भारतीय मजदूर संघ ने 25 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
भारतीय मजदूर संघ छत्तीसगढ़ ने कोविड-19 जैसे महामारी संक्रमण काल में प्रदेश के मजदूरों की आजीविका की समस्या को देखते हुए उसके निराकरण के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम 25 सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के निराकरण की दिशा में पहल करने की मांग की है।
1. प्रवासी मजदूरों के लिए तत्काल राहत पैकेज का ऐलान करते हुए नगद राशि सीधे मजदूरों के खाते में प्रदान किया जाए।
2. प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए मनरेगा को पूरे वर्ष भर चलाया जाए।
3. अनियंत्रित निजीकरण पर तत्काल रोक लगायी जाए- जैसे कि केन्द्र सरकार ने रेल्वे, कोयला, बीएसएनएल, एमटीएनएल,नाल्को, इंडियन आयल कारपोरेशन, एन.टी.पी.सी., विद्युत कंपनी जैसे अन्य छोटे-छोटे उद्योगों को भी निजीकरण करने का फैसला लिया है उस पर तत्काल रोक लगाई जाए।
4. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
5. राज्य शासन/विद्युत कंपनी के अधीन संविदा में कार्यरत कर्मचारियों एवं निविदा कर्मचारियों को कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र अनुसार तत्काल शासकीय सेवा में नियमित किया जावें क्योंकि इन कर्मचारियों को मिलने वाली राशि से जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है साथ ही ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी. की कटौती का विवरण पर्ची दिया जावें।
6. बेरोजगारों को कांग्रेस के चुनावी घोषणा के अनुसार बेरोजगारी भत्ता पिछले तिथि से प्रदान किया जावें।
7. आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन रसोईया, आशावर्कर, स्कीम वर्कर को राज्य शासन की कर्मचारी घोषित किया जाए तथा पिछले तिथियों से वेतनमान में वृद्धि करते हुए भुगतान किया जावें।
8. सरकार ने. आंगनबाड़ी,संचालन का निर्णय लिया है क्योंकि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण पीक पर है। इसलिए निर्णय पर पुनर्विचार किया जावें तथा बिजली कर्मचारी, आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों को भी कोविड-19 में कार्य करते हुए मृत्यु होने पर रुपये 50 लाख बीमा के दायरे में रखा जावें।
9. कोरबा जिला कोल परिवहन एवं उद्योगों से उत्सर्जित राखड़ की समस्या से प्रभावित है जिसके कारण लोगों का जीवन जीने की अवधि कम हो रही है तथा अनेक बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। इस पर लगाम लगायी जाए।
10. कोरबा जिला के चारों दिशाओं की सड़क गड्डे में तब्दील हो गया है। जिसके कोरबा टापू में तब्दील हो गया है। रोज की दुर्घटना में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए तत्काल रोड का चौड़ीकरण एवं डामरीकरण किया जावें।11.छत्तीसगढ़ प्रदेश में बी.ओ.सी. मृतप्राय है। जिसके कारण निर्माणी मजदूरों को मिलने वाली सुविधाएँ नही मिल पा रही है। बी.ओ.सी. को सक्रिय किया जाए।12. सीमेंट उद्योग में ठेका प्रथा समाप्त करके मजदूरों को नियमित किया जावें ।
13. कोरबा जिला अंतर्गत एसईसीएल के कुसमुण्डा, कोरबा, गेवरा, दीपका के खदानों से हो रहे डीजल चोरी, केबल चोरी, कोयला चोरी एवं मशीनों के स्पेयर पार्टस की चोरी पर अंकुश लगाने हेतु उचित व्यवस्था की जाए।
14.कोयले का. कामर्शियल माइनिंग पर रोक लगाई जाए।
15.एसईसीएल के कुसमुण्डा, कोरबा, गेवरा, दीपका क्षेत्रों में कोविड-19 से संक्रमित होने पर कंटेनमेंट जोन घोषित किये जाने के कारण कर्मचारियों को कार्यस्थल आने-जाने पर रोक लगा दिए जाने के कारण वेतन नही दिया जाता है। अतः ऐसी परिस्थिति में कार्य पर न जाने पर वेतन देने की व्यवस्था किया जाए।
16.नगर निगम कोरबा में कार्यरत 67 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितिकरण किया जाए।
17.कोरबा जिला अंतर्गत शिक्षा विभाग में कार्यरत समस्त कर्मचारियों को दिनांक 01.01.2016 से लागू 7 वां वेतनमान का एरियर्स का भुगतान एवं सभी संवर्गों में पदोन्नति प्रदान किया जाए।
18.लैंकों में कार्यरत कर्मचारियों हेतु चिकित्सालय की सुविधा उपलब्ध कराने एवं कर्मचारियों की मृत्यु पश्चात् अनुकंपा नियुक्ति की व्यवस्था किया जाए।19.लैंको में कार्यरत कर्मचारियों को 1 अप्रेल 2020 से तीसरा वेतनमान का लाभ प्रदान करने हेतु उचित व्यवस्था किया जाए।
20.कन्स्ट्रक्शन मजदूरों का पंजीयन अनिवार्य हो, पंजीयन तथा सभी योजनाओं का लाभ दिलवाने का समय सुनिश्चित हो।
21.वेलफेयर बोर्ड में चेयरमेन मजदूर संगठन से हो एवं वेलफेयर बोर्ड में मजदूर संगठन का प्रतिनिधि भी हो।
22.आई.ओ.सी.एल. शाखा कुसमुण्डा में कार्यरत ठेका श्रमिकों का नियमितिकरण किया जाए।
23.वर्ष 2016 से बंद पड़े बी.सी.पी.पी. को पुनः चालू कराया जाए एवं उसमें से निकाले गये श्रमिकों को पुनः कार्य पर लिया जाए।
24.बाल्को का 49 प्रतिशत शेयर बिक्री नही होना चाहिए।
25.सी.एस.ई.बी. दर्रा कोरबा के उत्पादन एवं वितरण विभाग में मेन पावर की कमी है। नये कर्मचारियों की भर्ती किया जाए।
ज्ञापन सौंपने प्रमुख श्रमिक संगठनों से राधेश्याम जायसवाल, दिलीप कुमार यादव, ए. पी. साहू, टिकेश्वर राठौर, अशोक सूर्यवंशी, आर.एल. चंद्रा, हरीश सोनवानी, प्रियेश दुबे, लक्ष्मण चंद्रा, लक्ष्मण साहू, बाबूलाल चंद्रा, डी. सी. यशवंत , संजय सिंग, वेदप्रकाश शर्मा, करण सिंग, रमेश गुरुदीवान सहित अन्य प्रमुख मजदूर नेता शामिल थे।