खेल की खबरों का मतलब पेप्सी और कोका कोला बेचने वाले, समंदर किनारे रुमाल बराबर कपड़ों में तथाकथित सेलिब्रिटी, क्रिकेटरों की सगाई की तस्वीरें और बेबी बंप दिखाना ही नहीं होता…

हमें समझना होगा कि खेल की खबरों का मतलब पेप्सी और कोका कोला बेचने वाले, समंदर किनारे रुमाल बराबर कपड़ों में तथाकथित सेलिब्रिटी, क्रिकेटरों की सगाई की तस्वीरें और बेबी बंप दिखाना ही नहीं होता…।।
अभी तक दीपिका कुमारी महतो को बधाइयों का तांता लग जाना था लेकिन सन्नाटा पसरा हुआ है, कारण ये कोई क्रिकेटर नहीं है।
अब किसी क्रिकेटर की उंगली तो फ्रैक्चर नहीं हुई है जो आपको मीडिया बता देती…दीपिका ने तो पेरिस में हो रहे मात्र 55 देशो के साथ वर्ल्ड तीरंदाजी चैंपियन में मात्र 3 gold madel ही जीते हैं।
दीपिका कुमारी महतो  एक रिकर्व भारतीय महिला तीरंदाज हैं। बिल्कुल निचले पायदान से निशानेबाजी के खेल में शुरुआत करने वाली वे आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की शीर्ष खिलाड़ियों में से एक हैं।
दीपिका कुमारी महतो 2012 से अन्तरराष्ट्रीय धनुर्धर खिलाड़ी हैं। अपने खेल जीवन में कुल 37 मेडल जीतने वाली महतो का जन्म झारखण्ड की राजधानी राँची के रातू नामक स्थान में ऑटो चालक शिवनारायण महतो और राँची मेडिकल कॉलेज में नर्स गीता महतो के घर हुआ था। बचपन से ही दीपिका अपने लक्ष्य पर केन्द्रित रही हैं।
दीपिका की माँ गीता बताती हैं कि बचपन में दीपिका एक दिन मेरे साथ जा रही थी कि रास्ते में एक आम का पेड़ दिखा। दीपिका ने कहा कि वो आम तोडेगी। मैंने उसे मना किया कि आम बहुत ऊँची डाल पर लगा है, वो नहीं तोड़ पायेगी, तो उसने कहा, नहीं आज तो मैं इसे तोड़ कर ही रहूँगी। उसने जमीन से पत्थर उठा कर निशाना साधा। पत्थर सीधे टहनी से टकराया और आम गिर गया। दीपिका का वो निशाना देख कर मुझे हैरानी हुई। ठीक वैसे ही जीवन में भी दीपिका जो लक्ष्य बना लेती है, उसे हासिल करके दिखाती है। उसने वैसा ही किया भी है। जिस गाँव में आज भी बिजली-पानी की सप्लाई तक नहीं है, वहाँ धनुर्विद्या की दिशा पकड़ना किसी धनुर्धर की ही निष्ठा हो सकती है।
अत्यन्त निर्धन परिवार से ताल्लुक रखने वाली दीपिका को अभी हाल में ही झारखण्ड सरकार ने राँची शहर में निशुल्क आवासीय भूखण्ड देने की घोषणा की है। वर्तमान में दीपिका टाटा स्टील कम्पनी के खेल विभाग की प्रबन्धक हैं।
राष्ट्रमण्डल खेल 2010 में उन्होने न सिर्फ व्यक्तिगत स्पर्धा के स्वर्ण जीते बल्कि महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण दिलाया। भारतीय तीरंदाजी के इतिहास में वर्ष 2010 की जब-जब चर्चा होगी, इसे देश की रिकर्व तीरंदाज दीपिका के स्वर्णिम प्रदर्शनों के लिए याद किया जाएगा। फिर इस्तांबुल में 2011 में और टोक्यो में 2012 में एकल खेलों में रजत पदक जीता। इस तरह एक-एक करके वे जीत पर जीत हासिल करती गईं। इसके लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया गया। 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दीपिका को पद्म श्री से सम्मानित किया।

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