13 सितंबर को वर्ष का दूसरा रविपुष्य योग : समृद्धि के लिए ये करें

वर्ष 2020 में कुल 4 रविपुष्य योग है, जिसमें दूसरा 13 सितंबर को कोरबा लोकेशन पर शाम 4:26 से लेकर रात्रि 3:11 बजे तक है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र हैं। इनमें 8वें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है, जो बेहद ही शुभ एवं कल्याणकारी नक्षत्र है, इसलिए इसे नक्षत्रों का सम्राट भी कहा जाता है। जब यह नक्षत्र रविवार के दिन होता है तो इस नक्षत्र एवं वार के संयोग से रवि पुष्य योग बनता है। इस योग में ग्रहों की सभी बुरी दशाएँ अनुकूल हो जाती हैं, जिसका परिणाम सदैव आपके लिए शुभकारी होता है। रवि पुष्य योग को रवि पुष्य नक्षत्र योग भी कहा जाता है।
आध्यात्म जगत से जुड़े कपिल व्यास कहते हैं कि यदि कुंडली में दरिद्रयोग, भाग्य हानि योग या लगातार धन की कमी रहती हो तो त्रिधातु छल्ले की अंगूठी पहने।
आयुर्वेद की दृष्टि में भी ये उत्तम साधन है ।।क्योंकि यह शरीर के बिगड़े हुए वात, पित, ओर कफ को भी अनुशाषित करने में विशेष योगदान देती है ।।
इसको महंगे रत्नों की भांति ये धारण करने में अनुकूल रहेगा या नही ?इसका कोई कुप्रभाव तो नही होगा ? आदि शंकाओं वाला भी झंझट नही ।। हर कोई इसको धारण कर सकता है
तारताम्र सुवर्णानाअर्क षोडशखेन्दुभि: ।
पुष्यार्के घटिका मुद्री ऋणदारिद्रय नाशिनी ।।
“अर्थात 16 रत्ती तांबा, बारह रत्ती चांदी एवम् 10 रत्ती सुवर्ण इन तीनो धातु की अंगूठी पुष्य नक्षत्र में बनवाकर पहनी जाए तो कैसी भी दरिद्रता हो धीरे धीरे नष्ट हो जाती है। धन का आगमन होने लगता है। स्वास्थ्य भी अच्छा रहने लगता है।” इसे त्रिधातु की अंगूठी कहते है।इसे अनामिका या तर्जनी में पहनना चाहिए।
त्रिधातु छल्ले को पुष्य नक्षत्र ,गुरुपुष्य योग,रविपुष्य योग,सर्वार्थ सिद्ध योग,द्विपुष्कर,त्रिपुष्कर ,होली,दिवाली,महाशिवरात्रि,धनतेरस, आदि शुभ मुहूर्त में धारण करना विशेष फलदायी है
दूसरा यदि कोई यदि इसे धारण करने का इच्छुक यदि शीघ्रता में है तो वो इनसे अन्यत्र अन्य कोई शुभ मुहूर्त आदि भी ग्रहण कर सकता है ।।
इसे धारण करने के लिए त्रिधातु छल्ले का षोडशोपचार पूजन धारण कर्ता के नाम और गोत्र आदि से ब्रह्म ,विष्णु,महादेव, त्रिदेवों ओर त्रिदेवी महाकाली,महालक्ष्मी,महारस्वती, आदि का ध्यान आवाहन ओर पूजन करते हुए इसे श्री सूक्त ,पुरुष सूक्त,रुद्र सूक्त, से अभिमंत्रित करके पहनना चाहिए ।

यह योग तंत्र-मंत्र की सिद्धि एवं जड़ी-बूटी ग्रहण करने में विशेष रूप से उपयोगी होता है।इस दिन साधना करने से उसमें निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है। सूर्य का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन सुर्ख लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है।

रवि पुष्य योग पर करें ये धार्मिक कर्म और उपाय

●  रविवार के दिन गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है।
●  रविवार के दिन मंदिर में दीपक जलाने से कार्य में आने वाली बाधा समाप्त होती है।
●  तांबे के लोटे में जल में दूध, लाल पुष्प और लाल चंदन डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से शत्रु कमजोर होते हैं।