बार काउंसिल ऑफ इंडिया को छ.ग. हाइकोर्ट ने जारी किया नोटिस..

कोरबा। वकालत के लिए लाइसेंस जारी करते वक्त बार कौंसिल ऑफ इंडिया की शर्त होती है कि व्यक्ति वकालत के अलावा कोई दूसरा व्यवसाय नहीं कर सकेंगे और समूचे छत्तीसगढ़ में अधिवक्ताओं की संख्या करीब 25,000 है। कोरोना काल के बाद मार्च से ही सभी वकीलों को न्यायालयों में लगातार दी जा रही तारीख के कारण आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। खबरों के मुताबिक दिल्ली बार एसोसिएशन ने लगभग 500 करोड़ की मदद मांगी है तो छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में राजेश केशरवानी ने अधिवक्ता संदीप दूबे के माध्यम से में एडवोकेट एक्ट 1969 के तहत बनाये गए नियम को शिथिल करते हुए अधिवक्ताओ को वकालत के अलावा अन्य व्यवसाय करने की अनुमति देने के लिए जनहित याचिका दायर की है। जानकारी के अनुसार इस संबंध में चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बार कौंसिल ऑफ इंडिया व स्टेट बार कौंसिल को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।