तीसरी कक्षा से यहां होगी संस्कृत की पढ़ाई..

नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए हिमाचल में तैयारी तेज कर दी है। इन दिनों शिक्षकों और बुद्धिजिवियों से नई शिक्षा नीति को लेकर सुझाव भी लिए जा रहे हैं।साथ ही केंद्र सरकार ने भी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के सुझाव लेने के लिए 31 अगस्त तक का समय रखा है। शिक्षक ऑनलाइन ही सुझाव दे रहे हैं। इसी कड़ी में हिमाचल सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति को केंद्र की मॉडल की तर्ज पर हुबहू अपनाया जाएगा।

नई शिक्षा नीति के तहत मां बोली में भी पढ़ाई करवाने की व्यवस्था है। हालांकि समूचे हिमाचल की कोई भी एक बोली नहीं है।ऐसे में प्रदेश की एक बोली बनाना चुनौती भी होगा. लेकिन इससे से पहले प्रदेश सरकार ने तीसरी कक्षा से संस्कृत में पढ़ाई शुरू करने की योजना तैयार की है। हिमाचल में संस्कृत दूसरी राजभाषा है. इसके अलावा छठी कक्षा से वोकेशनल एजुकेशन दी जाएगी ताकि छात्रों को व्यवहारिक शिक्षा दी जा सके। इसमें छात्रों को पढ़ाई छोड़ने के बाद अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए और कोर्सेज करने की जरूरत नहीं रहेगी।