“नमामि हसदेव”..भाग-06 : जिला भाजपा की ललकार या.. कौन बनेगा मां का लाल..?
कोरबा। ऐतिहासिक फिल्म “दीवार” में दो भाइयों के बीच के एक संवाद और सीन की अमिट छाप दर्शकों मनमस्तिष्क पर आज भी जीवंत है। इस संवाद में बड़े भाई के रूप में अमिताभ कहते हैं, “आज मेरे पास बिल्डिंग है, प्रापर्टी है, बैंक बैलेंस है, बंगला है, गाड़ी है, क्या है, क्या है तुम्हारे पास ?”
अमिताभ के चीखते-गुर्राते प्रश्न आवाज़ के सामने 2 पलों के अंतराल के बाद शशि कपूर बिलकुल धीमें से कहते हैं, “मेरे पास मां है।”
शशिकपूर के इस छोटे से संवाद के सामने अमिताभ का सारा अहंकार मानो चकनाचूर हो जाता है। अमिताभ के रूप में विजय का किरदार इस टूटन को महसूस भी करता है।
कुछ ऐसी ही स्थिति जिला भाजपाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह के द्वारा एक प्रेस वार्ता के माध्यम से 10 दिनों के भीतर बालको प्रबंधन के विरुद्ध आंदोलन छेड़ने की घोषणा को लेकर बन रही है। आंदोलन के विषय सिलसिलेवार वही हैं जिन पर लोग पहले भी अपनी-अपनी आंदोलनकारी ठेकेदारी को लेकर आंदोलन कर चुके हैं।
मतलब यह कि जिला भाजपा ने अमिताभ बच्चन की तरह ही बता दिया है कि उनके पास जर्जर मकान, स्थानीय लोगों को रोजगार, राख परिवहन प्रदूषण, अधिकारियों के अधिकार जैसे अनेक विषय हैं लेकिन सबसे ज्वलंत एकमात्र “मां” का विषय नहीं है !!
कुछ नई बात इस आंदोलन को लेकर नही उठी है। वही विषय हैं जिन पर आमजनमानस से लेकर पार्षद तक पहले भिड़ चुकें हैं। आंदोलन के विषय फेंके हुए सिक्के उठाने के समान हैं।
फ़िल्म दीवार का नायक फेंके गए सिक्के नहीं उठाता और तब कही जाकर उसका अपना एक अलग अस्तित्व बनता है।
अमिताभ के संवाद “…बंगला है, गाड़ी है, प्रॉपर्टी है…” की तरह भाजपा के पास आंदोलन के वही पुराने ढर्रे की बातें हैं
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अगर नही है तो “मां” का सबसे महत्वपूर्ण विषय जिला भाजपा के आंदोलन में शामिल नहीं है।
जो मां का लाल बनकर मां की सेवा करेगा, मां का आशीर्वाद जिसके साथ होगा उसी का अस्तित्व बनेगा।
कोरबा की जीवनदायिनी-जलधारा हसदेव का किस निर्ममता के साथ दोहन और शोषण किया जा रहा है और किस प्रकार से नगर पालिक निगम के नल कनेक्शनों के माध्यम से प्रतिदिन धीमा जहर लोगों के शरीर में पहुंच रहा है ?
इस धीमे जहर से गर्भवती महिलाओं व गर्भस्थ शिशुओं पर किस तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहें हैं.. आश्चर्य है कि इन बिंदुओ पर जिला भाजपा चर्चा करने से कतरा रही है। आंदोलन के बिंदुओ में लगातार प्रदूषित हो रही जीवनदायिनी-जीवनधारा हसदेव और लालघाट से लेकर हसदेव में समाने तक के डेंगुर नाला या कहें केसला नदी के कालेपन पर कोई चर्चा नहीं है।
जीवनदायिनी हसदेव को लेकर और जिलेवासियों के स्वास्थ्य व जीवन को लेकर भाजपा को आंदोलन करना चाहिए।
जब मां के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिंह लग जायेगा तो कहां से बाकी विषयों पर कौन सा आंदोलन किसके लिए करेंगे?
मां के पैरों तले स्वर्ग होता है.. जिला भाजपा “मां हसदेव” की शरण में आ जाए तो जिले की चारों विधानसभा सीटों पर प्रचंड बहुमत से जीत हासिल होगी।
सुबह बिस्तर से उठकर शरीर कितना ही अलसाया हुआ हो, पानी के कुछ छींटे मारते ही चेहरे पर-समूचे शरीर में स्फूर्ति आ जाती है।
नदी जीवंत चैतन्य प्रकृति है जो उसका शुभ करेगा उसका मंगल होने से कोई नहीं रोक सकता।
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अग्रहल्लेखीत लिंक में है जिले की जीवनदायिनी-जीवनधारा हसदेव की त्रासदियां…
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प्रकृति भी मां का स्वरूप है। वन क्षेत्र को भी शास्त्रों में मां के समान ही माना गया है। नदी के साथ ही छत्तीसगढ़ के सुरम्य पर्यटन स्थल सतरेंगा क्षेत्र को जिस प्रकार से विनाशकारी दिशा में धकेला जा रहा है, इस विषय पर भी जिला भाजपा खुलकर आंदोलन करती है तो कोई दो मत की बात नहीं है कि भाजपा का एक नए स्वरूप में उदय जिले में होगा
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जिले में आलोकित यह प्रकाश प्रदेश में मृतप्रायः भाजपा को ही “संजीवनी बूटी” देकर प्रदेश में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा दे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं।
आगे के 2 लिंक पर दिए गए बिंदुओ पर भी भाजपा को जनसंवाद के साथ संघर्ष की आवश्यकता है…
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ये हैं भाजपा के प्रेस वार्ता की मुख्य बातें…
10 दिन के भीतर मांगे पूरी करें वरना बालको के खिलाफ होगा बड़ा आंदोलन – भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह
1 – वर्तमान में बालको संयंत्र तथा उसके अन्य सहयोगी संस्थाओं में कार्य कर रहे स्थानीय कर्मचारियों अधिकारियों को लगातार शोषण हो रहा है उसे तत्काल बंद कर भयमुक्त वातावरण प्रदान करते हुए उनके कार्य पर यथावत रखा जाए।
2 – बालको द्वारा वर्तमान में निकाली गई सूचना तथा भविष्य में होने वाली किसी भी प्रकार की रिक्तियों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाए, साथ ही साथ जल्द ही स्थानीय भर्ती, B Sc, B Com, Engineering, ITI की भर्ती प्रक्रिया जल्द चालू की जाए । 2008 के बाद आज तक स्थानिय रेगुलर भर्ती नही किया गया है, इससे जल्द भर्ती प्रक्रिया चालू की जाए ताकि स्थानीय लोगो को इसका लाभ मिले,अगर भर्ती प्रक्रिया जल्द चालू नही हुआ तो मानव संसाधन प्रमुख एवं बाल्को CEO का घर का घेराव किया जाएगा।
3 – बालको तथा आसपास के रहवासी क्षेत्र राखड़ मुक्त हो एवं क्षेत्र में वातावरण की स्वच्छता पर ध्यान दिया जाए।
4 -राखड़ व कोयला परिवहन के मार्ग पर पर्यावरण एवं अन्य लागू होने वाले नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए।
5- ठेका श्रमिको को बाल्को हास्पिटल में निःशुल्क इलाज हो,साथ ही उनके रहने हेतु आवास आबंटित किया जाए ।
6 – CSR के तहत आस पास के क्षेत्रों में विकास कार्य हो ।