कलम बंद-काम बंद..5 लाख कर्मचारी लामबंद.. लाखों विद्यार्थियों के भी कलमबंद…
अधिकारी-कमर्चारी फेडरेशन महंगाई भत्ता सहित तीन सूत्रीय मांगो को लेकर 25 जुलाई से 29 जुलाई तक कलम बंद आंदोलन करेंगे। इससे शासकीय कार्यालयों में इससे कार्य प्रभावित होंगे और साथ ही शिक्षक भी 5 दिनों तक शैक्षणिक कार्यों से विरत रहेंगे, जिससे स्कूलों में लाखों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।कर्मचारियों का दावा हैं कि 75 संगठनों के कर्मचारियों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है।
फेडरेशन की तरफ से काम बंद करने का एलान कर दिया गया है। इसमें प्रदेश का हर सरकारी कर्मचारी भाग लेकर दफ्तर में होने वाले कामकाज से खुद को अलग रखेगा। पूरा विवाद महंगाई भत्ते से जुड़ा हुआ है। अपने लंबित महंगाई भत्ते को लागू करवाने की मांग रखते हुए छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने 25 से 29 जुलाई तक कलम बंद काम बंद हड़ताल का एलान कर दिया है। इन 5 दिनों में सरकारी दफ्तरों में कोई काम नहीं होगा।
पंचवटी विश्राम गृह में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार 34 प्रतिशत भत्ता दे रही है और राज्य सरकार सिर्फ 22 प्रतिशत। अपने अधिकार के लिए कई बार आंदोलन के माध्यम से सरकार को अवगत कराया गया है, लेकिन इसका कोई रिजल्ट नहीं आया है। अब प्रदेश भर के सभी फेडरेशन एक बैनर तले एक फिर अपने अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस विषय पर रायपुर में एक बैठक रखी गई थी। बैठक में प्रदेश स्तर पर आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता को लेकर यह आंदोलन पूरे प्रदेश में किया जाएगा। बड़ी संख्या में रायपुर में भी कर्मचारी जुटेंगे और अपनी आवाज बुलंद करते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे, 25 जुलाई से 29 जुलाई तक चलने वाले काम बंद कलम बंद आंदोलन को छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दे दिया है। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में काम करने वाले टीचर भी स्कूल नहीं जाएंगे, जिससे स्कूलों को बंद रखने की स्थिति भी सामने आ रही है। हालांकि स्कूल बंद रहेंगे या नहीं इसे लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया है, मगर टीचरों ने कह दिया है वो स्कूल नहीं जाने वाले हैं। कर्मचारी नेताओं ने रायपुर में प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की। इस दौरान शासन से मांग की गई है कि केंद्र की तरह महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की जाए, सातवें वेतनमान के अनुरूप भाड़ा भत्ता स्वीकृत किया जाए इस आंदोलन में लगभग 75 कर्मचारी संगठन एक साथ आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।


