अण्डे से बने पेस्ट्री-केक का भोग लगाते हैं लोग : साहू
ऊर्जा नगरी कोरबा सिर्फ पॉवर प्लांट, खदानों के लिए नही बल्कि यहां विभिन्न संस्कृति से जुड़े विभिन्न प्रांतों के लोगो उत्सवों से जुड़े पारंपरिक नमकीन-मिठाइयों के मिलने के लिए एम.पी. इंदौर सेव भंडार के लिए भी फेमस है। हिन्दुस्तान में कहीं भी आप मिठाई-चाट खा आयें लेकिन जो मजा इंदौर स्वीट्स की मिठाईयों चाट को चाट-चाटकर खाने में है वह कहीं नही।
इंदौर स्वीट्स के संचालक रामकुमार साहू (98264 14888) का नाम जिले वासियों को मिठाईयों – नमकीन के नये-नये स्वाद से परिचित कराने में आगे रहा है। कोरबा के मिष्ठान भंडार जब कलाकंद, पेड़ा, बरफी से कहीं आगे बढ़ नहीं पाते थे तब 1986 में स्व. पिता महिपाल साहू की प्रेरणा से विभिन्न राज्यों से कारीगर लाकर अनेक सुस्वादू व्यंजनों से उन्होंने कोरबा वासियों को परिचित कराया और कोरबा वासियों ने भी इनके द्वारा जायकों की श्रृंखला में प्रस्तुत मिठाईयों, नमकीन, बेकरी आइटम्स को सराहा। श्री साहू का मानना है कि खाद्य सामग्री का निर्माण कम लागत में भी हो सकता है लेकिन इससे लोगों का स्वास्थ्य खराब होगा। उनको खेद इस बात का है कि सस्ते के चक्कर में लोग अंडे से निर्माता केक-पेस्ट्री को खरीदकर इसका भोग भी भगवान को चढ़ा देते हैं।
