सलामत रहे दोस्ताना हमारा…साथ और अंदाज़ राम-बलराम जैसा
दोस्ती कहने को तो मात्र ढाई अक्षरो का एक शब्द है। मगर इस एक शब्द में ही इन्द्रधनुष के सात रंग है जिस तरह आकाश अंतहीन है, उसी तरह मित्रता का भी कही कोई अंत नहीं। फिल्म राम-बलराम के किरदारों की तरह कई लोगो का दोस्ताना बेहद गहरा होता है।
कई बार हमपेशा या एक समान कार्यक्षेत्र होने के कारण एक-दूसरे के साथ बेहद लगाव से जुड़े होते है। कुछ ऐसे की कही एक साथ देखकर बरबस ही लोग कह उठते है क्या हाल है राम-बलराम की जोड़ी का।
धान के कटोरे छत्तीसगढ़ की हरी-भरी वादियों में ऐसी ही लहलहाती जोड़ी है रायपुर में पदस्थ सुखनंदन राठौर और कोरबा में सेवा दे रहे कीर्तन राठौर की। हमेशा कदमताल मिलाकर चलते है, अवसर चाहे पारिवारिक उत्सव का हो या पुलिस प्रशासन की जनहितकारी योजनाओ के प्रसार का अथवा आमजन के समस्याओ के निराकरण का। गंभीर मुद्ददो को लेकर अक्सर आपस में ये बतियाते है।
बड़े भाई के जन्मदिन पर छोटे भाई का संदेश फेसबुक पर कुछ ऐसे अंदाज़ में नजर आया।

