हम भारतीय एकलव्य हैं, कोई सिखाए न सिखाए स्वतः ही सीखते हैं: उपराष्ट्रपति
हम भारतीय एकलव्य हैं, कोई सिखाए न सिखाए स्वतः ही सीखते हैं: उपराष्ट्रपति ने भारत में प्रति व्यक्ति डाटा उपयोग का जिक्र किया
विश्व भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचान रहा है, भारत की प्रगति अब अबाध है: उपराष्ट्रपति
विश्व में भारत की पहचान, भारत के युवाओं की प्रतिभा के कारण: युवा अपने नए आइडिया को लागू करें, असफलताओं से भय से संकोच न करें : उपराष्ट्रपति
भारत में सबको समान अवसर उपलब्ध, हर युवा को अपनी प्रतिभा निखारने और प्रदर्शित करने के असीम अवसर: भारतीय युवा प्रतिभाओं को खुद को नहीं बल्कि भारत के प्रति दुनिया के नजरिए को बदलना है
भारत की प्रगति से कुछ वर्गों को कुंठा, प्रबुद्ध समाज की जिम्मेदारी कि विदेशी विश्विद्यालयों से चलाए जा रहे भारत विरोधी अभियान का मुंहतोड़ जवाब दें: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने भारतविरोधी अभियान चलाने वाले विदेशी संस्थानों को भारतीय उद्योगपतियों द्वारा आर्थिक सहायता दिए जाने पर विरोध जताया
उपराष्ट्रपति ने एक शिक्षक के रूप में डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन तथा डा ए पी जे अब्दुल कलाम को याद किया
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने जयपुर के मालवीय नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी में शिक्षकों और विद्यार्थियों से संवाद किया

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि हम भारतीय एकलव्य हैं कोई सिखाए न सिखाए, हम हर नई विद्या को स्वत: ही सीख लेते हैं। ग्रामीण भारत में इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग की चर्चा कर रहे थे। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा प्रयोग का आंकड़ा, चीन और अमेरिका के सम्मिलित आंकड़े से ज्यादा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा युवाओं से इसपर प्रकार के विचार विमर्श सदैव प्रेरणास्पद होते हैं, उज्जवल भविष्य के प्रति आशान्वित करते हैं। भारतीय युवाओं की प्रतिभा पर विश्वास जताते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि भारतीय युवा प्रतिभाओं को खुद को नहीं बल्कि भारत के प्रति दुनिया के नजरिए को बदलना है।
