1951 से नए बने जलियांवाला बाग ट्रस्ट से कांग्रेस बाहर ..? शहीदों के परिजन व नेता विपक्ष होंगे ट्रस्ट में…राहुल बोले ” मैं एक शहीद का बेटा..” पंजाब cm ने की मोदी सरकार के स्मारक सुधार की प्रशंसा
इस संशोधन के साथ ही ट्रस्ट में कांग्रेस के अध्यक्ष के होने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई थी और इसके स्थान पर लोकसभा में विपक्ष के नेता या सबसे बड़े दल के नेता को सदस्य बनाया गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ” सरकार ने जलियांवाला बाग में जो क्रूरता दिखलाई है वह शहीदों का अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। राहुल गांधी ने एक ट़्वीट में कहा कि जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता। मैं एक शहीद का बेटा हूं, शहीदों का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं करूंगा।”
जलियाँवाला बाग के इस नए स्वरूप से कांग्रेस के नाराजगी का कारण इस ट्रस्ट से बाहर होने को भी जोड़कर देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष संसद के शीतकालीन सत्र के मध्य जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक विधेयक, 2019 राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया था और इस बिल के पास होने के साथ ही कांग्रेस के अध्यक्ष के न्यास के पदेन सदस्य होने का अधिकार भी मोदी सरकार ने समाप्त कर दिया था।
मोदी सरकार ने उस समय कहा कि ” 2023 में मौजूदा न्यास का कार्यकाल समाप्त होने पर नए सदस्यों में शहीदों के परिजन भी होंगे। संस्कृति मंत्रालय ने तब एक बयान जारी कर बताया था कि इस बिल का मकसद जालियाँवाला बाग़ प्रबंधक ट्रस्ट को राजनीति से दूर रखना है।”
इस संशोधन के साथ ही ट्रस्ट में कांग्रेस के अध्यक्ष के होने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई थी और इसके स्थान पर लोकसभा में विपक्ष के नेता या सबसे बड़े दल के नेता को सदस्य बनाया गया है।


