किस VIP का बलिदान मांग रहीं हैं कोरबा पॉवर प्लांट्स की चिमनियां…जिला प्रशासन VDO बनाकर दे प्रबंधनो को चेतावनी

आश्चर्य की बात है बड़े-बड़े सुरक्षा मानकों पर बड़े-बड़े राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत हो चुके औद्योगिक प्रतिष्ठान क्या कोरबा सहित सम्पूर्ण प्रदेश में सुरक्षा मानकों पर वास्तव में खरे साबित हो रहे हैं?
प्रदेश के प्रत्येक जिले में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को अपने क्षेत्र में लगे औद्योगिक उपक्रमों की चिमनियों की समीक्षा रिपोर्ट प्रबंधन से मांगना चाहिए।
सीपत में NTPC पावर प्लांट की चिमनी की ऊंचाई को लेकर एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने चकरभाठा एयरपोर्ट को कमर्शियल एयरपोर्ट की सूची से निकालकर ऑउट कर दिया था। व्यावासयिक एयरपोर्ट की सूची में दोबारा सूचीबद्ध होने में बिलासपुर को 10 वर्षों तक प्रतीक्षा करने में लग गए।
विमान सेवा प्रारंभ होने में हो रहे विलंब के लिए सड़क मार्ग से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित NTPC सीपत की चिमनी बहुत बड़ा रोड़ा बन गया था। सारे राजनीतिक दलों और अन्य सामाजिक संस्थाओं के लंबे प्रयास के बाद व्यावासयिक एयरपोर्ट की सूची में चकरभाठा एयरपोर्ट को सूचीबद्ध किया गया था।
बिलासपुर एअरपोर्ट का उदाहरण देने का आशय सिर्फ यही बताना है कि एयरपोर्ट अथारिटीऑफ इंडिया किस तरह कड़े नीति निर्देशों के तहत काम करती है।
कोरबा में स्थित सभी थर्मल पॉवर प्लांट की चिमनियों को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के नियमों  के साथ ही चिमनी के लिए तय मानक मापदंडों को मुंह चिढ़ाते हुए देखा जा सकता है।
कोरबा की सीमा में किसी भी दिशा से प्रवेश करने पर आप  चाहे या न चाहें थर्मल पॉवर प्लांट की चिमनियों के दर्शन आपको करने ही पड़ेगे।
थर्मल पॉवर प्लांट की चिमनी लगभग 275 मीटर तक की ऊंचाई वाली एक लंबी संरचना के शीर्ष तक विभिन्न ऊंचाई पर विमानन चेतावनी रोशनी तय की जाती है। कोहरे या धूल भरी आंधी होने पर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हेलीकॉप्टर, हल्के एयरक्राफ्ट उड़ान के वक़्त लगातार खतरे में होते हैं क्योंकि कोहरे, आंधी, बादलों के कारण दृश्यता कम होती है।
हल्की ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट के लिए इस तरह की flash light और चमकती लाल बत्ती की चकाचौंध करती चमकदार रौशनी पायलटों का ध्यान आकर्षित करती है और पायलटों को काफी दूर से सामने चिमनी के होने का आभास हो जाता है। जानकारी के अनुसार चिमनियों में लगने वाले flash lights को एविएशन Light कहा जाता है।
कोरबा के लगभग सारे पॉवर प्लांटस की चिमनियों में पर्याप्त संख्या में flash light का अभाव है। लाल बत्तियां भी सभी दिशाओं से चारों ओर सभी चिमनियों में पूरी तरह से नहीं लगी हुई है। HTPP की 2 चिमनियों में तो पूरी तरह अंधकार है। बालको स्थित पॉवर प्लांट की चिमनियों में भी पर्याप्त संख्या में प्रकाश का अभाव है जबकि बालको से रूमगड़ा एयरस्ट्रिप हवाई मार्ग से मात्र कुछ सौ मीटर की दूरी पर है।
कोरबा अब ग्राम पंचायत के बाद 35 वर्ष के अल्प समय में  विकास की दौड़ में देश मे सबसे तेजी से विकसित VIP शहर बन चुका है और लगातार शासन-प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों का आवागमन हेलीकॉप्टर या रूमगड़ा स्थित हवाई पट्टी पर लगा ही रहता है।
कोरबा में SECL स्थित हेलीपैड की बात हो, ट्रांसपोर्ट नगर का स्टेडियम हो या CSEB चौक स्थित cseb का स्टेडियम जहां अक्सर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग होती ही रहती है, वहां से cseb की चिमनियों की दूरी वायुमार्ग से मात्र लगभग 1000 से 500 मीटर की दूरी पर होगी।
रूमगड़ा हवाई पट्टी बालको पॉवर प्लांट की चिमनी से सड़क मार्ग से लगभग 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर है।
यहां पर विशेष उल्लेखनीय तथ्य है कि बिलासपुर में चकरभाठा एअरपोर्ट की दूरी NTPC सीपत की पॉवर प्लांट की चिमनी से दूरी लगभग 30 किलोमीटर होने के बाद भी सुरक्षा की दृष्टि से एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने चकरभाठा एयरपोर्ट को कमर्शियल एयरपोर्ट की सूची से निकालकर ऑउट कर दिया था और व्यावासयिक एयरपोर्ट की सूची में दोबारा सूचीबद्ध होने में बिलासपुर को 10 वर्षों तक प्रतीक्षा करने में लग गए।
सुरक्षा मानकों पर कई पुरस्कार विजेता बालको पॉवर प्लांट का हाल 
बालको HR श्रीमती मानसी चौहान ने बालको पॉवर प्लांट की चिमनियों में लगे एविएशन लाइट्स को लेकर कहा – ” अभी मैं बाहर हूं, आप दीपक विश्वकर्मा जी से बात कर लीजिए।”
जब दीपक विश्वकर्मा से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में अनभिज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि ” चिमनी वाली बात है, इसको टेक्निकल लोग ही समझेंगे।” आश्चर्य की बात है कि इतनी ऊंचाई पर रोज दिखाई देने वाली चिमनी की लाइट्स व्यवस्था पर इतने लंबे समय से अव्यवस्था पर किसी उच्चाधिकारी की नजर नहीं जा रही है, जबकि रूमगड़ा एयरस्ट्रिप पास होने के कारण सबसे संवेदनशील एरिया में बालको की चिमनियां है।
भारत की नवरत्न कंपनी भी अंधेरे में
NTPC के pro बी.पी. साहू ने बताया कि ” चिमनी में फ़्लैश लाइट्स सहित अन्य प्रकाश प्लेन,हेलीकॉप्टर की सुरक्षा की दृष्टि से लगाए जाते हैं और NTPC की सभी चिमनियों में मानक मापदंडों पर पूर्ण प्रकाश की व्यवस्था है। सुरक्षा की दृष्टि से हम लगातार इसका निरीक्षण करते हैं। “
श्री साहू के कथन के विपरीत स्थिति NTPC में है और  google पर NTPC की timeline पर उनके द्वारा post की पुरानी फ़ोटो ही NTPC के कथन को झूठा सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है और NTPC की चिमनियों में लाइट्स व्यवस्था तो वर्तमान स्थिति में और भी भयावह है।
सबसे ज्यादा खतरनाक है cseb पूर्व की बंद इकाइयों की चिमनियां
CSEB east की 4 इकाइयों के प्रचालन को पर्यावरण मानकों के कारण करीब 6 माह पूर्व बंद कर दिया गया था और बतौर स्क्रैप इसकी नीलामी की गई थी। बंद पड़ी दोनों इकाइयों की चिमनियां तो हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्टस के लिए बहुत बड़ा खतरा है या कहा जाए तो बम है क्योंकि इन दोनों चिमनियों के बंद होने के बाद से इसमे कोई भी किस्म की लाइट्स या फ़्लैश लाइट्स नहीं जलाई जा रही है। समझा जा सकता है कि ऐसे में कोई बड़ा हादसा किसी VIP के साथ होने की दशा में उसकी जिम्मेदारी किस पर आएगी??
हसदेव थर्मल पॉवर प्लांट जिसे West के नाम से भी जाना जाता है, वहां की  2 चिमनियों में तो पूरी तरह अंधकार है। पास जाकर देखने पर उसमे से सिर्फ धुंवा निकलता दिखाई देगा।
CSEB की जेनेरेशन MD एन.के. बिजौरा व cseb east के CE एम.डी. बघेल से इस संबंध में जानकारी के लिए कॉल किए जाने पर कॉल रिसीव नही किया जा सका।
आश्चर्य की बात है बड़े-बड़े सुरक्षा मानकों पर बड़े-बड़े विश्वस्तरीय पुरस्कार से पुरस्कृत हो चुके औद्योगिक प्रतिष्ठान क्या कोरबा सहित सम्पूर्ण प्रदेश में सुरक्षा मानकों पर खरे साबित हो रहे हैं?
प्रदेश के प्रत्येक जिले में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को अपने क्षेत्र में लगे औद्योगिक उपक्रमों की चिमनियों की समीक्षा रिपोर्ट प्रबंधन से मांगना चाहिए।
कोरबा जिला प्रशासन को तो चारों ओर से चिमनियों से घिरे शहर होने के कारण इस दिशा में विशेष रुप से ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि औद्योगिक प्रबंधन की लापरवाही से कोई गंभीर दुर्घटना घटित न हो। बारिश के मौसम में अधिकतर चारों तरफ अंधकार कोहरे के कारण छाया रहता है, ऐसे में जिला प्रशासन को कड़ाई निर्देशित करना चाहिए कि दिन में भी चिमनियों में लाइट्स की व्यवस्था बनी रहे।DSPM दिन में भी लाइट्स चालू रखता था लेकिन पिछले कुछ महीनों से वहां भी अव्यवस्था है।

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