दिलीप सी मंडल : विकसित भारत 2047 बनाने की नरेंद्र मोदी की भावना सम्राट अशोक महान के धम्म चक्र, तथागत गौतम बुद्ध के चार आर्य सत्य और “आष्टांग मार्ग” तथा कोणार्क सूर्य मंदिर से लेकर सारनाथ व अमरावती के धर्म चक्र से जुड़ी
सम्राट अशोक जयंती प्रतिवर्ष चैत्र माह की अष्टमी 2025 में 5 अप्रैल को थी।
टाइपिस्ट भांड इतिहासकारों ने चक्रवर्ती सम्राट अशोक दफन करने आक्रांताओं का महिमा मंडन किया
लेकिन
भारत के सांस्कृतिक उत्थान के मोदीकाल में सम्राट अशोक के गौरवशाली इतिहास को उकेरा जा रहा है।
ये वाह ताज नहीं कहते अद्भुत अशोक की बात बताते हैं।
कांग्रेडियों को दर्द इसी बात को लेकर है।
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दिलीप सी मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं को लेकर एक पोस्ट में लिखा था – “विकसित भारत 2047 बनाने की नरेंद्र मोदी की भावना सम्राट अशोक महान के धम्म चक्र, तथागत गौतम बुद्ध के चार आर्य सत्य और “आष्टांग मार्ग” तथा कोणार्क सूर्य मंदिर से लेकर सारनाथ व अमरावती के धर्म चक्र से जुड़ी है।
प्राचीन पर गर्व, भविष्य पर नज़र।
आष्टांगिक मार्ग बौद्ध धम्म का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जिसे गौतम बुद्ध ने दुःख के निवारण और निर्वाण प्राप्ति के लिए बताया था। इसमें आठ मार्ग (अष्टांग) शामिल हैं:
1. सम्यक दृष्टि (सही दृष्टिकोण) – सही ज्ञान और सत्य को समझना।
2. सम्यक संकल्प (सही संकल्प) – अहिंसा, करुणा और त्याग का संकल्प लेना।
3. सम्यक वाचा (सही वाणी) – किसी को नुकसान न पहुंचाने वाली भाषा का प्रयोग करना।
4. सम्यक कर्मांत (सही आचरण) – नैतिक और शुद्ध आचरण रखना।
5. सम्यक आजीविका (सही आजीविका) – ऐसा व्यवसाय या आजीविका अपनाना जो किसी को हानि न पहुंचाए।
6. सम्यक प्रयास (सही प्रयास) – बुरी आदतों और नकारात्मक विचारों को त्यागने का सतत प्रयास करना।
7. सम्यक स्मृति (सही स्मृति) – अपने विचारों, शब्दों और कार्यों के प्रति सचेत रहना।
8. सम्यक समाधि (सही ध्यान) – ध्यान और एकाग्रता द्वारा निर्वाण की प्राप्ति।
ये आठ मार्ग मिलकर “आष्टांगिक मा र्ग” बनाते हैं, जो मुक्ति और शांति प्राप्त करने का मार्ग है।
नमो बुद्धाय।”
-श्री दिलीप सी मंडल के पोस्ट से साभार।
-चित्र इंटरनेट से साभार।
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