मोदीनामा : 30 करोड़ घरों में अंधेरा.. 52% ऊर्जा के आयात पर अपव्यय…

शीर्षक आपको चौंका देगा लेकिन यह सच है। BBC में 2013 में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार भारत में 30 करोड़ लोगों के घर में वर्ष 2013 की स्थिति में अंधेरा था।

रिपोर्ट के अनुसार 40 करोड़ की बड़ी जनसंख्या ऊर्जा के क्षेत्र से बाहर ही थी। जितना कमा रहे थे उसका 52% ऊर्जा के आयात में अपव्यय हो रहा था।

मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले देश में 18,000 से अधिक गांव और हजारों बस्तियां बिजली से नहीं जुड़ी हुई थीं। 15 अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले की प्राचीर से 1000 दिनों में प्रत्येक गांव को विद्युतीकृत करने के लक्ष्य की घोषणा की। यह एक कठिन चुनौती थी, क्योंकि सैकड़ों गांव-बस्तियां हिमालयी क्षेत्र की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित थीं, राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में थीं, जहां पोल, कंडक्टर, ट्रांसफार्मर आदि को भी खच्चरों और हेलीकाप्टरों द्वारा ले जाना पड़ता था।






पिछले आठ वर्षो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने विद्युत क्षेत्र का संपूर्ण कायाकल्प कर दिया है। वर्ष 2014 में कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 2,48,554 मेगावाट थी और पूरे देश में नियमित रूप से लोड शेडिंग होना एक आम बात थी।

सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने बिजली उत्पादन क्षमता में 1,69,110 मेगावाट का समावेश किया है। अब हमारे पास 400 गीगावाट की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता है, जबकि अब तक की अधिकतम मांग 215 गीगावाट की रही है।

मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले देश में 18,000 से अधिक गांव और हजारों बस्तियां बिजली से नहीं जुड़ी हुई थीं। 15 अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले की प्राचीर से 1000 दिनों में प्रत्येक गांव को विद्युतीकृत करने के लक्ष्य की घोषणा की। यह एक कठिन चुनौती थी, क्योंकि सैकड़ों गांव-बस्तियां हिमालयी क्षेत्र की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित थीं, राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में थीं, जहां पोल, कंडक्टर, ट्रांसफार्मर आदि को भी खच्चरों और हेलीकाप्टरों द्वारा ले जाना पड़ता था।

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