नेता नहीं है रामदयाल उईके तो क्या हैं..
कोरबा। पाली तानाखार विधानसभा की राजनीति के मंजे खिलाड़ी और तीन बार विधायक रहे रामदयाल उइके के लिए कभी यह नहीं कहना पड़ता कि वे एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। चुनाव के आते ही जनता के मध्य सक्रियता दिखाने वाले लोग नेता होते हैं लेकिन रामदयाल उइके कभी नेता के रूप में नहीं जाने गए क्योंकि आमजनों के बीच उनकी छवि लोकनायक जैसी है और रही बात सक्रियता की तो आम लोगों से जुड़कर वे 24 घंटे 365 दिन तक सक्रिय रहने वाले लोकनायक के रूप में उनकी पहचान स्थापित है।
चुनाव के बाद अक्सर नेता गुमशुदा हो जाते है लेकिन श्री उइके चुनाव जीते या हारे विभिन्न कार्यक्रमों के बहाने अपने समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करते हुए सतत रूप से सक्रिय भूमिका में रहते हैं।
उनके विधानसभा क्षेत्र में युवाओं से संबंधित कबड्डी प्रतियोगिता, क्रिकेट स्पर्धा हो या आध्यात्म से जुड़कर अखंड नवधा रामायण, भागवत कथा, पूजा पाठ के आयोजन हो, चाहे
सामाजिक सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि अन्य विविध कार्यक्रम हो, रामदयाल उइके लगातार सक्रिय भूमिका में दिखाई देते हैं। शादी, सामाजिक उत्सवों में वे आपको भोजन परोसते, नृत्य करते, डफली बजाते हुए गीत गाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए दिखें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
यही वे कारण है कि रामदयाल उइके की सक्रियता और भागीदारी से विरोधियों के माथे पर हमेशा बल पड़े रहते हैं।
विधायक मोहित केरकेट्टा का गृह ग्राम पोलमी भी श्री उइके की लोकप्रियता से कभी अछूता नहीं रहा जहां अक्सर कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति दिख ही जाती है।
वैसे भी वह काफी लोकप्रिय रहे हैं और पार्टी से भिन्न अपनी अलग छवि गढ़ चुके हैं। यही कारण है कि पद रहे या न रहे सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र में उनका कद ऊंचा ही रहा है।
कलेक्ट्रेट परिसर में भी अक्सर किसानों, बेरोजगारों की समस्याओं को लेकर निदान करने में अक्सर वे दिखाई देते हैं। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता उठाए और अपना जीवन समृद्ध बनाए, इस दिशा में उनका प्रयास आरंभ से रहा है।