पूरे मन से आधी रोटी भी ज़्यादा है…

करीब 25 वर्षों प्रिंट मीडिया से जुड़े रहने के बाद वेबपोर्टल लांचिंग की चाह लंबे अरसे से मन में थी।तमाम तरह से झंझावतों के बावजूद सभी सद्भावनाओं के मिलते मजबूत संबल को आधार बनाकर भाई और मित्र दीपक साहू (mobile shoppe) की हौसला अफजाई से आज शुरूआत हुई है । दीपक भाई से इस मुद्दे पर चर्चा हुई कि किस शैली में, किस तरह से लोगों के सामने सामग्री को प्रस्तुत किया जाए। आखिर तय हुआ पाठकों की तर्ज पर उनकी पसंददीदा शैली में प्रकाशन होगा?

लांचिंग पोर्टल “वीर छत्तीसगढ़” आपके हाथों है और फैसला भी कि कैसा लगा बताइयेगा ?

अपने समाचार पत्र के प्रकाशन के दौरान बड़े भईया श्री दीपक पाचपोर जी, प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री गेंदलाल शुक्ल जी, श्री जसराज जैन जी, नवभारत के उपसंपादक श्री रामाधर देवांगन जी ने मार्गदर्शन दिया। आत्मिक आभार वरिष्ठ पत्रकार बड़े भईया किशोर शर्मा जी का जिनकी छवि को सामने रखकर नैतिक मूल्यों के साथ जीने की कला सीखी। पत्रकारिता के क्षेत्र में दिल से धन्यवाद..प्रेस क्लब अध्यक्ष भाई राजेंद्र जायसवाल,भाई रामेश्वर ठाकुर,पूर्व प्रेस क्लब सचिव भाई कीर्ति अग्रवाल,लेखक-उपन्यासकार मित्र सुरेशचंद्र रोहरा,युवा तुर्क भाई अमित नवरंगलाल अग्रवाल का जिन्होंने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से काफी सहयोग दिया।

पत्र-पत्रिका,वेबपोर्टल के नियमित रूप से आपके हाथों में पहुंचाने में पाठकों और विज्ञापन दाताओं का सबसे बड़ा योगदान होता है और इस मामले में मैं किस्मतवाला हूँ कि कई शुभचिंतकों ने मुझे बुलाकर विज्ञापन दिये। वेबपोर्टल के साथ अक्सर ऐसा होता है कि लोगों ने अपनी पसंद का एक चेप्टर touch किया, पढ़ा और अधिक कुछ हुआ तो फिल्म, राशिफल देख कर शेष delete मारकर mobile कोने में रख दिया। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने कुछ इस तरह का प्रयास किया है। जिससे delete करने से पहले आप कुछ सोंचे,आपकी उंगली कांपे😊।

राष्ट्रीय- प्रादेशिक सामग्री के साथ आंचलिकता को सहजता-सरलता के साथ छूने का प्रयास हम करेंगे और आध्यात्म जो जीवन का प्रमुख रंग है वो भी आपको नई दिशा दे, ऐसा प्रयास रहेगा।

25 बरस पहले में पहली बार निष्पक्ष वार्ता से महावीर अग्रवाल जी के सानिध्य में लिखना शुरू किया और इसके बाद से पत्रकारिता के क्षेत्र में मैं आया तथा इस दौरान अनेक साप्ताहिक, दैनिक समाचार पत्रों में काम भी किया, लेकिन स्थाई रूप से टिके रहने के मामले में हमेशा मेरा स्वाभिमान आड़े आया। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के नाते मीडिया से लोगों की ढेर सारी अपेक्षाएं होती है।वीर छत्तीसगढ़ अपने आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरे, यह हमारा प्रयास रहेगा। 

देशबंधु में जब किशोर शर्मा जी थे, तब उन्होंने एक बार चर्चा के दौरान कहा था कि देशबंधु की एक परंपरा रही है कि शील भंग के समाचारों का प्रकाशन यथा संभव न हो और कोई इसे नाम सहित, तो कोई विस्तृत वर्णन सहित छापता है। ऐसे ही एक दैनिक में काम करने के दौरान हमारे ब्यूरो प्रमुख ने एक रिपोर्टर को फटकारा- “तुम समाचार के लिए गए थे और इतनी देर से आ रहे हो । “रिपोर्टर ने बताया कि रास्ते में एक्सीडेंट हो गया था और घायल को हॉस्पिटल भेजना था, इसलिए देरी हो गई। तब हमारे व्यूरो प्रमुख ने समझाया- “गधे-बेवकूफ मदद के लिए तो पूरी भीड़ रही होगी और आइन्दा ख्याल रखना- तुम्हारा काम है फोटो लेना और समाचार लिखना। मदद के लिए प्रशासन है-हॉस्पिटल है।”

उपरोक्त दो घटनाओं का जिक्र इसलिए कि हमारा दायित्व सिर्फ समाचार प्रकाशन तक नहीं होना चाहिए और कई बार सामाजिक दायित्वों-हितों की खातिर समाचार का प्रकाशन भी नहीं किया जाता।

हमारा प्रयास होगा कि गुण-दोष के आधार पर विश्लेषण करते हुए समाचार प्रकाशन के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी हम करें।

देशबंधु में किशोर भैया का सानिध्य अक्सर मिलता था और उसी दौरान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एक चेक के एवज में 16 हजार रूपये की अधिक राशि का भुगतान मुझे किया गया था। घर जाकर मैंने रकम गिनी शेषाधिक रकम बैंक को वापस किया था । तब किशोर भैया ने “ईमानदारी आज भी जिन्दा है” शीर्षक से देशबंधु में इस खबर को प्रकाशित किया था जबकि उन दिनों राजनीति के मंच पर भी मैं खासा सक्रिय रहा करता था और इस घटना का जिक्र इसलिए कि हम किसी भी क्षेत्र में रहें…अपने नैतिक दायित्वों के प्रति,अपने सामाजिक मूल्यों के प्रति जागरूक रहें।

अच्छे संस्कार मुझे अपनी अम्मा सरोज और बाबूजी गंगाराम जी से मिले और इन दोनों के प्रति मैं ऋणी हूं। राजनीति,सामाजिक, पत्रकारिता के क्षेत्र में भागीदारी चाचा मुरितराम साहू के कारण रही..धन्यवाद।

श्रुतिग्रंथ वेदों के अध्ययन का अवसर मुझे मिला और मेरे जीवन को नई दिशा मिली। वेदों में किसी देवी-देवता, राजा-रानी या किसी पौराणिक चरित्र की कथा नहीं है। वेद शुद्ध विज्ञान का स्वरूप है। हमारे वेद आधुनिक कहे जाने विज्ञान से बेहद आगे है और वेदों से परे आज विज्ञान में कुछ भी नहीं है। प्रयास रहेगा वेदों पर चिंतन का।

वरिष्ठ पत्रकार गेंदलाल शुक्ल जी ने अपनी एक कविता हमें सुनाई थी, उसका एक अंतरा इस प्रकार है –

“आधे मन से पूरा जग भी आधा है…

पूरे मन से आधी रोटी भी ज्यादा है..”

इस अंतरे की दूसरी लाईन की भावना के साथ हम काम करेंगे और हमारा प्रयास रहेगा आम जनता की पीड़ा को शासन प्रशासन के समक्ष लाकर उसके निदान करने का… ।

आमजन के सपनों को उनकी बातों को हम सामने रखकर आगे बढ़ेगे।

“वीर छत्तीसगढ़” का “आपकी बात सबके साथ ” का सफर निरंतर जारी रहेगा…

आप सभी से आशीर्वाद एवं सहयोग की कामना के साथ..

जय छत्तीसगढ़,जय हिंद…!

आपका
प्रकाश साहू
Mb. 94255-98279

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