमचमाते टाइल्स के साथ कचरे का सच।

 

जिला चिकित्सालय मात्र icu तक जाते हुए कई हिस्से में ये गंदगी, सीलन मरीज़ों का किस प्रकार दम घोटतीं होंगी, इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है। हॉस्पिटल का चेहरा चमकाते चमकदार टाइल्स के साथ फूलदार बगीचे मरीजों को नया जीवन देने में सक्षम होंगे।

कई और हिस्से ऐसे ही है जहां जहरीले सांपों का बसेरा भी हो सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

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