2030 तक 100 मीट्रिक टन कोल गैस उत्‍पादन के लिए दो संयंत्रों की स्थापना को अनुमति

सरकार ने वर्ष 2030 तक सौ मीट्रिक टन कोयला गैसीकरण के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड को, दो कोयला गैसीकरण संयंत्र की स्‍थापना की अनुमति दी है। इसका उद्देश्‍य ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्‍मनिर्भर बनाना है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री श्री प्रल्‍हाद जोशी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ईस्‍टर्न कोलफील्‍ड्स लिमिटेड के सोनपुर बाजारी क्षेत्र में कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस बनाने संबंधी परियोजना पर 13 हजार 52 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह कोल इंडिया लिमिटेड और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड का संयुक्‍त उपक्रम है। श्री जोशी ने बताया कि ओडिसा के झारसुगडा जिले में महानदी कोलफील्‍डस लिमिटेड में अमोनियम नाइट्रेट बनाने संबंधी परियोजना पर 11 हजार 782 करोड रुपये का निवेश होगा। यह कोल इंडिया लिमिटेड और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड का संयुक्‍त उपक्रम है। उन्‍होंने कहा कि 2028-29 तक यह परियोजनाएं चालू हो जाएंगी। सरकार ने कोल इंडिया लिमिटेड और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के संयुक्‍त उपक्रम के जरिए कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस बनाने संबंधी परियोजना की स्‍थापना के लिए इक्विटी निवेश के प्रस्‍ताव को भी स्‍वीकृति दे दी है। कोल इंडिया लिमिटेड और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड के संयुक्‍त उपक्रम के जरिए कोयले से अमोनियम नाइट्रेट बनाने संबंधी परियोजना की स्‍थापना के लिए भी स्‍वीकृति दी गई है।

श्री जोशी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सरकारी उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कोयला तथा लिग्‍नाइट गैसीकरण परियोजनाओं की संवर्धन योजना को भी मंजूरी दे दी है। उन्‍होंने बताया कि कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए प्रोत्‍साहन के रूप में इस योजना का परिव्‍यय आठ हजार पांच सौ करोड़ रुपये रखा गया है।

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