9 फरवरी तक किसानों और सरकार के मध्य हल निकल जाएगा..
किसान आंदोलन अपने चरम पर है और इस दौरान केंद्र सरकार ने कई प्रस्ताव किसान नेताओं को दिए लेकिन बिल वापसी के अलावा किसी और मुद्दे पर अब भी कई किसान नेता बात मानने के लिए तैयार नहीं है। कई किसान नेताओं ने तो इस आंदोलन से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में हुए बवाल के बाद आंदोलन से किनारा कर लिया है। ऐसे में प्रश्न उठ रहा है कि ये आंदोलन आखिर कब तक चलेगा? तर्क दिया जा रहा है कि आपकी गाड़ी में पंचर है तो आप पंचर बनवाएंगे, अधिक हो तो tube बदलने की बात होगी और बड़ा कट लगा हो तो tyre भी बदल देंगे लेकिन पूरी गाड़ी तो नही बदलेंगे…यही उन कानूनों के साथ है।
किसान बिल के पक्ष में तर्क देने वाले कहते हैं कि जब महिंद्रा, फिएट,एम्बेसडर और राजदूत, जावा, बजाज जैसी कुछ ही ब्रांड थे, तब 5 बरस बाद गाड़ी का नम्बर आता था। bsnl का sim लांच हुआ तो 10 हजार ब्लैक तक बिका और उसके बाद idea सहित अन्य co. के हर फील्ड में मैदान में आने से आम उपभोक्ताओं को लाभ मिला। tv के क्षेत्र में दूरदर्शन के एकाधिकार खत्म होने से दर्शकों के पास अब बेहतर कई विकल्प हैं। आगे किसान बिल के पक्ष में लोगों को समझाया जा रहा है कि पेप्सी, नेस्ले सहित अन्य विदेशी कंपनियां कारोबार करें तो ठीक लेकिन पतंजलि, अदानी, अंबानी या कोई देशी कंपनी कारोबार करे तो सवाल खड़े होते हैं ?
किसानों के एक वर्ग का मानना है कि वेतन आयोग सहित कई आयोग है लेकिन लगभग 70% किसानों के लिए आज तक कृषि आयोग नही बना है और केंद्र सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है।
तो वहीं पर किसान बिल के विपक्षी विचारों के लोगों का कहना है कि किसान की जमीन चली जायेगी। किसान पूंजीवाद के शिकार हो जाएंगे। खेती बर्बाद हो सकती है तो ऐसे में क्या होगा ?
सारे पक्ष और विपक्ष की बातों के बीच एक शख्स हैं ज्योतिष निशांत ताम्रकार (+91 95716 55523) जो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल भविष्यवाणियां कर चुके हैं। पूर्व में bjp के लगभग 369 सीटों के साथ सत्ता में आने, कश्मीर में परिवर्तन, राममंदिर निर्माण की तिथि सहित कई बड़े मुद्दों पर सफल आंकलन कर चुके हैं। 19 जनवरी 2020 को किसान आंदोलन को लेकर अपने फेसबुक post में श्री निशांत कहते हैं –
” नमस्कार मित्रो
पिछले कुछ माह से देश मे किसान आंदोलन चरम पर है।
मुद्दा गम्भीर है।
इसे प्रश्न कुंडली अनुसार देखने का प्रयास करते है की क्या हो सकता है?
16।01।2021 सुबह 09।39 पनागर
मुझे यह आंदोलन अभी 21 दिन लगभग 9 फरवरी तक और दिखता है इसमें सरकार और किसानों के मधय कोई हल निकल जायेगा।
विषय आंदोलन का नही है।
ये मामला किसान से जुड़ा है उनके साथ न्याय होना चाहिए।
किन्तु वक्त किसी बड़े विस्फोट की तरफ संकेत दे रहा।
खासकर इस आंदोलन को खलिस्तीनी या कोई आतंकी संगठन अपने मंसूबे में कामयाब होने अपने निशाने ओर ले सकता है।
इसलिये सरकार के साथ साथ किसानों को भी सतर्क रहना चाहिए।
सरकार से असन्तुष्टि, आंदोलन अपनी जगह है। पर देश हित सर्वोपरि इसका फायदा किसी आतंकी संगठन के किसी षड्यंत्र को सफल होने का कारण न बने।
अगले 21 दिन में आज से 22 जनवरी के बाद क्योकि गणतंत्र दिवस भी है इसलिये सतर्कता जरूरी है।
1 फरवरी के आसपास उसके बाद अगले 10 दिन विशेष सतर्कता के होंगे।
धन्यवाद”