बालको : नवनियुक्त सीईओ राजेश कुमार के सामने चुनौती है बालको की साख बनाए रखना,समाचारों में ऐसे चल रहा फर्जीवाड़ा.. सांस्कृतिक विरासत के धनी कुमार वन की विरासत को सहेजेंगे..!!

कोरबा। वेदांता एल्यूमिनियम व्यवसाय की अनुषंगी कंपनी एवं देश की प्रमुख एल्यूमिनियम उत्पादक इकाई भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने राजेश कुमार को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेषक नियुक्त किया है। वैश्विक स्तर पर विभिन्न इकाइयों के विभिन्न कार्य क्षेत्रों में 36 वर्षों से प्राप्त अपने अनुभव से कोरबा स्थित इकाई को किस ऊंचाई पर वे लेकर जाएंगे, इस पर प्रबंधन से जुड़े लोगों की निगाहें टिकी हुई है लेकिन कार्यरत कर्मचारियों के हित के साथ ही सामाजिक समरसता और सबसे महत्वपूर्ण विषय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वे क्या कुछ नया कर पातें हैं, इस पर समूचे जिलेवासियों की नजर है।

थाईलैंड में उन्होंने लंबे अरसे तक अपनी सेवाएं दी है जहां भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव है और  थाईलैंड के राजा को भगवान विष्णु के अवतार मानकर वहां के राजा को राम कहा जाता है। इसी भावना का सम्मान करते हुए थाईलैंड का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़ रखा गया है और रामायण राष्ट्रीय ग्रंथ है, राज परिवार भी अयोध्या नामक शहर में रहता है। ऐसे में सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध वातावरण में जीवन का अधिकांश समय बिता चुके श्री कुमार स्वाभाविक रूप से जिलेवासियों की निगाहें टिकी है कि वन, नदी, नालों की प्राकृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में क्या  उल्लेखनीय योगदान देतें हैं!!

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प्रबंधन के द्वारा अनेक प्रकार के विसंगतियों के साथ काम किए जाने से, फर्जीवाड़े को दर्शाते प्रेस नोट जारी करने से बालको प्रबंधन के प्रति नकारात्मक छवि शासन, प्रशासन, आम जनमानस के मानस पटल पर अंकित हुई है, प्रबंधन की साख पर बट्टा लगा है, इन सब पर सुधार की दिशा में नवपदस्थ श्री कुमार क्या कुछ एक्शन लेंगे ???

सांस्कृतिक विरासत से निकले राजेश कुमार वन की विरासत को सहेजेंगे

श्री कुमार ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने वाले देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक और एक्सएलआरआई से फाइनेंस में स्वर्ण पदक के साथ एमबीए की उपाधि ली है, सो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वन की विरासत को सहेजने की दिशा में कड़े कदम उठाएंगे।

वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वन विभाग द्वारा चिन्हित एवं अधिसूचित भूमि का स्वरूप किसी भी रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। किसी विशिष्ट परियोजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को भी  ऐसी जमीन की जरूरत होती है तो उसे वन भूमि के उपयोग की अनुमति भारत सरकार से लेनी होती है। लेकिन बीते दिनों से कंपनी ने भारत सरकार के वन संरक्षण अधिनियम का खुला उल्लंघन करते हुए पिकनिक स्पॉट सतरेंगा जाने वाले मार्ग पर भी जिस प्रकार से राखड़ डंप कर जंगल के पर्यावरण को बर्बाद करने की दिशा में काम करना आरंभ किया है, वह चिंता का विषय है।

आशा है कि इस दिशा में श्री कुमार सकारात्मक परिणाम लाकर सबको चौंकाएंगे।

बालको दिखा रहा रोज दम.. सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत का पत्र हुआ बेदम.. जंगल का चीरहरण कर शहर में सर्कस की तैयारियों में बालको प्रबंधन… http://veerchhattisgarh.in/?p=10597

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सरकार-स्थानीय प्रशासन को लहालोट करने वाले काम के साथ इनसे आशीर्वाद पाने वाला काम भी आवश्यक

बालको प्रबंधन में रिटायर हो चुके, वीआरएस ले चुके कर्मचारियों के पेंशन योजना की राशि मिलने में हो रहे की विलंब की बातें सामने आ रही है। बुजुर्गों को दिए जाने वाली पेंशन की राशि समय से नहीं देने से लोग बेहद परेशान हैं।अब 1000 – 2000 तक पेंशन के लिए रायपुर तक जाकर जूझने का टेंशन बुजुर्गों के सिर पर डाल कर स्थानीय प्रबंधन अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लहालोट हो जाता है। अनेक लोगों को तो एक वर्ष बीतने जा रहे हैं लेकिन मात्र और मात्र 1000-1000 रुपये की पेंशन राशि अब तक प्राप्त नहीं हो पाई है।

सारी जिंदगी किसी संस्थान में खपा देने के बाद भी मात्र 900 रुपयों से लेकर 3000 रुपयों तक के पेंशन के लिए लगभग 1 वर्ष तक चक्कर लगाने के बाद भी हासिल शून्य बटा सन्नाटा हो तो कितनी पीड़ा मन में उभरती होगी जब उस संस्थान द्वारा प्रेस विज्ञप्ति संस्कृति की चाशनी में डूबे सरकार-स्थानीय प्रशासन को लहालोट करने वाले समाचारों को पढ़ता होगा।

धन्य है बालको.. करोड़ों-अरबों की बात लेकिन हजार-हजार के लिए ये चक्कर काट रहे महीनों से दिनरात… स्वर्ण पदक नही रोटी का सहारा चाहिए.. http://veerchhattisgarh.in/?p=10311

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लगातार अनेक क्षेत्रों में बिना किसी प्रकार की अनुमति के किए गए कामों से प्रबंधन के प्रति नकारात्मक विचारों का प्रवाह भी संस्थान से जुड़े लोगों के मनमस्तिष्क पर बढ़ता है, सो इस दिशा में भी आवश्यक कदम उठाने के लिए क्या श्री राजेश कुमार कुछ नया करेंगे…??

 

बालको.. बैचिंग प्लांट.. करोड़ों ₹ के नुकसान पर CSEB की चुप्पी..? किसके भूस्वामित्व के आधार पर निगम प्रशासन देगा संचालन की अनुमति.. सरकार किसी की हो सिस्टम हमारा है… http://veerchhattisgarh.in/?p=10465

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कागजों पर काम दिखाकर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकना बड़ी चुनौती है श्री कुमार के लिए

क्या वास्तव में काम हो रहे हैं या सिर्फ कागजों पर ही काम दिखाया जा रहा है..??

बालको प्रबंधन के द्वारा विगत दिनों जिस प्रकार से पूरी तरह से फर्जीवाड़ा करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया था कि कंपनी के कौशल विकास केंद्र ‘वेदांत स्किल स्कूल’ को जिसके द्वारा छत्तीसगढ़ के लगभग 10,000 युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने के कारण भारत सरकार के अंतर्गत स्मार्ट सेंटर द्वारा 5-स्टार रेटिंग से सम्मानित किया गया है और आश्चर्यजनक बात यह थी कि स्टार रेटिंग के प्रेस नोट में प्रशिक्षकों, प्रशिक्षुओं की 2022 को जारी पुरानी तस्वीरें ही प्रयोग में लाई गई थी। इसका अर्थ यह है कि 2022 के पूर्व के जो प्रशिक्षु थे, वही प्रशिक्षु अब भी 8-10 महीनों के बाद भी अब तक प्रशिक्षण ले रहे हैं।

प्रबंधन के द्वारा इस प्रकार फर्जीवाड़े करने से राष्ट्रीय स्तर पर, शासन, प्रशासन, मीडिया जगत में, आम जनमानस के मानसपटल प्रबंधन की व्यवस्था को लेकर एक नकारात्मक छवि गढ़ जाती है।

आशा तो यही है कि मानव संसाधन विकास,वित्तीय विष्लेषण,नेतृत्व एवं रणनीतिक विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त अपने कार्यक्षेत्र में दक्ष श्री राजेश कुमार प्रबंधन की नकारात्मक बन चुकी छवि को एक सकारात्मक स्वरूप प्रदान करेंगे।

5 star बालको प्रबंधन..? : मालिक अनिल अग्रवाल के साथ प्रदेश सरकार, प्रशासन, पब्लिक से भी कर रहा फ्रॉड..? बॉलीवुड को पछाड़ दिया इस विषय पर.. नकल नहीं कॉपी पेस्ट कहिए…! http://veerchhattisgarh.in/?p=10015

 

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वही प्रबंधन की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि राजेश कुमार को विनिर्माण उत्कृष्टता के साथ वृहद परियोजनाओं और नए संयंत्रों के क्रियान्वयन का लंबा अनुभव रहा है। अनेक कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण प्रक्रियाओं में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वही उनके नेतृत्व में विभिन्न विनिर्माण इकाइयों ने उत्पादन,उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने तथा लागत घटाकर विष्वस्तरीय बेंचमार्क हासिल करने में सफलता हासिल की। प्रॉफिट सेंटर, विनिर्माण,टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट,प्रचालन,विलय एवं अधिग्रहण,औद्योगिक सुरक्षा,उत्पादकता एवं गुणवत्ता सुधार,परियोजना अभियांत्रिकी, डिजिटाइजेषन, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास,वित्तीय विष्लेषण,नेतृत्व एवं रणनीति आदि अनेक क्षेत्रों में उन्हें विषेषज्ञता हासिल है। वही राजेश कुमार ने अभिजीत पति का स्थान लिया है।

आगे विज्ञप्ति में कहा गया है कि श्री पति अब वेदांता एल्यूमिनियम के चीफ ट्रांसफॉर्मेषन ऑफिसर के तौर पर सेवाएं देंगे। वेदांता के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और ईएसजी संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने के साथ ही एल्यूमिना एवं एल्यूमिनियम विस्तार परियोजनाओं,डाउनस्ट्रीम एल्यूमिनियम व्यवसाय के विकास आदि अनेक क्षेत्रों में श्री पति की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। बालको के ईएसजी,प्रचालन एवं मानव संसाधन उत्कृष्टता के अलावा श्री पति ने ओडिशा के झारसुगुड़ा में वेदांता द्वारा सबसे बड़े ग्रीन फील्ड एल्यूमिनियम स्मेल्टर परियोजना की स्थापना में प्रशंसनीय योगदान दिया है।

 

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