राज शेखर तिवारी : क्या राममंदिर का श्रेय मोदी को मिलना चाहिये ? क्या धर्म का पालन अवतारों ने भी किया अथवा..

कुछ प्रश्न और उसके उत्तर..

क्या सनातन हिन्दू धर्म में किसी प्रकार का सर्वोच्च पद ( पोप जैसा ) है या कभी रहा है ? नहीं । कभी भी नहीं।

क्या धर्म का पालन अवतारों ने भी किया अथवा उन्हें मनमानी करने की छूट मिली ? नहीं , मर्यादा का पालन स्वयम अवतार रूप में ईश्वर ने भी किया है।

किसी भी काल में जो मंदिर बना अथवा पुनरुद्धार हुआ उसका श्रेय किसको दिया गया ? उसका श्रेय उस शासक को दिया गया जिसके शासन काल में वह मंदिर बना।

क्या राममंदिर का श्रेय मोदी को मिलना चाहिये ? अवश्य मिलना चाहिये। आने वाली पीढ़ियाँ ( यदि भारत में सनातन हिन्दू धर्म बचा रहा तो ) इसे मोदी काल के रूप में ही देखेंगी और देखनी चाहिये।

क्या बीजेपी को राजनैतिक लाभ लेना चाहिये ? बाबरी ढाँचा गिरने के बाद यदि राज्य सरकारों का बलिदान बीजेपी ने किया तो राजनैतिक लाभ भी लेने का अधिकार बनता है।

शंकराचार्यों के न आने से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में कोई कमी रह जायेगी ? कोई कमी नहीं रहेगी । परन्तु यदि उनका सामाजिक अनादर बहिष्कार और अपमान किया गया तो संभव है कटुता बढ़े ।

अतः पुनः करबद्ध निवेदन है कि रामजन्मभूमि के आनंद में जो सम्मिलित नहीं हो रहा
सबके अलग-अलग कारण हो सकते हैं
शंकराचार्यों द्वारा शास्त्रीय आधार
कांग्रेस सपा ओवेसी इत्यादि द्वारा घृणा और द्वेष
किसी की आयु अधिक है
कोई अस्वस्थ है
किसी को कोई अन्य असमर्थता है
अतः सबको एक समान रूप से न तौला जाये।

दस दिन शेष हैं । हृदय को राममय रखा जाये । और संत महात्माओं का आशीर्वाद अनुमति लेकर अयोध्या का प्रस्थान करें।

साभार- राज शेखर तिवारी

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