भगवान प्रसाद यादव बोले – “अंतर्मन की शुद्धता का महापर्व है छठ”

कोरबा। सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा आज रविवार को छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा में धूमधाम से मनाया गया। हसदेव नदी के तट पर तट पर व जिले में बनाए गए विभिन्न छठ घाटों पर बड़ी संख्या में  लोगों ने सपरिवार जाकर भगवान भास्कर की अराधना की, वहीं छठ व्रती महिलाओं ने रविवार की शाम छठ मैया की विधि विधान से पूजा अर्चना की। रविवार की संध्या अस्त होते सूर्यदेव को अर्घ्य दिया गया।

सामाजिक जीवन के क्षेत्र में लगातार सक्रिय भगवान प्रसाद यादव कहतें हैं कि -“चार दिनों तक होने वाले छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। फिर अगले दिन खरना होता है। खरना से आशय है मन तन और वातावरण की शुद्धता। पारंपरिक रूप से इस दिन अंतर मन की स्वच्छता पर जोर दिया जाता है। खरना भगवान भास्कर के इस महापर्व के दौरान की जाने वाली महत्वपूर्ण पूजा है।”

सोमवार सुबह उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही पूजा का समापन होगा। सूर्य को अर्घ्य देते समय “एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते, अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर” इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है। मान्यता है कि जो लोग पूरी श्रद्धा के साथ छठ माता और सूर्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं छठ मैया पूरी करती हैं।

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