एक वेद सूक्त प्रतिदिन व्हाट्सएप पर इस लिंक पर पाएं..

यस्य॑ सं॒स्थे न वृ॒ण्वते॒ हरी॑ स॒मत्सु॒ शत्र॑वः। तस्मा॒ इन्द्रा॑य गायत॥ – ऋग्वेद (1.5.4) (जुड़ने के लिए इस लिंक https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=374288617719032&id=166351765179386 में जाएं) Whatsapp

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