दीवार : शशि कपूर के पास मां थी, बालको के पास शेयर है, कलेक्टर मैडम के पास…

दीवार : शशि कपूर के पास मां थी, बालको के पास शेयर है, कलेक्टर मैडम के पास…

दीवार का सम्मोहन हमेशा से रहा है, बर्लिन की दीवार, चीन की दीवार हो या सिनेमा के रूपहले पर्दे पर अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘दीवार’  सुपर डुपर हिट रही है।

बालको की दीवारें वर्ष 2008 के बाद से लगातार विवादित रही है लेकिन यह तय है कि बालको की दीवार का काम भी कभी नहीं रूकेगा क्योंकि प्रबंधन के पास पर्याप्त शेयर है।

दीवारों को नई पहचान उन नवजवानों ने दी है, जिन्होंने अपनी लेखकीय प्रतिभा और प्रेम संदेशों का लोकार्पण करने के लिए दीवारों को अपना कार्यक्षेत्र बनाया।

“दीवारों के भी कान होते हैं”  लेकिन दीवारों के मुंह भी होते हैं जो बोलकर सकारात्मक संदेश देते हैं। बढ़ते प्रदूषण को दृष्टिगत रखते हुए शहर की सरकारी दीवारों पर वॉल पेंटिंग कर पर्यावरण प्रदूषण का दर्द उकेरने और संरक्षण की राह भी सुझाने की पहल कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने की है। उन्होंने शहर की सुंदरता और पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता के विषयों पर सभी सरकारी भवनों के दीवारों में 2D और 3D  वॉल पेंटिंग्स करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर मैडम के पास प्रत्येक कार्यक्षेत्र के लिए अलग-अलग कुशल टीम है। टीम जुट गई है 5-6 फुट की तक गुटखा और पान से थूक-थूककर रंग देने वालों की मेहनत पर व्हाइट वाश करने के लिए।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिलासपुर के छात्र ई. श्रीधर की बात…

सशक्तीकरण ऐसे होता है पूरे देश के लाखों छोटे स्कूली बच्चों सहित बिलासपुर के ई.श्रीधर offline परीक्षा के लिए कमर कस परीक्षा पे चर्चा कर रहे हैं और college के बड़े बच्चों की online परीक्षा की मांग..भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में मेहनत और मांग का अंतर समझ आएगा।

 

वर्ष 2011 का यह समाचार नए जिलों के गठन पर यह आज भी प्रासंगिक है…

” नए जिलों के गठन की घोषणा के साथ ही प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। मंत्रिमण्डल ने नए जिलों के गठन का अनुमोदन करते हुए विगत दिनों हुई बैठक में नए जिलों की प्रशासनिक व्यवस्था हेतु 12 करोड़ रूपयों की राशि के आंतरिक बजट को मंजूरी दी। दावे-आपत्ति के निराकरण के पश्चात नए जिलों के लिए अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष नंद कुमार पटेल ने आगे बढ़कर 11 और नए जिलों के गठन की मांग कर डाली, जिसमें से 5 जिले तो सरगुजा संभाग से ही हैं। इसे लेकर पार्टी के दूसरे खेमे में नाराजगी है। प्रदेश के अनेक हिस्सों में और नए जिलों के गठन को लेकर धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम का दौर चालू हो गया है। आलम यह है कि छोटे से छोटे कस्बों को जिला बनाने की बेतुकी मांग जोर पकड़ती जा रही है।

खबर है कि कांग्रेस के एक खेमे ने तो सरगुजा संभाग को पृथक राज्य का दर्जा दिए जाने की भी मांग की है। तर्क दिया जा रहा है कि सरगुजा संभाग का क्षेत्रफल मणिपुर, केरल, गोवा जैसे राज्यों से भी अधिक विस्तृत है और इससे विकास को बढ़ावा मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल को बस्तर को अलग राज्य बनाए जाने पर संबंधी बयान पर अपनी पार्टी के भीतर ही विरोध का सामना करना पड़ा था, जबकि अजीत जोगी ने इसे एक सिरे से ही खारिज कर दिया था और बाद में श्री पटेल अपने बयान से पलटते नजर आए। जिस तरह से बयानबाजी, मांग की जा रही है, उससे तो यही लगता है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में 36 राज्य और प्रत्येक विधानसभा को जिला घोषित करने की बेतुकी मांग भी की जाएगी।”

 

ननकीराम बड़ा ताला जड़वायेंगे…

भाजपा लीडर सुश्री सरोज पांडे शराबबंदी के विषय पर विगत प्रवास में प्रेस वार्ता में खूब बोलीं लेकिन जब मैंने पूछा कि आपकी सरकार सत्ता में आएगी तो क्या पूर्ण शराबबंदी होगी ? तब उनका संक्षिप्त जवाब था – ” मैं उनकी नीतियों, घोषणा पत्र की बात कर रही हूं। ”


रामपुर में संचालित शराब दुकान को हटाने के लिए क्षेत्र की महिलाओं व स्थानीय पार्षदों के नेतृत्व में चल रहे धरना प्रदर्शन के समर्थन में अब पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर भी उतर गए हैं। उन्होने कहा कि है जब तक दुकान नहीं हटेगा तब तक आंदोलन जारी रखें।  ननकीरामजी विद्रोही स्वभाव के हैं , सत्ता पक्ष की हो या विपक्ष की बात खुलकर बोलते हैं और अब जब उनका समर्थन मिला है। प्रदर्शन को श्री कंवर के समर्थन मिलने से दुकान बंद होने की संभावना बढ़ गई है।

 

ससुराल पोर्टेबिलिटी…

वर्ष 2011 में क्रांति का आगाज करके लोकतंत्र बहाली के मार्ग पर चलने वाली 3 महिलाओं को नोबेल का शांति पुरस्कार मिला था। महिला और शांति पुरस्कार! घर में शांति बनाये रखने के लिये तरह-तरह के वास्तु नियम अपनाये जाते हैं। शांति के प्रतीकात्मक स्वरूप विश्व समुदाय में कबूतर स्वीकार्य है, पत्नी शांत-सरल हो तो पीठ पीछे भी प्रशंसा होती है। एक युवा नेता पिनक में रात में मिले, समस्या बताकर आध्यात्मिक सुझाव की मांग की। बोले – ” ससुराल को बदलना चाहता हूं भईया, ससुराल से परेशान हूं।

‘दूसरी शादी कर लो, नई ससुराल मिल जाएगी, नई पत्नी भी मिल जाएगी।” टालकर निकलने के प्रयास में मैं बोला।

“अरे नहीं भईया ! नशे में बड़बड़ाते हुए नेताजी बोले- मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह कोई सिस्टम बताओ, जिसमें पत्नी तो वहीं रहे, लेकिन ससुराल बदल जाए। मैं कंपनी (ससुराल) से परेशान हूं, नंबर (पत्नी ) तो अच्छी है।”

जैविक खेती को बढ़ावा ऐसे दें…


मनी कंट्रोल, जागरण, नई दुनिया सहित विभिन्न समाचार पत्रों में लगातार लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर जी खुलकर लिखते हैं, विगत दिनों छत्तीसगढ़ पर लिखा। बिलासपुर की एक घटना को लेकर उन्होंने लिखा -“छत्तीसगढ़ प्रदेश के बिलासपुर जिले की लाखासार ग्राम पंचायत ने गत साल किसानों के समक्ष एक शर्त रखी थी। किसान यदि प्रति एकड़ एक क्विंटल की दर से जैविक खाद खरीदेंगे तभी वे सहकारी समिति से रासायनिक खाद खरीद पाएंगे। जैविक खेती को बढ़ावा देने का यह एक अच्छा तरीका है। ”

सप्ताह की बात..

बचपन में चिरकना एक राष्ट्रीय नही वरन विश्वव्यापी कर्म है, जो बचपने के इस किस्से के हिस्से से इंकार करे तो समझिए कि वह झूठा है। बचपने की बात अलग है लेकिन बड़े होने पर…? जिले के एक अधिकारी ने अपने अधीनस्थ अधिकारी की कुछ गलतियों को लेकर इस कदर फटकार लगाई कि..

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