सद्बुद्धि की प्रार्थना के साथ online कक्षाओं का होगा बहिष्कार
मनमानी फीस वसूली के लिए निजी स्कूल संचालक अब स्कुली बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की धमकी देने लगे हैं। शिक्षा का अधिकार कानून, हाई कोर्ट के निर्देश और बाल अधिकार कानून में स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी स्कूल किसी भी स्थिति में बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं कर सकता। इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी राज्य शासन और शिक्षा विभाग को 9 सितंबर को निर्देश जारी कर ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करने को कहा है।
निजी स्कूल नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए अभिभावकों को मैसेज भेज कर धमकियां दे रहे हैं। कोरबा पालक संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा 03 बार पत्र देकर निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने का निवेदन किया लेकिन शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है। पालको की शिकायतों पर कार्रवाई करना तो दूर अपने ही विभाग के नियम कानूनों का पालन कराने में भी कोई रुचि नहीं ले रहा है। जिससे पालकों में आक्रोश चरम पर है। निजी स्कूलों की मनमानी और दादागिरी तथा शिक्षा विभाग की चुप्पी के खिलाफ सोमवार 14 सितंबर को सभी निजी स्कूलों के पालक एक दिन के लिए आनलाईन कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। कोरबा पालक संघ की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सभी स्कूलों के पालक सोमवार को ऑनलाइन कक्षा के बदले स्कुली बच्चे और पालक स्कुल संचालकों की सद्बुद्धि के लिए अपने अपने घरों में प्रार्थना करेंगे।