ध्रुव कुमार : क्या पुस्तकों में चेतना होती हैं..!
पुस्तकों का अपना रूहानी संसार होता है। कभी कभी मुझे लगता है कि किताबों में भी चेतना होती है क्योंकि यदि एक अच्छी किताब को आप पूरी तन्मयता के साथ पढ़ते हैं तो आप दूसरे संसार मे चले जाते हैं और एक बहाव का अनुभव करते हैं।
अब मैं महीने में तीन से चार बुक पढ़ने का टार्गेट रखता हूँ क्योंकि मैं आराम-आराम से पढूं हालांकि पहले तो ऐसा भी हुआ है कि मैंने महीने में आठ से दस किताबें पढ़ी हैं। हां ये थोड़ा अचरज लगता है लेकिन पढ़ने की भी कला होती है कि किताबों को किस तरह पढ़ा जाता है। किताबों को पढ़ने पर ही एक पुस्तक है “How to read books” जिसमें किताबों को पढ़ने के चार तरीके बताए गए हैं।
लेकिन इस वर्ष मैं ज्यादा किताबें नही पढ पाया हूं बल्कि बहुत ही चुनिंदा किताबें पढ़ी हैं, उसमें भी ज्यादातर मनोविज्ञान, सेल्फ हेल्प पर पढ़ी है।
क्योंकि बीमारी के बाद मैं डिप्रेशन में था इसीलिए इन किताबों ने हीलिंग में मदद की और मेरे सोचने का तरीका बदला। इसके अलावा इस साल जमकर डॉक्यूमेंट्री देखी, लेक्चर और पॉडकास्ट सुने हैं।
इस वर्ष जो किताबें पढ़ी उनमें मुझे जिस पुस्तक ने सर्वाधिक प्रभावित किया वह है। Maxwell Maltz की “साइको-साइबरनेटिक्स”।
यह एक प्रभावशाली पुस्तक है जो आत्म-छवि और सफलता के बीच के गहरे संबंध को उजागर करती है। मैक्सवेल माल्ट्ज़, एक प्लास्टिक सर्जन थे जिन्होंने यह महसूस किया कि शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के बावजूद, कई लोग मानसिक रूप से बीमारी अनुभव करते रहे। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि हमारी आत्म-छवि ही हमारी खुशियों और सफलताओं की जड़ है।
इस पुस्तक में लेखक बताते हैं कि हमारा मस्तिष्क एक कंप्यूटर प्रोग्राम की तरह की तरह काम करता है जिसे उन्होंने “सर्वो-संचालन तंत्र” कहा है। जो हमारी आत्म-छवि के अनुसार कार्य करता है।
यदि हमारी आत्म-छवि सकारात्मक है, तो हम आत्मविश्वास से भरे रहते हैं और सफलता की ओर बढ़ते हैं। लेकिन नकारात्मक आत्म-छवि हमें सीमित कर देती है यहाँ तक मार भी सकती है।
किताब आत्म-सुधार के लिए विज़ुअलाइज़ेशन, सकारात्मक सोच, और आत्म-स्वीकृति के तरीकों पर जोर देती है। यह बताती है कि कैसे हम अपनी पुरानी विफलताओं और नकारात्मक विश्वासों को छोड़कर, अपने मस्तिष्क की नई तरह से वायरिंग कर सकते हैं। यह पुस्तक कई शोधों का उदाहरण देती है।
इसके अलावा “12 Rules for the Human Brain” भी एक शोधपरक पुस्तक है। ….
यह हमारे मस्तिष्क की जटिलताओं को सरल और व्यावहारिक तरीके से समझाती है। इसमें मस्तिष्क के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए 12 नियम दिए गए हैं, जैसे ध्यान प्रबंधन, तनाव नियंत्रण, और रचनात्मकता बढ़ाना।
लेखक ने न्यूरोसाइंस और मनोविज्ञान को जोड़ते हुए बताया है कि मस्तिष्क ऊर्जा को बचाने और पैटर्न पहचानने के लिए कैसे कार्य करता है।
पुस्तक हमें बेहतर निर्णय लेने, ध्यान केंद्रित करने और मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के तरीके सिखाती है। सरल भाषा और व्यावहारिक दृष्टिकोण इसे हर पाठक के लिए उपयोगी बनाते हैं।
इसके अलावा अन्य पुस्तकों में …
थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो (डेनियल काह्नमैन) …..
यह किताब हमारे दिमाग के सोचने के दो तरीकों पर आधारित है: तेज़ और सहज निर्णय (फास्ट थिंकिंग) और गहराई से सोचने की प्रक्रिया (स्लो थिंकिंग)।
काह्नमैन बताते हैं कि कैसे ये दो प्रक्रियाएं हमारे निर्णय और व्यवहार को प्रभावित करती हैं। यह किताब हमें बेहतर सोचने और निर्णय लेने के लिए प्रेरित करती है।
द पावर ऑफ हैबिट (चार्ल्स डुहिग) ….
चार्ल्स डुहिग ने आदतों के पीछे की वैज्ञानिक प्रक्रिया का विश्लेषण किया है। वे बताते हैं कि कैसे आदतें बनती हैं और हम उन्हें बदलकर अपनी ज़िंदगी को बेहतर बना सकते हैं। यह किताब आदतों को समझने और उनमें बदलाव लाने के लिए बेहद उपयोगी है।
मैन’स सर्च फॉर मीनिंग (विक्टर ई. फ्रैंकल) …..
यह किताब एक होलोकॉस्ट सर्वाइवर की कहानी है, जो जीवन में अर्थ खोजने की शक्ति को उजागर करती है। फ्रैंकल का मानना है कि जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण और उद्देश्य हमें सबसे कठिन परिस्थितियों में भी जीने की ताकत देता है।
इमोशनल इंटेलिजेंस (डेनियल गोलमैन)…..
यह किताब भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EQ) की महत्ता को दर्शाती है। डेनियल गोलमैन बताते हैं कि कैसे हमारी भावनाओं को समझना और उन्हें प्रबंधित करना सफलता और रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
फ्लो: द साइकोलॉजी ऑफ ऑप्टिमल एक्सपीरियंस (मिहाली चिक्सेंटमिहाली) ….
इस किताब में बताया गया है कि जब हम पूरी तरह से किसी कार्य में लीन होते हैं, तो हमें “फ्लो” अनुभव होता है। यह स्थिति हमारे प्रदर्शन को बढ़ाती है और हमें खुशी प्रदान करती है।
द 7 हैबिट्स ऑफ हाईली इफेक्टिव पीपल (स्टीफन आर. कोवे)….
स्टीफन कोवे ने इस किताब में व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को बेहतर बनाने के सात सिद्धांत बताए हैं। ये सिद्धांत आत्मनिर्भरता, टीमवर्क और नेतृत्व के विकास पर आधारित हैं।
हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इन्फ्लुएंस पीपल (डेल कार्नेगी) ….
यह किताब लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाने और प्रभावशाली बनने की कला सिखाती है। डेल कार्नेगी के सिद्धांत आज भी व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में कारगर हैं।
द सबटल आर्ट ऑफ नॉट गिविंग अ फ*क (मार्क मैनसन) …
मार्क मैनसन ने इस किताब में बताया है कि हमें अपने जीवन में सही चीजों पर ध्यान देना चाहिए। यह किताब बताती है कि जीवन में सीमित ऊर्जा को बेकार चीजों पर खर्च करने के बजाय महत्वपूर्ण चीजों पर केंद्रित करें।
यू कैन हील योर लाइफ (लुईस हे) ….
लुईस हे की यह किताब सकारात्मक सोच व आत्म-प्रेम की ताकत को उजागर करती है। यह बताती है कि कैसे हमारे विचार और विश्वास हमारे स्वास्थ्य और जीवन को प्रभावित करते हैं।
आस्क एंड इट इज गिवन (एस्थर और जैरी हिक्स) …
यह किताब लॉ ऑफ अट्रैक्शन के अभ्यास और इसके सिद्धांतों को गहराई से समझाती है। इसमें बताया गया है कि हमारी इच्छाएं और भावनाएं हमारी वास्तविकता को कैसे आकार देती हैं।
द पावर (रोंडा बर्न)….
“द सीक्रेट” के विस्तार के रूप में लिखी गई इस किताब में प्रेम की शक्ति को उजागर किया गया है। रोंडा बर्न बताती हैं कि प्रेम सबसे बड़ी शक्ति है, जो हमारे जीवन को बदल सकती है।
थिंक एंड ग्रो रिच (नेपोलियन हिल) ….
यह किताब सफलता और धन के नियमों को समझाने के लिए एक क्लासिक मानी जाती है। नेपोलियन हिल बताते हैं कि सकारात्मक सोच, इच्छाशक्ति, और मेहनत से हम अपने सपनों को हकीकत बना सकते हैं।
द साइकोलॉजी ऑफ मनी (मॉर्गन हॉसेल) ….
मॉर्गन हॉसेल ने इस किताब में बताया है कि पैसा सिर्फ गणना का खेल नहीं है, बल्कि यह हमारी मानसिकता और व्यवहार से भी प्रभावित होता है। यह किताब हमें पैसे से जुड़े सही निर्णय लेना सिखाती है।
योर मनी ऑर योर लाइफ (विक्की रॉबिन) ….
इस किताब में पैसे और जीवन के बीच संतुलन बनाने की कला सिखाई गई है। विक्की रॉबिन बताती हैं कि कैसे वित्तीय स्वतंत्रता और खुशी के बीच गहरा संबंध है।
आई विल टीच यू टू बी रिच (रामित सेठी) ….
रामित सेठी की यह किताब एक प्रैक्टिकल गाइड है, जो व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन के सरल तरीकों को सिखाती है। यह हमें सिखाती है कि निवेश और खर्च को कैसे स्मार्ट तरीके से मैनेज करें।
द मिलियनेयर नेक्स्ट डोर (थॉमस जे. स्टैनली और विलियम डी. डैंको) ….
यह किताब अमीर बनने के सामान्य मिथकों को तोड़ती है। इसमें बताया गया है कि सच्चे अमीर वे हैं जो साधारण जीवन जीते हुए अपनी संपत्ति बनाते हैं।
ग्रिट: द पावर ऑफ पैशन एंड पर्सेवरेंस (एंजेला डकवर्थ)…
एंजेला डकवर्थ ने इस किताब में समझाया है कि सफलता सिर्फ प्रतिभा पर निर्भर नहीं करती, बल्कि जुनून और दृढ़ता (ग्रिट) पर आधारित होती है।
डीप वर्क (कैल न्यूपोर्ट) …..
यह किताब हमें ध्यान केंद्रित करने और गहराई से काम करने की कला सिखाती है। कैल न्यूपोर्ट बताते हैं कि गहरे ध्यान से हम अधिक उत्पादक और रचनात्मक बन सकते हैं।
स्टार्ट विद व्हाई (साइमन सिनेक) ….
यह किताब इस विचार पर आधारित है कि सफल लोग और संगठन हमेशा “क्यों” से शुरू करते हैं। साइमन सिनेक बताते हैं कि उद्देश्य और दृष्टिकोण सफलता की कुंजी हैं।
माइंडसेट: द न्यू साइकोलॉजी ऑफ सक्सेस (कैरल एस. ड्वेक) …..
कैरल ड्वेक ने इस किताब में दो प्रकार के माइंडसेट—फिक्स्ड और ग्रोथ—का परिचय दिया है। यह बताती है कि हमारी सोच और दृष्टिकोण हमारे विकास और सफलता को कैसे प्रभावित करते हैं।
इसमें अधिकांश पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद उपलब्ध हैं कुछ किताबें किंडल पर भी आप भी पढ़ सकते हैं।
