डॉ. भूपेन्द्र सिंह : प्रत्येक मंदिर पर सिक्ख समुदाय के दर्शनार्थी दिखायी दिये..
मैं तीन दिन उत्तराखंड में था। लगभग प्रत्येक मंदिर पर सिक्ख समुदाय के दर्शनार्थी दिखायी दिये। अधिकांश जगह पर नवयुवकों का झुंड दिखाई पड़ता था जो समूह में मोटरसाइकिल से इन जगहों पर बकायदे अपना झंडा आदि लगाकर पहुँच रहे थे।
किसी भी हिंदू के मन में कहीं दूर दूर तक उनके प्रति कोई दुर्भावना नहीं थी। इसी प्रकार उनके मन में किसी भी हिंदू के प्रति कोई दुर्भावना नहीं दिखी।
वैसे प्रत्येक सिक्ख अंदर से जानता है कि उसका मूल क्या है, लेकिन पंजाब में जिस तरह की राजनीति पिछले एक शताब्दी से चल रही है, उनके नेताओं को यह पक्का पता है कि जब तक वह अलगाव की राजनीति जारी नहीं रखेंगे, उनकी ब्लैकमेलिंग नहीं चल पाएगी।
सरकार को इन अलगाववादियों पर ऐसी कार्यवायी करनी पड़ेगी कि इनका अलगाववादी विचार ब्लैकमेलिंग के बजाय घाटे का सौदा साबित हो जाय। पिछले एक शताब्दी का इतिहास यह भी बताता है कि ये अलगाववादी उन्हीं के पीछे चलते हैं जो ठीक से इनको ठीक करता है।
सिक्ख समुदाय, हिंदू समुदाय का एक विस्तार है। झूठ बोलने से कुछ नहीं होगा। झूठ बोलने से केवल बेशर्मी बढ़ेगी, यह दावा नहीं बढ़ेगा कि सिक्ख, हिंदू से आधारभूत तौर पर कुछ अलग हैं।
